नवंबर 2018 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में किसान आंदोलन हुआ| एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया जिसे अब ग़लत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को बुरी तरह पीटते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो हाल ही का है जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने वालों को यूपी पुलिस द्वारा पिटाई करते हुए दिखाया गया है।
बूम ने पाया कि वीडियो उन्नाव का है| इसमें यूपी पुलिस और किसानों के बीच झड़प देखि जा सकती है| यह टकराव कथित तौर पर अधिग्रहित भूमि के लिए मुआवजा ना मिलने पर हुआ था| किसान सरकार के ख़िलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वीडियो को कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसका हिंदी अनुवाद है, "देखो हिन्दुत्व का असली चेहरा. हिन्दुत्व पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किया। एक व्यक्ति पुलिस हिंसा से बेहोश हो गया था और हिंदुत्व पुलिस अभी भी बेहोश व्यक्ति की पिटाई कर रही है। #CAA_NRC_NPR "
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पोस्ट नीचे देखा जा सकता है| इनके अर्काइव वर्शन तक यहां और यहां पहुंचा जा सकता है।
#Endia2019Highlights
— Suleman Shah (@Suleman2567) December 29, 2019
Watch the real face of hindutva Police
hindutva police attacked on peaceful protesters One person was knocked unconscious by severe police violence and Hindutva police is still beating unconscious person.#CAA_NRC_NPR #2019BlackYear4kashmiris pic.twitter.com/uNAoSSRezY
#RoadToEndia2020
— Sheraz jutt (@Sheraz_jutt9) January 1, 2020
Watch the real face of hindutva Police
hindutva police attacked on peaceful protesters One person was knocked unconscious by severe police violence and Hindutva police is still beating unconscious person.#محبت_مافیا pic.twitter.com/XrUtSlZFt6
फ़ैक्ट चेक
बूम से यह पता लगाने में सक्षम था की यह वीडियो नवंबर 2019 से है| सीएबी पास होने और देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन से पहले का है। हमें नवंबर से कई ट्वीट मिले जिसमें उन्नाव पुलिस पर बर्बरता करने और एक किसान के बेहोश हो जाने तक पिटाई करने का आरोप लगाया गया था।
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आरोपों के जवाब में, उन्नाव पुलिस ने 19 नवंबर, 2019 को उसी घटना का एक अन्य वीडियो जारी किया जो दूसरे कोण से शूट किया गया था। वीडियो में उसी व्यक्ति को कुछ ही मिनटों बाद उठते और जान बचा कर भागते दिखाया गया था, जिसके लिए कहा गया था कि पुलिस ने उसकी बेहोश हो जाने तक पिटाई की है।
कतिपय समाचार चैनलों एवं सोशल मीडिया पर जमीन पर पड़े अधमरे युवक की पिटाई की घटना का सही वीडियो @Uppolice @dgpup @adgzonelucknow @bstvlive @News18UP @ZEEUPUK @aajtak @samachar_plus @Knewsindia @CMOfficeUP pic.twitter.com/c8pN9I6iiu
— UNNAO POLICE (@unnaopolice) November 19, 2019
जैसा कि ऊपर के वीडियो में देखा जा सकता है कि, वह व्यक्ति उठ कर भाग रहा है।
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उन्नाव पुलिस द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो बाइट में पुलिस अधीक्षक, उन्नाव, एमपी वर्मा ने कहा,"उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, यूपीएसआईडीसी, द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस बीच, कुछ ग्रामीणों सहित कई उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों और यूपीएसआईडीसी के कार्यकर्ताओं पर हमला और पथराव किया। अराजकता के बीच, एक व्यक्ति जमीन पर गिर गया और देखा जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी उसे डंडे से...पटक रहा है। उसी समय का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस को एक जमीन पर गिरे हुए और अधमरे आदमी को पीटते हुए दिखाया गया है। लेकिन, इस घटना की जांच में पता चला है कि वह व्यक्ति 'अधमरा' नहीं था। कुछ समय बाद वह खड़ा हुआ और भाग गया। हम मामले की जांच कर रहे हैं और उचित कार्रवाई करेंगे।"
ट्वीट तक आप यहां पहुंच सकते हैं।
प्रकरण के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक उन्नाव द्वारा दी गयी बाइट । pic.twitter.com/GwqIVkbKiM
— UNNAO POLICE (@unnaopolice) November 19, 2019
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पहले भी वायरल हुआ वीडियो
घटना के कुछ दिनों बाद, वीडियो वायरल हुआ था जिसमें यूपी के उन्नाव में किसानों पर पुलिस की बर्बरता का दावा किया गया था।
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Police can defend lathi charge as necessary force required to disperse a violent mob. But, what on earth is this?
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) November 17, 2019
Already unconscious after lathi charge, this UP farmer in Unnao was shown no mercy.
Warning: Disturbing video pic.twitter.com/YZKlfWYsOD
विरोध के बारे में समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि किसान ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए अपनी भूमि के अधिग्रहण के ख़िलाफ आंदोलन कर रहे थे और कथित तौर पर उन्हें पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल रहा था। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, "यूपी में उन्नाव जिले के तीन गांव, जहाँ शनिवार को ज़मीन अधिग्रहण की हलचल के दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया, सोमवार को भी तनाव बना रहा जैसा कि भारी पुलिस तैनाती के बाद ,कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। किसानों ने दावा किया कि जिला प्रशासन उन्हें विरोध प्रदर्शन करने पर परेशान कर रहा था और गिरफ़्तारी के डर से युवा अपने घरों से भाग गए हैं। लेकिन पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं कि कानून और व्यवस्था की समस्या फिर से न हो।"