सूर्यग्रहण दर्शाते एक डिजिटल आर्टवर्क की तस्वीर को हाल ही में 21 जून को हुए सूर्यग्रहण के रूप में शेयर किया जा रहा है । आर्टवर्क को इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि अटलांटिक महासागर को पार करते वक्त एक ब्रिटिश एयरवेज़ पायलट ने यह तस्वीर खींची थी।
ये डिजिटल आर्टवर्क दरअसल 2017 से ऑनलाइन मौजूद है। तस्वीर में फ़ोटोशॉप द्वारा एक विमान जोड़ा गया है।
बूम ने पाया की मूल तस्वीर, जो बिना विमान की है, एडोब से लिया गया एक स्टॉक फ़ोटो है। इसका शीर्षक है: 'सूर्य ग्रहण: तस्वीर के तत्व नासा द्वारा सुसज्जित,' जिस से पता चलता है की तस्वीर में डिजिटल रूप से हेरफेर किया गया है, और यह ग्रहण की वास्तविक तस्वीर नहीं है।
व्हाट्सएप्प पर भी यही तस्वीर और इसके साथ किया गया गलत दावा वायरल है।
ये तस्वीर फ़ेसबुक पर काफी वायरल है |
तस्वीर को ऐसे समय शेयर किया जा रहा है जब भारत में 21 जून को सुबह 9.15 से दोपहर 3.04 तक का सूर्यग्रहण देखा गया था।
नासा ने कहा है की ऐसा सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है और सूर्य के पूरे दृश्य को अवरुद्ध नहीं करता, जिससे चाँद के इर्द-गिर्द सूर्य के प्रकाश की एक अंगूठी-सी दिखाई देती है । इसे 'रिंग ऑफ़ फ़ायर' कहा जाता है ।
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने जब तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमारे सामने एक अन्य तस्वीर आयी जिसमे यह विमान नहीं दिखाई देता । हमें यही तस्वीर 2017 से इंटरनेट पर मौजूद मिली जिससे स्पष्ट होता है की ये 21 जून, 2020 के सूर्यग्रहण से पहले की है।
हमें रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक एडोबी स्टॉक फ़ोटो मिला जिसके साथ एक अंग्रेज़ी कैप्शन है जो कहता है 'Solar Eclipse "Elements of this image furnished by NASA' | इसके साथ एक नाम - 'muratart' -भी है | हालांकि इस तस्वीर में हवाई जहाज नज़र नहीं आता | इस तस्वीर के साथ दिए कैप्शन से प्रतीत होता है की ये एक डिजिटल आर्टवर्क है ना की सूर्यग्रहण की असल तस्वीर |
'Solar Eclipse "Elements of this image furnished by NASA' कीवर्ड के साथ सर्च करने पर पता चला की शटरस्टॉक की लाइब्रेरी में भी यही तस्वीर मौजूद है। इस तस्वीर के कलाकार muratart की सूर्य ग्रहण कलाकृतियों की एक पूरी गैलरी है ।
सोशल मीडिया पर यह तस्वीर 2017 से वायरल है, कभी विमान के साथ तो कभी उसके बिना। बूम ने 2017 में भी इस तस्वीर के साथ के दावों को फ़ैक्ट चेक किया था।
यदि सूर्यग्रहण की तस्वीर खींचने के लिए नासा द्वारा जारी किये गए दिशानिर्देशों को देखा जाये तो पता चलता है की स्मार्टफोन से ऐसी तस्वीर खींचना इतना आसान नहीं होता | वायरल तस्वीर जैसी फ़ोटो निकालने के लिए टेलीफ़ोटो लेंस और और फिल्टर्स बेहद ज़रूरी हैं | और एक हवाई जहाज़ की खिड़की से ऐसी तस्वीर निकालना तो नामुमकिन के बराबर है |
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