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RSS स्वयंसेवकों को रानी एलिज़ाबेथ II को सेल्यूट करते दिखाती तस्वीर फ़र्ज़ी है

वायरल तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि RSS स्वयंसेवक ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ II को सैल्यूट कर रहे हैं

By - Devesh Mishra | 19 Sept 2021 7:17 PM IST

RSS स्वयंसेवकों को रानी एलिज़ाबेथ II को सेल्यूट करते दिखाती तस्वीर फ़र्ज़ी है

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवकों को ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ II के आगे कतारबद्ध खड़ा दिखाया गया है. तस्वीर को शेयर कर कई सारे भ्रामक दावे भी किये जा रहे हैं. वायरल तस्वीर बहुत धुँधली सी और ब्लैक एक व्हाइट है.

तस्वीर के साथ लिखा है 'जब पूरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था तब कुछ गद्दार इंग्लैंड की रानी को सलामी दे रहे थे. सुना है इनके वंशज खुद क देशभक्त कहते हैं'

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक हिंदूवादी विचारधारात्मक संगठन है जिसकी स्थापना 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. मौजूदा सत्तारूढ़ दल भाजपा के मेन्टॉर के तौर पर काम करने वाले इस संगठन का देश में विशाल जनाधार है.

तस्वीर को फ़ेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया 'ग़द्दार ग़द्दारी ही करेगा'


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इस तस्वीर को फ़ेसबुक पर कई सारे अकाउंट्स में बिल्कुल इसी कैप्शन के साथ शेयर किया है.

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फ़ैक्ट-चेक

रिवर्स सर्च करने पर बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर दरअसल दो अलग अलग तस्वीरों को मॉर्फ़ कर के बनाई गई है. असली तस्वीर देखने से पता चलता है कि RSS के स्वयंसेवकों की तस्वीर अलग है और एलिज़ाबेथ  II की तस्वीर अलग. 

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RSS के स्वयंसेवकों की एक रंगीन तस्वीर 14 August, 2013 को Nagpur today के एक लेख और 22 January, 2015 को Deccan chronicle में देखी जा सकती है. इसका मतलब ये कि इसी रंगीन तस्वीर को एडिट कर ब्लैक एंड व्हाइट बनाया गया और इसे पुराना बताकर वायरल किया गया. हालांकि, विकिपीडिया पेज का दावा है कि यह तस्वीर अप्रैल, 2008 से इंटरनेट पर उपलब्ध है.


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बूम ने पाया कि महारानी एलिज़ाबेथ II की ये तस्वीर तब ली गई थी जब 1956 में वो किसी सिलसिले में नाइजीरिया गई थीं. Getty images ने तस्वीर के कैप्शन में लिखा है, "Queen Elizabeth द्वितीय ने नव नियुक्त Queens own Nigeria रेजिमेंट, रॉयल वेस्ट अफ्रीकन के पुरुषों का निरीक्षण किया था. 2 फरवरी 1956 को अपने कॉमनवेल्थ टूर के दौरान नाइजीरिया के कडुना एयरपोर्ट पर फ्रंटियर फोर्स. (फॉक्स फोटोज/हल्टन आर्काइव/गेटी इमेजेज द्वारा फोटो)"

यहीं से एलिज़ाबेथ II की तस्वीर को उठाकर वायरल तस्वीर में जोड़ा गया और भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया.


तस्वीर को लंदन में Times के अप्रैल 2018 के एक लेख में भी देखा जा सकता है.

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बूम ने वायरल तस्वीरों और असली तस्वीरों की तुलना भी की जिससे साफ़ पता चलता है कि वायरल इमेज एडिटेड है.



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