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प्रयागराज: हनुमान मंदिर में मुस्लिम व्यक्ति के नमाज़ पढ़ने का दावा ग़लत है

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में दिखाई देने वाला युवक हिन्दू समुदाय से है जो वज्रासन मुद्रा में पूजा-अर्चना कर रहा था.

By - Mohammad Salman | 21 Sept 2022 3:35 PM IST

प्रयागराज: हनुमान मंदिर में मुस्लिम व्यक्ति के नमाज़ पढ़ने का दावा ग़लत है

प्रयागराज के सिविल लाइन्स में स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में एक मुस्लिम व्यक्ति के नमाज़ पढ़ने के दावे से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को यूज़र्स बड़ी संख्या में शेयर कर रहे हैं और इसे हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ बता रहे हैं.

वायरल वीडियो में एक युवक दोनों पैरों को मोड़कर बैठा हुआ नज़र आता है. इस बीच युवक अपने हाथों को कंधे तक लाता है और फिर आगे की ओर झुकता है. उसके कंधे पर गमछा जैसा कपड़ा भी दिखाई पड़ता है. इस वीडियो को मंदिर में नमाज़ पढ़ने के दावे से शेयर किया जा रहा है.

हालांकि, बूम की जांच में वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत निकला. प्रयागराज के एसएसपी शैलेश पाण्डेय के पीआरओ ने बूम को बताया कि वीडियो में दिखाई देने वाला युवक हिन्दू समुदाय से है जो वज्रासन मुद्रा में पूजा-अर्चना कर रहा था.

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ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में दावा किया, "प्रयागराज के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में नमाज पढ़ते दिखा युवक. हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ कबतक."


ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.


ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया गया था. हालांकि, बाद में ट्वीट डिलीट कर दिया गया. ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

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बूम ने वायरल वीडियो की सत्यता जांचने के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से खोजबीन शुरू की. इस दौरान हमें प्रयागराज पुलिस के ट्विटर हैंडल पर हनुमान मंदिर में नमाज़ पढ़ने के मामले पर एसएसपी शैलेश पाण्डेय का बयान मिला.

एसपी शैलेश पाण्डेय ने हनुमान मंदिर में नमाज़ पढ़ने के दावे से वायरल वीडियो का खंडन करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा चुकी है. हिन्दू धर्म का पालन करने वाले एक युवक द्वारा मंदिर में वज्रासन की मुद्रा में पूजा की जा रही थी. उसकी पहचान वैभव त्रिपाठी के रूप में की गई है. यह पूरी तरह से अफ़वाह और भ्रामक है.

वायरल वीडियो में दिखने वाले युवक की मुस्लिम वेशभूषा के सवाल पर एसपी शैलेश ने वेशभूषा के आधार पर किसी विशिष्ट धर्म की पहचान करने को ग़लत बताया.

प्रयागराज पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में वायरल वीडियो में दिखने वाले वैभव त्रिपाठी के बयान का एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें वैभव त्रिपाठी पूरे मामले पर प्रकाश डालते हुए बताते हैं कि "मैं यहां (हनुमान मंदिर) में लगभग रोज़ाना आता हूं. मैं ठाकुर जी के भक्त हूं. मैं वज्रासन में बैठता हूं और इसी मुद्रा में बैठकर पूजा करता हूं. मेरे बारे में लोगों की ग़लत सोच हो गई कि मैं किसी और धर्म का हूं और यहां ग़लत करने आता हूं. हम त्रिपाठी लोग हैं. कुछ लोगों ने ग़लत सोच लिया. मैं इसके लिए क्षमा मांगता हूं."

उन्होंने आगे कहा कि "मेरे पहनावे से या मेरे बैठने से ...मैं वज्रासन में बैठता हूं. उसको कुछ लोगों ने सोच लिया कि मैं नमाज़ या ऐसा कुछ..ऐसा कुछ भी नहीं है. अगर किसी को बुरा लगा तो मैं हाथ जोड़कर माफ़ी चाहता हूं."

इसके बाद, बूम ने एसएसपी शैलेश पाण्डेय से सम्पर्क किया. हमारी बात उनके पीआरओ सब-इंस्पेक्टर अजय मिश्रा से हुई. उन्होंने बताया कि "इस मामले पर एसएसपी की ओर से खंडन कर दिया गया है. मंदिर में नमाज़ पढ़ने वाले युवक का नाम वैभव त्रिपाठी और वो हिन्दू है. वहां कोई मुस्लिम नमाज़ नहीं पढ़ रहा था."

वज्रासन क्या है?

वज्रासन एक ध्यानात्मक आसन है. इसमें दोनों घुटनों को सामने से मिलाकर बैठा जाता है. कुछ ऐसे कि पंजे ज़मीन पर और पैरों की उंगलियाँ बाहर की तरफ. सर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखा जाता है और दोनों हाथों की हथेलियों को जांघों पर रखा जाता है.

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