फैक्ट चेक

बुर्क़ा पहने शराब तस्कर का वीडियो फ़र्जी दावे के साथ वायरल

बूम ने पाया कि वीडियो आंध्र प्रदेश से है और इसमें दिख रहे लोग आरएसएस से संबंधित नहीं हैं ।

By - Archis Chowdhury | 20 Aug 2020 5:54 PM IST

बुर्क़ा पहने शराब तस्कर का वीडियो फ़र्जी दावे के साथ वायरल

पुलिस अधिकारी को बुर्क़ा पहने व्यक्ति को पकड़ते दिखाता एक वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि गिरफ्तार हुआ व्यक्ति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य है जो बुर्क़ा पहन पाकिस्तानी झंडा लहरा रहा था।

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो का यह दावा फ़र्ज़ी है। वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में अवैध शराब की तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार शराब तस्करों का है। गिरफ़्तारी का नेतृत्व कर रहे चीफ़ इंस्पेक्टर (आबकारी) लक्ष्मी दुरगईया ने बूम को बताया कि आरोपी न तो कोई झंडा फहरा रहे थे और न ही उनमें से किसी का आरएसएस से कनेक्शन था।

बुर्क़े में पकड़े गए शख्स का पुराना वीडियो सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश चव्हाणके से जोड़कर वायरल

वायरल वीडियो में एक पुलिस अधिकारी एक व्यक्ति से बुर्क़ा उतारने को कहते हुए दिखाया गया है। बुर्क़ा उतरने के बाद अंदर पैंट-शर्ट पहने व्यक्ति अन्य गिरफ़्तार किए गए अपने साथियों के साथ बैठ जाता है।

वायरल वीडियो (आर्काइव) के साथ कैप्शन में लिखा है: बुर्का पहनकर पाकिस्तान का झंडा लहरा रहा था यह आर एस एस का #### मुसलमान सतर्क रहें यह लोग नई नई चाल चल रहे हैं मुसलमानों को बदनाम करना है, कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया है।


 एक अन्य पोस्ट ''मुसलमानों को बदनाम करने के लिए बुर्क़ा पहनकर साज़िश करते पकड़ा गया एक मासूम भक्त '' कैप्शन के साथ शेयर किया गया है।

वायरल वीडियो सामान कैप्शन के साथ ट्विटर पर वायरल है।

आर्काइव यहां और यहां देखें।

कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि "मुसलमानों को बदनाम करने के लिए!"


फ़ैक्ट चेक

वायरल पोस्ट का कमेंट सेक्शन खंगालने पर बूम ने पाया कि कई यूज़र्स ने कमेंट में दावा किया कि वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के कुर्नूल का था और वीडियो शराब तस्करों से सम्बंधित था।

क्या हिन्दू महिला बुर्का पहन कर सी.ए.ए का समर्थन कर रही है?

इन कमेंट्स में किये दावों के आधार पर हमने इंटरनेट पर खोजबीन शुरू की, जिसमें हमें 7 अगस्त, 2020 को ईटीवी आंध्र प्रदेश के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वही वीडियो मिला।

इस वीडियो की हैडलाइन "बुर्क़ा पहनकर अवैध शराब की तस्करी के आरोप में कई गिरफ़्तार'" थी।

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हमें एक तेलुगु न्यूज़ पोर्टल एनटीवी में इसी घटना से जुड़ी रिपोर्ट मिली, जिसमें वीडियो के स्क्रीनशॉट थे। पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि पुलिस ने बुर्क़ा पहने शराब तस्करों को गिरफ़्तार किया है, जो तेलंगाना से सस्ते दाम में शराब ख़रीदकर आंध्र प्रदेश में उंची दरों पर बेचते थे।

नहीं, बुर्क़े में पकड़ा गया यह शख़्स भाजपा का सदस्य नहीं है

बूम ने कुर्नूल के एक स्थानीय रिपोर्टर से संपर्क किया, जिसने इस बात की पुष्टि की कि वीडियो में दिखाई गई घटना कुर्नूल जिले में हुई, और हमें इसी घटना से जुड़ा दूसरा वीडियो भेजा। दूसरे वीडियो में आसानी से देखा जा सकता है कि तस्कर जब्त की गयी शराब की बोतलों के सामने बैठे हुए हैं।

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बूम ने कुर्नूल के चीफ़ इंस्पेक्टर (आबकारी) लक्ष्मी दुरगईया से संपर्क किया, जिन्होंने इस गिरफ़्तारी को अंजाम दिया था। इंस्पेक्टर ने घटना में किसी सांप्रदायिक कोण होने से इंकार किया।

उन्होंने बताया कि, "यह लोग शराब तस्कर हैं, इन लोगों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए बुर्क़ा पहना था। इनका आरएसएस से कोई संबंध नहीं है और ना ही ये किसी प्रकार का झंडा लहरा रहे थे।"

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