दिल्ली दंगे: हिन्दू महिला पर हमले का दावा फ़र्ज़ी है और तस्वीरें पुरानी हैं
बूम ने पाया कि चार तस्वीरों का सेट पुराना है औऱ उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा से संबंधित नहीं है।
सोशल मीडिया पर चार तस्वीरों का एक सेट वायरल हो रहा है। इन तस्वीरों को दिल्ली के हालिया दंगों के साथ जोड़ा जा रहा है। सोशल मीडिया पर तस्वीरों के साथ एक कैप्शन दिया है और दावा है की ये पीड़ित महिलाएं हिंदू हैं जिनकी हत्या भीड़ ने की है। यह दावा फ़र्ज़ी है।
चार में से दो तस्वीरों में एक महिला की पीठ पर गहरा ज़ख्म दिखाया गया है और दो अन्य तस्वीरों में खून से लथपथ महिलाओं के शव दिख रहे हैं। ग्राफिक तस्वीरों को कैप्शन के साथ शेयर किया गया था, जिसमें लिखा है, "दिल्ली के मौजपुर और शिव विहार इलाके में, हिंदू घरों में जबरदस्ती प्रवेश किया गया था और माता और बहनों को मार दिया गया था।"
उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई हिस्सों में हुई हिंसा के मद्देनज़र ये तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। इस हिंसक घटनाओं में कम से कम 34 लोग मारे गए हैं। हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं और क्षेत्र के एक हेड कांस्टेबल की गोली मार कर हत्या कर दी गई। एक मस्जिद में तोड़फोड़ होने की भी ख़बर है।
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पहले 2018 में पहली दो तस्वीरों को ख़ारिज किया था जब उन्हें एक झूठे सांप्रदायिक आरोप के साथ शेयर किया जा रहा था कि पीड़ित एक हिंदू लड़की है जिसपर एक मुस्लिम द्वारा हमला किया गया था।
तस्वीर 1 और 2
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भयंकर तस्वीरें बिहार के गोपालगंज जिले में हुई एक घटना की हैं, जब एक 20 वर्षीय महिला पर संदीप गिरि नामक एक शख़्स ने हमला किया था। महिला मंदिर जाने के रास्ते में थी। तस्वीरों में महिला के कंधे और बाहों के गहरे घावों को दिखाया गया है। स्थानीय पुलिस ने तब बूम को बताया था कि आरोपी और पीड़ित दोनों हिंदू हैं।
तब हमें दैनिक जागरण, सीवान, और प्रभात ख़बर जैसी समाचार वेबसाइटों पर इस घटना के बारे में समाचार रिपोर्ट मिली थी जिसमें बताया गया था कि यह घटना गोपालगंज जिले के कटेया इलाके के नेहरू कला गांव में हुई थी।
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तस्वीर 3 और 4
बूम ने पाया कि अन्य तीसरी और चौथी तस्वीरें भी पुरानी और असंबंधित हैं। खून से लथपथ महिला की तीसरी तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च के जरिए हम 2018 में प्रकाशित मीडियम ब्लॉग तक पहुंचे। ब्लॉग ने उस स्थान या घटना पर कोई विवरण नहीं दिया जिसके कारण महिला की मृत्यु हुई।
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ज़मीन पर पड़े महिलाओं के दो शवों को दिखाने वाली चौथी तस्वीर ब्लॉग पर 2015 से ऑनलाइन मौजूद है।
तीसरे और चौथी तस्वीर के स्थान या विवरण के बारे में बूम स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सका है।