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फैक्ट चेक

इंदौर में पिटाई का वीडियो यु.पी पुलिस के अत्याचारों के रूप में वायरल

बूम ने पाया की वीडियो 2015 में इंदौर पुलिस द्वारा अपराधियों की पिटाई का है जो उत्तर प्रदेश और सी.ए.ए प्रदर्शन से सम्बंधित नहीं है

By - Saket Tiwari | 22 Jan 2020 5:00 PM IST

करीब दो मिनट बीस सेकंड लम्बा वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है| इसमें पुलिसकर्मियों द्वारा कुछ लोगों को पीटते हुए दिखाया गया है| बिना रुके पुलिस इन लोगों पर लाठियां बरसा रही है| दावा किया जा रहा है की यह उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की पिटाई का वीडियो है|

आपको बता दें की यह दावा फ़र्ज़ी है और यह वीडियो करीब पांच साल पुराना है|

बूम ने पाया की वीडियो मध्य प्रदेश के शहर इंदौर का है| इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है: "UP Police प्रस्तुत शॉर्ट फिल्म अंजाम ऐ पत्थरबाजी देश की संपत्ति को नुकसान पहुचाने वालो के साथ यही होना चाहिये"

यह भी पढ़ें: प्रदर्शन के दौरान आरएसएस कर्मी पुलिस की पोशाक में? फ़ैक्ट चेक

इन ट्वीट्स को नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ उपलब्ध हैं|


करीब एक महीने पहले भारतीय लोक सभा और राज्यसभा में पारित हो कर नागरिकता संशोधन बिल एक अधिनियम बन गया, जिसके बाद से देश भर में प्रदर्शन शुरू हैं| सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 2020 को सुनवाई में इसपर रोक लगाने से मना कर दिया है| इस मामले के बारे में यहाँ पढ़ें| यह फ़र्ज़ी खबर पिछले महीने उत्तर प्रदेश पुलिस पर प्रदर्शनकरियों द्वारा पत्थरबाज़ी के चलते वायरल है|

यह फ़ेसबुक पर भी पहले से समान दावों के साथ वायरल है|

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बूम ने इन प्रदर्शनों के चलते फ़ैल रही अफवाहें और फ़र्ज़ी ख़बरों को खारिज किया है|

यह भी पढ़ें: काल्पनिक अनिल उपाध्याय की वापसी, इस बार सीएए के ख़िलाफ भाजपा विधायक के रूप में

यह भी पढ़ें: क्या ये सीएए के विरोधियों पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही है?

यह भी पढ़ें: शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों के लिए 'फिक्स रेट' का दावा करने वाला पोस्टर फ़र्ज़ी है

फ़ैक्ट चेक

बूम ने एक वीडियो ट्वीट के कमेंट सेक्शन में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एक ट्वीट देखा जिसमें पुलिस ने इसके उत्तर प्रदेश से सम्बन्ध को नकारा था| उन्होंने लिखा: "वीडियो में दिखायी जा रही घटना @UPPolice से संबंधित नहीं है कृपया भ्रामक प्रचार न करें!"

इसी के साथ एक यूट्यूब वीडियो भी जोड़ा था| यह घटना दरअसल मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुई थी| यह 2015 में पुलिस द्वारा अपराधियों को पीटने का वीडियो है| ए.बी.पी न्यूज़ द्वारा इस वीडियो और कई अन्य वीडिओज़ की एक रिपोर्ट नीचे देखि जा सकती है|

Full View

हमनें इंदौर में हुई इस झड़प के बारे में और खोज की और पाया की यह कार्यवाही मई 2015 में कई दिनों तक चली थी| इंदौर पुलिस का कहना था की अपराधियों को उनके इलाके में जाकर मारने से लोगों में डर कम होगा| इसपर आजतक का लेख यहाँ पढ़ें|


इसके अलावा समान वीडियो को आजतक ने भी ख़ारिज किया था|



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