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फैक्ट चेक

बिहार में दलित नेता के साथ मारपीट के गलत दावे से महाराष्ट्र का वीडियो वायरल

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो महाराष्ट्र के लातूर का है, जहां 20 जुलाई को एनसीपी (अजित पवार) और छावा संगठन के नेताओं के बीच झड़प हो गई थी.

By -  Jagriti Trisha |

1 Aug 2025 2:23 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच सोफे में बैठने को लेकर एक दलित नेता के साथ मारपीट के गलत दावे से महाराष्ट्र का वीडियो वायरल है. 

बूम ने पाया कि वीडियो महाराष्ट्र के लातूर का है. यहां 20 जुलाई 2025 को एनसीपी और मराठा संगठन 'छावा' के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.

इस दौरान एनसीपी के लोगों ने छावा संगठन के विजय घाटगे समेत कई अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की थी. बूम से बातचीत में विजय घाटगे ने भी वायरल हो रहे दावे का खंडन किया है.

सोशल मीडिया पर क्या है वायरल

एक्स और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो वायरल है. करीब 11 सेकंड के इस क्लिप में दो पक्षों के बीच झड़प होती नजर आ रही है, जिसमें एक पक्ष सोफे पर बैठे व्यक्ति के साथ मारपीट करता दिख रहा है. एक फेसबुक यूजर ने वीडियो को बिहार की घटना बताते हुए दावा किया कि 'दलित नेता को सोफे पर बैठने के कारण पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया.' (आर्काइव लिंक)

वहीं एक्स पर कई यूजर ने इसे समाजवादी पार्टी से जोड़ते हुए शेयर किया, 'एक दलित नेता सोफे पर बैठ गया तो यादवों को अच्छा नहीं लगा और सपा PDA के नेताओं ने SC नेता को मिलकर मारपीट दिया..' (आर्काइव लिंक)

पड़ताल में क्या मिला 

जांच के दौरान हमने पाया कि वायरल वीडियो महाराष्ट्र का है जहां एनसीपी के नेताओं ने छावा संगठन के कार्यकर्ता विजय घाटगे के साथ मारपीट कर दी थी.

वीडियो महाराष्ट्र के लातूर का है

रिवर्स इमेज सर्च और संबंधित कीवर्ड के जरिए हमें घटना से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं, जिनमें वायरल वीडियो वाले विजुअल मौजूद थे.

दैनिक जागरण और न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जुलाई को अजित पवार की नेतृत्व वाली एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने छावा संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर दी. इससे पहले छावा संगठन के सदस्यों ने लातूर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे के सामने ताश के पत्ते फेंके थे.

एनसीपी और छावा संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच हुई थी झड़प

दरअसल छावा संगठन के लोग महाराष्ट्र के कृषि मंत्री और एनसीपी नेता मानिकराव कोकाटे से इस्तीफे की मांग कर रहे थे. कोकाटे महाराष्ट्र विधानसभा में अपने मोबाइल फोन पर कथित तौर पर 'रमी' खेलते पाए गए थे, जिसका वीडियो वायरल हो गया था. 

वीडियो सामने आने के बाद महाराष्ट्र में सांस्कृतिक संरक्षण और किसानों के मुद्दे पर काम करने वाले छावा संगठन के कार्यकर्ताओं ने कृषि मंत्री के इस्तीफे की मांग की और लातूर में एनसीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे के सामने ताश के पत्ते फेंक दिए. इसके बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं ने छावा संगठन के नेता विजय घाटगे समेत कई लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी.

एनसीपी के 11 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में हमले में शामिल एनसीपी युवा विंग के अध्यक्ष सूरज चव्हाण के हवाले से बताया गया कि विजय घाटगे और दूसरे कार्यकर्ता उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे जिसके चलते यह झड़प हुई. इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने सूरज चव्हाण के खिलाफ कार्रवाई स्वरूप उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने का आदेश भी दिया था.

वहीं बढ़ते विवाद को देखते हुए शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने कोकाटे से कृषि मंत्रालय वापस लेकर उन्हें खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी. 

एनसीपी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार और रोहिणी खडसे ने भी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से इस वीडियो को शेयर किया और इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. 

पीटीआई के मुताबिक छावा संगठन के कार्यकर्ताओं की पिटाई के सिलसिले में एनसीपी के 11 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

जातिगत हिंसा का कोई एंगल नहीं

अधिक जानकारी के लिए बूम ने छावा संगठन के विजय घाटगे से संपर्क किया. उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया कि इस मारपीट की घटना में सत्ताधारी पक्ष एनसीपी अजित पवार के लोग शामिल थे. वह उस समय किसानों की मांगों को लेकर एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे से मिलने पहुंचे थे.

घाटगे ने कहा, "इसमें जातीय हिंसा का कोई एंगल नहीं था. मैं मराठा समुदाय से आता हूं. वहां उस वक्त हम में से कोई दलित समुदाय से नहीं था."



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