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फैक्ट चेक

बसपा सुप्रीमो मायावती का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से हो रहा वायरल

बूम ने पाया कि बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने की बात करतीं मायावती का यह वीडियो 2020 का है.

By -  Jagriti Trisha |

27 March 2025 4:02 PM IST

सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती का एक वीडियो वायरल है. इसमें वह राजनीति से संन्यास लेने लेकिन बीजेपी का साथ मंजूर न होने की बात कर रही हैं.

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि मायावती का यह वीडियो साल 2020 का है. तब उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर एमएलसी चुनाव होने वाले थे. उस दौरान 29 अक्टूबर 2020 को उन्होंने समाजवादी पार्टी को उसके दलित-विरोधी कृत्यों का हवाला देते हुए उसे हराने के लिए बीजेपी या किसी अन्य पार्टी का समर्थन करने की बात कही थी.

अपने इसी बयान पर सफाई देते हुए बाद में मायावती ने कहा था कि वह मुस्लिम समाज के लोगों को बताना चाहती हैं कि वह राजनीति से संन्यास ले लेंगी लेकिन बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगी.

एक्स पर ज्यादातर बसपा समर्थक इसे हाल के संदर्भ में शेयर कर रहे हैं. एक्स पर एक वेरिफाइड यूजर ने मायावती के बयान को कोट करते हुए लिखा, "मैं मुस्लिम समाज को बताना चाहती हूं कि मैं राजनीति से तो संन्यास ले सकती हूं, लेकिन बीजेपी से मिलकर कभी चुनाव नहीं लडूंगी..."

यूजर ने आगे लिखा, 'क्या चाहिए हमारे मुस्लिम समाज के लोगों को क्यों बहक जाते हो उनके कहने पर जो आपका वोट लेकर भाजपा को बेच देते हैं?'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

एक्स पर बीएसपी नाम के एक पैरोडी अकाउंट ने भी वीडियो को इसी दावे से शेयर किया.


पोस्ट का आर्काइव लिंक.



फैक्ट चेक: वीडियो 2020 का है

वीडियो को देखने पर हमने पाया कि इसपर एबीपी न्यूज का पुराना लोगो है, जिससे हमें अंदेशा हुआ कि वीडियो हाल का नहीं है. पड़ताल के दौरान हमें एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर 2 नवंबर 2020 का अपलोड किया गया यह मूल वीडियो मिला.

लगभग 25 मिनट के इस वीडियो में 13 मिनट 20 सेकंड के बाद वायरल हिस्सा सुना जा सकता है. इस पूरे वीडियो को सुनने के बाद हमने पाया कि मायावती मूलतः इसमें एमएलसी चुनावों में बीजेपी का समर्थन करने के बयान पर सफाई दे रही हैं.

तब मायावती पर लगा था बीजेपी का समर्थन करने का आरोप 

असल में 29 अक्टूबर 2020 को मायावती ने समाजवादी पार्टी को हराने के लिए उनके मुकाबले में जो भी प्रत्याशी होगा, उसका समर्थन करने की बात कही थी फिर वह चाहे बीजेपी का प्रत्याशी हो या किसी अन्य पार्टी का.

इसी पर सफाई देते हुए 2 नवंबर 2020 को किए गए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह कहती हैं, "मैंने सिर्फ बीजेपी के समर्थन की बात नहीं कही थी. मेरे बयान को कांग्रेस और सपा के लोग गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं. ताकि मुस्लिम समाज के लोग बीएसपी से अलग हो जाएं."

इसी क्रम में वह मुस्लिमों को आश्वस्त करती हैं कि देश में कहीं भी बीएसपी किसी भी कीमत पर बीजेपी जैसी सांप्रदायिक ताकतों का साथ नहीं दे सकती है और न ही ऐसी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है.

वह कहती हैं, "...मैं मुस्लिम समाज के लोगों को खास तौर पर बताना चाहती हूं कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगी लेकिन बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ सकती. इनके दबाव बनाने के बावजूद मैं राजनीतिक संन्यास नहीं लूंगी मैं बहुत मजबूत हूं..." 

Full View


इसके बाद सातों सीटों पर हो रहे इस चुनाव से ठीक एक दिन पहले मायावती ने बीजेपी का समर्थन करने वाली अटकलों पर विराम लगा दिया. एनडीटीवी और नवभारत टाइम्स की 2 नवंबर 2020 की रिपोर्ट में इससे संबंधित खबर देखी जा सकती है, जिसमें बताया गया कि मायावती ने सफाई देते हुए कहा कि भविष्य में विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, वह संन्यास लेना पसंद करेंगी लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगी.



मायावती और बीजेपी गठबंधन का इतिहास

मायावती का बीजेपी के साथ गठबंधन का इतिहास काफी पुराना है. मायावती 1995, 1997 और 2002 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना चुकी हैं.

मायावती पर अक्सर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाते रहे हैं. हालांकि हाल ही में मायावती ने ईद के मौके पर बीजेपी द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए घोषित किए गए ‘सौगात-ए-मोदी’ कार्यक्रम को विशुद्ध राजनीति करार दिया.



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