HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

फ़र्ज़ी क्वोट का दावा - सचिन तेंदुलकर ने मीट की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा

वायरल पोस्ट में झूठा दावा किया गया है कि सचिन तेंदुलकर ने कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण मांस की बिक्री पर बैन लगाने के लिए कहा है।

By - Sumit | 19 March 2020 3:22 PM GMT

क्रिकेटर, सचिन तेंदुलकर के नाम से सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। मैसेज में दावा किया जा रहा है कि तेंदुलकर ने कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनज़र मांस की दुकानों को बंद करने की बात कही है। यह दावा ग़लत है। वायरल पोस्ट, मास्टर ब्लास्टर की तस्वीर के साथ दिए गए टेक्स्ट में लिखा है,"कोरोना वायरस एक महामारी है जो मांसाहार खाने से हुई है, तो स्कूल कालेज मोल ही बंद क्यों? तमाम मीट मांस की दुकाने बंद होनी चाहिए - सचिन तेंदुलकर।"

बूम ने समाचार रिपोर्टों और क्रिकेटर के सोशल मीडिया हैंडल की जाँच की लेकिन ऐसा कोई बयान नहीं पाया।

यह भी पढ़ें:  चीन में संदिग्ध कोविड -19 मरीज़ों पर पुलिस की कार्यवाही दिखाने वाला वीडियो फ़र्ज़ी है

वायरल बयान के अर्काइव वर्शन तक पहुंचने के लिए यहां क्लिक करें।

Full View



अर्काइव वर्शन के लिए यहां क्लिक करें।

हम बता दें कि यही दावा कुछ समय से तेंदुलकर के नाम के बिना सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। क्रिकेटर का नाम हाल ही में दावे के साथ फ़र्ज़ी तरीके से जोड़ा गया है।


कोरोनावायरस प्रकोप के बाद से, ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि मांस की खपत के कारण कोरोनावायरस फैलता है। बूम ने पहले भी ऐसी ख़बरों को खारिज किया है।

कोरोनावायरस पर लाइव अपडेट

यह भी पढ़ें: कोरोनावायरस: फ्री मास्क का वादा करने वाला वायरल सन्देश फ़र्ज़ी है

इससे पहले बूम ने इन्स्टिटूशन ऑफ वेट्रनेरीअन ऑफ पॉल्ट्री इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट, डॉ जी देवेगौड़ा से बात की थी। उन्होंने कहा, "कोरोनावायरस भोजन के माध्यम से नहीं फैलता है - चाहे वह चिकन या मांस हो। ऐसा कोई वैज्ञानिक या मडिकल साक्ष्य सामने नहीं आया है जिससे साबित हो कि चिकन या दूध के ज़रिए यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है।" उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग चिकन सहित मांस का सेवन करते हैं उन्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। "उपभोक्ताओं को किसी भी भोजन के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है - चाहे वह शाकाहारी भोजन हो या मांसाहारी भोजन।"

फ़ैक्टचेक

मांस की दुकानों को बंद करने की मांग करते हुए सचिन तेंदुलकर के बयान पर समाचार रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए बूम ने कीवर्ड के विभिन्न सेटों के साथ इंटरनेट पर खोज की। लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली।

दिलचस्प बात यह है कि क्रिकेटर ने अपने ट्विटर टाइमलाइन पर कोरोनावायरस के प्रकोप के बारे में जागरूकता बढ़ाते हुए कई पोस्ट शेयर किए थे।

यह भी पढ़ें: पंजाब में कोविड-19 से बचने की 'मॉक ड्रिल' सच्ची घटना के रूप में वायरल

वीडियो के माध्यम से, तेंदुलकर ने हाथ धोने का महत्व के बारे में बताया और सामाजिक समारोहों से बचने और जितना संभव हो सके घर के अंदर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहीं भी खाने की आदतों से कोरोनावायरस को नहीं जोड़ा है।

18 मार्च, 2020 को ट्वीट किए गए इस वीडियो में तेंदुलकर लोगों से न घबराने की अपील करते है। इसके साथ वह महामारी के दौरान सुरक्षित रहने के लिए कुछ तरीके भी बताते हैं।

17 मार्च को ट्वीट किए गए एक अन्य वीडियो में, मास्टर ब्लास्टर हाथ धोने के महत्व के बारे में बताया है।

6 मार्च को भी, क्रिकेटर ने कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को धोने के महत्व पर एक समान वीडियो ट्वीट किया था।

अपने किसी भी ट्वीट में तेंदुलकर ने मांस की खपत और इसकी बिक्री रोकने के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया है।

बूम ने ऐसे कई न्यूज़ रिपोर्ट देखें जिनमें क्रिकेटर द्वारा कोरोनावायरस पर जागरुकता फैलाने की बात बताई गई थी। रिपोर्ट में, तेंदुलकर द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के 'सेफ हैंड्स चैलेंज' और 20 सेकंड तक हाथ धोने का वीडियो पोस्ट करने, बुनियादी स्वच्छता बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के बारे में बताया गया है। कई अन्य खिलाड़ियों ने डब्ल्यूएचओ के 'सेफ हैंड चैलेंज' स्वीकार किया है।

रिपोर्ट यहां और यहां पढ़ें।

Related Stories