सोशल मीडिया पर पहलगाम हमले से जोड़कर एबीपी न्यूज की दो पुरानी वीडियो क्लिप वायरल है. एक क्लिप के हवाले से दावा किया गया कि पहलगाम हमले के मद्देनजर ब्राह्मण आतंकवादी संदीप शर्मा को गिरफ्तार किया गया है.
वहीं दूसरी क्लिप के साथ दावा है कि मध्य प्रदेश से पाकिस्तान के लिए जासूसी करते बीजेपी के 11 नेता पकड़े गए हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. एबीपी न्यूज की दोनों वीडियो क्लिप साल 2017 की अलग-अलग घटनाओं की हैं. इन गिरफ्तारियों का पहलगाम हमले से कोई लेना-देना नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा ओपन फायरिंग में 26 पर्यटकों और एक स्थानीय की मौत हो गई. मृतकों के परिवारों का आरोप है कि आतंकवादियों ने धर्म और पहचान पूछकर गैर-मुसलमान पुरुषों को निशाना बनाया गया.
घटना के बाद, सोशल मीडिया पर काफी भ्रामक जानकारी शेयर की जा रही है. बूम ने इस संबंध में कई गलत खबरों का फैक्ट चेक किया है. रिपोर्ट यहां, यहां और यहां पढ़ी जा सकती है.
वीडियो: एक
करीब डेढ़ मिनट के इस वीडियो में न्यूज एंकर बताती है कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में लश्कर के एक गैर कश्मीरी हिंदू आतंकवादी संदीप शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. इसमें यह भी बताया गया है कि संदीप शर्मा उर्फ आदिल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. ये 2012 से ही कश्मीर घाटी में काम कर रहा था.
एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड हैंडल ने लिखा, 'कश्मीर के पहलगांव पहला ब्राम्हण आतंकवादी #संदीप_शर्मा चढ़ा पुलिस के हत्थे. #PahalgamTerroristAttack #ABPNews #KashmirTerroristAttack #Hindutva'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
वीडियो: दो
एबीपी न्यूज के दूसरे वायरल क्लिप में एंकर बताती है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराने के आरोप में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें ध्रुव सक्सेना नाम का एक शख्स भी शामिल है, जो पहले बीजेपी आईटी सेल से जुड़ा हुआ था.
एक्स पर एक वेरिफाइड हैंडल ने इस वीडियो को पहलगाम हमले से जोड़ते हुए दावा किया, 'बीजेपी पार्टी के 11 सदस्य पाकिस्तान को दे रहे थे खुफिया जानकारी #PahalgamTerroristAttack.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
पहला वीडियो जुलाई 2017 का है
संबंधित कीवर्ड सर्च की मदद से हमें एबीपी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल वायरल वीडियो वाली रिपोर्ट मिली. यहां यह वीडियो रिपोर्ट 10 जुलाई 2017 को अपलोड की गई थी, जिससे साफ था कि यह हाल की घटना नहीं है.
मूल रिपोर्ट में बताया गया कि संदीप शर्मा नाम का यह शख्स एटीएम लूट, हथियार लूट जैसे आतंकी मामलों में संलिप्त था. रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया कि ये न सिर्फ इस तरह की लूट में शामिल था बल्कि सक्रिय उग्रवादी कार्रवाइयों में भी शामिल था.
हमने संदीप शर्मा की गिरफ्तारी से संबंधित अन्य न्यूज रिपोर्ट की भी तलाश की. जनसत्ता की 10 जुलाई 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप शर्मा अनंतनाग में 16 जून 2017 को हुई एसएचओ फिरोज डार की हत्या के मामले में संलिप्त था. वह इलाके में हुई एटीएम की लूट में भी शामिल था.
इसके अलावा इसकी भूमिका इलाके में हुए एक अन्य हमले में बताई गई थी, जिसमें चार जवान घायल हो गए थे और दो जवानों की मौत हो गई थी. रिपोर्ट में इसका जिक्र भी किया गया कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा संदीप का इस्तेमाल अपने लिए धन जुटाने में कर रहा था .
रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया कि संदीप की गिरफ्तारी उस जगह से हुई थी जहां लश्कर का कमांडर बशिर मारा गया था. जांच में पता चला था कि संदीप 2012 में घाटी आया था.
अमर उजाला की 12 जुलाई 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, संदीप शर्मा से एटीएस समेत अन्य जांच एजेंसियों ने भी पूछताछ की थी. संदीप ने उनके सामने कबूल किया था कि काजीगुंड में सेना के काफिले पर हुए हमले में उसका हाथ था. इसके अलावा, अनंतनाग में हथियार लूट और अबाबाल में पुलिस पार्टी पर हमले में भी वह संलिप्त था.
दूसरा वीडियो भी 8 साल पुराना है
संबंधित कीवर्ड के जरिए हमें एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो रिपोर्ट मिली. हमने पाया कि यह क्लिप 10 फरवरी 2017 को अपलोड की गई थी, इससे स्पष्ट था कि यह क्लिप करीब आठ साल पुरानी और पहलगाम हमले से पहले की है.
इससे संबंधित आजतक की 10 फरवरी 2017 की रिपोर्ट में बताया गया कि मध्य प्रदेश एटीएस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, इनमें से एक बीजेपी के आईटी सेल का पदाधिकारी रहा है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें दो लोग कथित तौर पर बीजेपी से जुड़े थे.
जनसत्ता की रिपोर्ट में बताया गया कि ये उसी अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए आईएसआई से खुफिया जानकारी साझा करते थे. इन 11 लोगों को मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया गया था.
असल में साल 2016 में जम्मू-कश्मीर से सुखविंदर और दादू नाम के दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, जो पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेजने का काम करते थे. उनसे पूछताछ में सामने आया था कि मध्य प्रदेश के सतना निवासी बलराम नाम के शख्स द्वारा उनको आर्थिक मदद मिल रही थी. इसके बाद एटीएस ने बलराम को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही के बाद 10 और लोगों को गिरफ्तार किया.
कथित तौर पर बीजेपी से जुड़े ध्रुव सक्सेना ने पैसों के लिए देश की गुप्त जानकारी ISI के साथ साझा करना शुरू किया था. हालांकि आरोपी ध्रुव सक्सेना की मां ने इन आरोपों का खंडन करते हुए ध्रुव को निर्दोष बताया था. न्यूज 18 की रिपोर्ट में तत्कालीन एटीएस चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के हवाले से विस्तृत खबर देखी जा सकती है.
हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि साल 2017 में हुई गिरफ्तारियों को पहलगाम हमले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.