यूपी के संभल मामले के बाद अब अजमेर स्थित मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है और सर्वे कराने की मांग की जा रही है.
सोशल मीडिया पर भी अब इससे संबंधित कुछ मनगढ़ंत दावे वायरल हो रहे हैं. इन दावों में कहा गया कि अजमेर दरगाह का सर्वे करने वाले अधिकारी की हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई और याचिकाकर्ता के बेटे को कैंसर हो गया.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. अजमेर दरगाह में अभी तक ऐसा कोई सर्वे नहीं कराया गया. यह मामला अभी अजमेर सिविल कोर्ट में है, जिसपर 20 दिसंबर को सुनवाई होनी है. इसके अलावा याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने भी उनके बेटे को कैंसर होने वाले दावे का खंडन किया है.
दरअसल अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर कोर्ट में एक याचिका दायर की. इस याचिका में दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने का दावा किया गया.
फेसबुक पर इससे संबंधित दावे में कहा गया, 'अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का सर्वे करने वाले अधिकारी को आया हार्ट अटैक जिससे उसकी हुई मौत..'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
इससे संबंधित एक अन्य पोस्ट में मामले के याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता को लेकर दावा किया गया, 'अजमेर पर याचिका देने वाले का बेटा कैंसर पीड़ित हो गया और सर्वे का अधिकारी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
हमने संबंधित कीवर्ड्स की मदद से इस घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स की तलाश की. हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो. हमने पाया कि अजमेर शरीफ के सर्वे को लेकर अभी कोई आदेश नहीं आया है.
पड़ताल में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया कि दरगाह के नीचे मंदिर वाली याचिका पर 20 दिसंबर को सुनवाई होनी है.
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991' के तहत मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े नए मुकदमे दाखिल करने पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के सर्वेक्षण पर स्टे लगाते हुए केंद्र सरकार से चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है.
पुष्टि के लिए हमने अजमेर दरगाह थाने से संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया कि दरगाह में इस तरह कोई सर्वे नहीं हुआ है. अभी वहां शांतिपूर्ण तरीके से उर्स मेले की तैयारी चल रही है.
अधिकारी के हार्ट अटैक वाले दावे पर दरगाह के हेड कांस्टेबल ने बूम को बताया, "दरगाह मामले से जुड़े किसी अधिकारी के हार्ट अटैक या मौत की घटना से संबंधित कोई सूचना हम तक नहीं आई है."
याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने एक्स पर अपने बेटे से संबंधित दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि उनके बेटे को कैंसर होने वाली बात झूठी है.