सोशल मीडिया पर दैनिक भास्कर न्यूज़पेपर की एक कटिंग काफ़ी वायरल है. इसमें दावा किया जा रहा है कि एक समुदाय विशेष के कुछ लोग तरबूज़ में एड्स का इन्जेक्शन लगाकर बेच रहे थे जिन्हें लखनऊ पुलिस ने पकड़ लिया है. कटिंग पर दैनिक भास्कर भी लिखा हुआ है.
बूम ने पाया कटिंग एडिटेड और फ़र्ज़ी है.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र Saurabh Rss ने कटिंग शेयर करते हुए लिखा है,'आपके भाई चारे वाले आपको चारा बना रहे हैं''.
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फ़ेसबुक पर यह कटिंग व्यापक स्तर पर वायरल है.
ट्विटर पर भी इसे शेयर किया गया है. अरुंधती नागर नामक एक यूज़र ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'जिहादियों की नई चाल, लॉन्च किया गया है नया #एड्स_जिहाद।'.
फवाद, असलम और अशफाक बेच रहे हैं एड्स भरा हुआ तरबूज। #जागो_हिन्दू_जागो आज से ही इन जिहादियों से कोई भी सामान खरीदना बंद करो'
फ़ैक्ट चेक
बूम ने इंटरनेट पर तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया तो कुछ खास नहीं मिला.
वायरल तस्वीर में ऊपर दैनिक भास्कर लिखा हुआ है. इसी के आधार पर हमने किवर्ड्स डाल कर खोजे तो दैनिक भास्कर की इसी खबर को झूठ बताते हुए एक रिपोर्ट मिली जिसके अनुसार, 'भास्कर के नाम से वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट पूरी तरह फेक है। दैनिक भास्कर ने अपने अखबार या वेबसाइट पर ऐसी कोई भी खबर पब्लिश नहीं की है। वायरल स्क्रीनशॉट का डिजाइन दैनिक भास्कर की वेबसाइट और ऐप के डिजाइन से पूरी तरह अलग है।'
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इसके बाद बूम ने लखनऊ पुलिस से संपर्क किया. बूम को DCP क्राइम में PRO रमेश कुमार ने बताया कि उनके सामने इस तरह का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया.