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      फ़ैक्ट चेक

      क्या वायरल वीडियो में दिख रहे मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए तोड़ा गया? फ़ैक्ट चेक

      राजस्थान में एक पुराने मंदिर को गिराए जाने की घटना के बाद से सोशल मीडिया पर मंदिरों से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं.

      By - Mohammad Salman | 27 April 2022 2:39 PM GMT
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    • क्या वायरल वीडियो में दिख रहे मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए तोड़ा गया? फ़ैक्ट चेक

      राजस्थान के अलवर ज़िले में एक पुराने मंदिर को गिराए जाने की घटना के बाद से सोशल मीडिया पर कई असंबंधित वीडियो वायरल हैं. बुलडोज़र से मंदिर गिराए जाने का एक ऐसा ही वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है.

      वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) बनाने के लिए तक़रीबन 200 मंदिर/शिवलिंग तोड़े गए थे. एक भारत माता मंदिर था जो लगभग 5000 साल पुराना था. वायरल दावे के अनुसार यह वीडियो ऐसे ही एक मंदिर को तोड़ते हुए दिखाता है.

      बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. असल में यह वीडियो सालभर पुराना है और कर्नाटक के मैसूर (Mysore, Karnataka) का है.

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      फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया कि "खबरों की माने तो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए तक़रीबन 200 मंदिर/शिवलिंग तोडे थे। एक भारत माता मंदिर था जो लगभग 5000 साल पुराना था। मकान तोड़े गए उसमें से मंदिर निकले। बात बनारस की है मोदी जी वहां के सांसद भी हैं."


      पोस्ट यहां देखें.


      पोस्ट यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां देखें.

      इसके अलावा कई फ़ेसबुक पोस्ट ऐसे हैं जिनमें कैप्शन को बतौर पोस्ट शेयर किया गया है, बिना किसी तस्वीर व वीडियो के.

      मेरठ में सड़क पर नमाज़ ना पढ़ने की अपील करती पुरानी तस्वीर वायरल

      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. असल में यह वीडियो सालभर पुराना है और कर्नाटक के मैसूर का है.

      हमने वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब से सर्च किया तो इसी वीडियो के साथ प्रकाशित हुईं कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.

      एनडीटीवी की 14 सितंबर 2021 की रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्नाटक में मैसूर के पास बने एक मंदिर को प्रशासन ने तोड़ दिया. इसको लेकर राज्य में बीजेपी (BJP) की सरकार के बावजूद वीएचपी (VHP) और दूसरे दक्षिणपंथी संगठन सड़क पर उतर आए. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर गैर-कानूनी तरीके से बने सभी धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है.


      24 सितंबर 2021 को प्रकाशित आउटलुक की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में बीजेपी शासित सरकार को मैसूर के पास एक मंदिर गिराए जाने को लेकर हिंदुत्व समूहों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

      रिपोर्ट के अनुसार, मैसूर ज़िले के नंजनगुड तालुक में स्थित महादेवम्मा मंदिर, राज्य भर में अवैध धार्मिक संरचनाओं की सूची में था, जिन्हें अतिक्रमण के लिए तोड़ा जाना था. अभियान 2009 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए था, जिसके कार्यान्वयन की निगरानी कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही थी. मुख्य सचिव द्वारा ज़िला उपायुक्तों को हर तालुका में हर हफ़्ते कम से कम एक अवैध धार्मिक संरचना को ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया था.

      द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर गिराए जाने के बाद विपक्ष के अलावा BJP सांसद भी इसपर सवाल उठा रहे हैं. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने मंदिर गिराए जाने की निंदा करते हुए सरकार की आलोचना की थी.


      सिद्धारमैया ने इसी वीडियो को 11 सितंबर 2021 को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया था.

      I condemn the demolition of an ancient Hindu temple by @BJP4Karnataka govt in Nanjanagudu, Mysuru.

      The demolition is done without the consultation of the people in the region & has hurt the religious sentiments.

      1/2 pic.twitter.com/t1TrZy2s3t

      — Siddaramaiah (@siddaramaiah) September 11, 2021

      इसके अलावा इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा था "कर्नाटक के मैसूर ज़िलेके नंजनगुडु में प्राचीन हिंदू मंदिर को बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने ध्वस्त कर दिया है."

      इंडिया टुडे ने 15 सितंबर को मंदिर गिराए जाने के इसी वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया था. साथ ही रिपोर्ट में बताया था कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य भर के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जल्दबाजी में मंदिरों को न गिराएं. बोम्मई ने कहा कि वह मैसूर ज़िले में मंदिरों को तोड़े जाने के मुद्दे पर सदन में जवाब देंगे.

      वाराणसी में मंदिर तोड़े जाने का दावा

      इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग के सुभाष यादव कहते हैं कि, "हमने उस क्षेत्र में एक सर्वेक्षण किया जहां घरों के भीतर लगभग 40 मंदिर पाए गए हैं. कोई भी मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर से पहले स्थापित नहीं हुआ है."

      यहां हम बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण 1780 में रानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा किया गया था.

      टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वाराणसी के रोहित नगर में टूटे हुए 126 शिवलिंग पाए गए थे. तब आरोप लगाया था कि टूटे हुए शिवलिंग कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए तोड़े गए मंदिरों के हैं. हालांकि, पुलिस की जांच में सामने आया था कि टूटे हुए शिवलिंग का संबंध काशी विश्वनाथ मंदिर से नहीं है.

      चेन्नई में छात्रों के झगड़े के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया

      Tags

      Kashi Vishwanath CorridorVaranasiViral VideoFake NewsFact Check
      Read Full Article
      Claim :   काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए तक़रीबन 200 मंदिर/शिवलिंग तोडे थे। एक भारत माता मंदिर था जो लगभग 5000 साल पुराना था.
      Claimed By :  Social Media Users
      Fact Check :  False
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