कोरोना काल की शुरुआत में ही केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों को मिलने वाले महँगाई भत्ते और महँगाई राहत को फ़्रीज़ कर दिया था. केन्द्र सरकार ने पिछले साल अप्रैल में ही अपने 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारियों का महँगाई भत्ता 30 जून 2021 तक के लिये रोक दिया था. कर्मचारियों को मिलने वाले इस लाभ को दोबारा शुरू करने के लिये वित्त मंत्रालय की एक बैठक 26 जून को तय हुई थी. इससे पहले भी सरकार ने संसद में ये बात कही थी कि कर्मचारियों और पेंशनधारियों का रुका हुआ महँगाई भत्ता 1 जुलाई 2021 से पुन: शुरू किया जायेगा.
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इस बैठक का कोई आधिकारिक परिणाम निकलता उससे पहले ही सोशल मीडिया पर एक डॉक्यूमेंट वायरल हो गया. डॉक्यूमेंट में लिखा है कि केन्द्र सरकार ने इस फ़ैसले पर मुहर लगा दी है कि महँगाई भत्ता जुलाई से शुरू किया जायेगा. वित्त मंत्रालय के सिचिव TV Somnathan का हस्ताक्षर भी उस लेटर में है और ये लिखा था कि कोविड-19 के कारण जो मँहगाई भत्ता रोका गया था उसे 1 जुलाई 2021 से शुरू किया जायेगा.
डॉक्यूमेंट नीचे देखें.
फ़ेसबुक पर सोरन भंडारी ने इसे शेयर करते हुए लिखा 'भारतीय सेना के लिये अच्छी खबर'. इसके अलावा तमाम अकाउंट्स से ये डाॅक्यूमेंट शेयर हुआ.
ये पत्र सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ ख़ासकर व्हाट्सएप पर इसे ख़ूब शेयर किया गया. बूम को अपने व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर भी इस डॉक्यूमेंट की पड़ताल का मैसेज मिला.
फ़ैक्ट चेक
इस डाॅक्यूमेंट के व्हाट्सएप पर वायरल होते ही लोग लगातार सोशल मीडिया पर इसके बारे में लिखने लगे और इसकी सच्चाई जानने के लिये आधिकारिक अकाउंट्स को टैग करने लगे.
PIB यानि प्रेस इंफ़ॉर्मेशन ब्यूरो जो कि भारत सरकार का आधिकारिक सूचना प्रसारण विभाग है, ने इस खबर का खंडन किया. एक ट्वीट करते हुए पीआईबी ने लिखा कि 'एक डॉक्यूमेंट सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल है रहा है कि केन्द्र सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों का महँगाई भत्ता और राहत जुलाई 2021 से शुरू करने जा रही है. ये पूरी तरह से ग़लत है इस तरह की कोई भी घोषणा भारत सरकार की तरफ़ से नहीं की गई है.'
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कुछ ही देर में वित्त मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी इस डॉक्यूमेंट के संबंध में एक ट्वीट कर इसे फ़र्ज़ी बताया गया. उन्होंने लिखा कि ' ये आदेश पत्र झूठा है इस तरह का कोई भी आदेश पत्र भारत सरकार की तरफ़ से जारी नहीं किया गया है.' वित्त मंत्रालय ने इस वायरल डॉक्यूमेंट में फ़ेक का स्टांप लगाकर इसे शेयर किया.
ANI ने भी वित्त मंत्रालय के ट्वीट का हवाला देकर इस डॉक्यूमेंट को फ़र्ज़ी बताया.
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केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारियों के रुके हुए महँगाई भत्ते को दोबारा शुरू करने को लेकर 26 जून को ही कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार को घेरा था.