HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

पत्थर के साथ पुलिसकर्मी की पुरानी तस्वीर दिल्ली में पुलिस हिंसा के रूप में वायरल

दोनों हाथों में पत्थर पकड़े पुलिसवाले की तस्वीर हाल में हुई दिल्ली हिंसा के बहुत पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।

By - Mohammed Kudrati | 28 Feb 2020 4:28 PM IST

सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक पुलिसवाले को दोनों हाथों में पत्थर लिए हुए दिखाया गया है। इस पुरानी तस्वीर को राजधानी के उत्तर-पूर्व में हाल में हुए दंगे के मद्देनज़र दिल्ली के एक पुलिसकर्मी की तस्वीर बताते हुए शेयर किया जा रहा है।

बूम ने पाया कि यह तस्वीर 2015 से वायरल है। फिलहाल तस्वीर को इस दावे के साथ फैलाया जा रहा है कि यह शख़्स कथित पुलिस समर्थित हिंसा का हिस्सा है जो शहर में हो रही है। रिपोर्टों के अनुसार, हिंसा के कारण दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल रतन लाल सहित लगभग 38 लोगों की जान गई है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

यह भी पढ़ें: दिल्ली दंगे: हिन्दू महिला पर हमले का दावा फ़र्ज़ी है और तस्वीरें पुरानी हैं

तस्वीर के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, "आज इन्ही की वजह से दिल्ली का महौल ख़राब है।"

फेसबुक पर, तस्वीर को 'रवीश कुमार पेज' नामक पेज द्वारा शेयर किया गया था और यह लेख लिखे जाने तक इसे 1,500 से ज्यादा बार शेयर किया गया है।

पोस्ट नीचे देखे जा सकते हैं।


पोस्ट का अर्काइव वर्शन यहां देखा जा सकता है| इसी कैप्शन को लेकर अन्य पोस्ट भी हैं जो फेसबुक पर वायरल है।

यह भी पढ़ें: दिल्ली के अशोक नगर कि मस्जिद में तोड़फोड़ और आगजनी कि घटना सच है

यही ट्विटर पर भी वायरल है| ट्विटर पर शेयर की गई तस्वीर के साथ दिए गए कैप्शन में आगे कहा गया है, "दिल्ली पुलिस: खुद पत्थर फेंक रही है, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे लोगों पर दोष डाल रही है।"

यह हिंसा 23 फरवरी 2020 को शुरु हुई जब नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ और पक्ष के गुटो के बीच भजनपुरा, करावल नगर और चांदबाग जैसे क्षेत्रों में झड़प हुई। हिंसक घटनाओं में दुकानों में तोड़फोड़ की गई और कई वाहनों को जलाया गया। इन इलाकों में हथियार से लैस भीड़ घूमती रही। दंगे के 2 दिनों के बाद अपर्याप्त कार्रवाई के कारण दिल्ली पुलिस को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि पुलिस ने इन हमलों को बढ़ावा दिया है।

फ़ैक्ट चेक

बूम ने प्रासंगिक कीवर्ड के साथ एक खोज की ताकि यह पता लगाया जा सके कि हाथ में पत्थर लिए पुलिसकर्मी की तस्वीर इंटरनेट पर दिल्ली में हुई हिंसा से पहले मौजूद है या नहीं। बूम तस्वीर की उत्पत्ति का पता नहीं लगा सका, लेकिन पाया कि फोटो 2015 से ऑनलाइन मौजूद है।

यह भी पढ़ें: औरंगाबाद में रोड पर हुए झगड़े को दिल्ली से जोड़कर किया शेयर

तस्वीर को शामिल करने वाले पोस्ट में बताया गया था की यह जनवरी 2017 में तमिलनाडु में जलीकट्टू का समर्थन करने वाले आंदोलनकारियों के ख़िलाफ पुलिस कार्यवाही थी। पुलिसकर्मी की यह तस्वीर 23 और 24 जनवरी, 2017 को ट्विटर पर पोस्ट की गई थी। जल्लीकट्टू तमिलनाडु में होने वाला एक पारंपरिक और वार्षिक बुल फाइटिंग फेस्टिवल है। पीपल्स एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) द्वारा दायर याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस अभ्यास पर रोक लगा दी थी। जनवरी 2017 में राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ रैली की थी।


हालांकि, यह तस्वीर वायरल होने की यह पहली घटना नहीं है। बूम ने इस तस्वीर को सितंबर 2015 में भी ट्वीटर पर पाया था।

यह भी पढ़ें: पुलिस ने दिल्ली दंगों के दौरान मुस्लिम घरों में नहीं छोड़ी केमिकल गैस


Tags:

Related Stories