पहलगाम हमला: शव पर बैठकर रोते बच्चे का वीडियो पुराना है
बूम ने पाया कि घटना कश्मीर के सोपोर की 2020 की है जिसमें एक बच्चा अपने दादा के शव पर बैठकर रो रहा था, जिनकी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी के दौरान मौत हो गई थी.



पहलगाम आतंकी हमले से जोड़कर सोशल मीडिया पर खून से लथपथ शव पर बैठे बच्चे का विचलित कर देने वाला एक वीडियो वायरल है. यूजर वीडियो के साथ दावा कर रहे हैं कि पहलगाम घूमने गए बच्चे के दादा को उसकी आंखों के सामने ही मार दिया गया क्योंकि वह हिंदू थे.
बूम ने पाया कि यह वीडियो साल 2020 का है, तब कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी के दौरान स्थानीय नागरिक 60 वर्षीय बशीर अहमद खान की मौत हो गई थी. उस वक्त घटनास्थल पर उनका तीन वर्षीय पोता भी मौजूद था. इसका हालिया पहलगाम हमले से कोई संबंध नहीं है.
बीते 22 अप्रैल को कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में एक आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और करीब 17 लोग घायल हो गए. मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक शामिल हैं. मृतकों के परिजनों का आरोप है कि हमलावरों ने विशेष रूप से हिंदू पुरुष पर्यटकों को धर्म पूछकर निशाना बनाया. मृतकों की सूची में स्थानीय गाइड और एक विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
हमले के बाद से सोशल मीडिया पर इससे जुड़े तमाम विजुअल शेयर किए जा रहे हैं. इसी क्रम में यह पुराना वीडियो भी वायरल है.
वीडियो के पहले दृश्य में बच्चा शव पर बैठा है. इसके आगे के हिस्से में बच्चे को पुलिस वैन में रोते-बिलखते हुए भी देखा जा सकता है जबकि पीछे से लोग उसे बिस्किट और चॉकलेट देकर बहलाने की कोशिश करते सुनाई दे रहे हैं.
फेसबुक पर इसे शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'पहलगाम कश्मीर में घूमने गए इस मासूम बच्चे के सामने उसके दादा को इसलिए गोलियों से भून दिया गया क्योंकि वह हिंदू थे.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
वहीं एक्स पर दक्षिणपंथी यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया, 'इस बच्चे की एकमात्र गलती है कि यह हिंदू है इसीलिए इसने अपने पिता को खो दिया और डिजिटल आतंकी इस बच्चे पर भी हंस रहे हैं इसका भी मजाक उड़ा रहे हैं.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बूम पहले भी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा फैलाई गई कई गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक कर चुका है.
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो पुराना है
बूम ने संबंधित कीवर्ड की मदद से घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट की तलाश की. इसके जरिए हमें इस विजुअल के साथ साल 2020 की कई खबरें मिलीं.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 1 जुलाई 2020 की है. जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया, जिसमें दोनों तरफ से फायरिंग हुई. इस फायरिंग में सीआरपीएफ के एक जवान के अलावा एक आम नागरिक की उसके पोते के सामने ही मौत हो गई.
इसके बाद वहां मौजूद पुलिस टीम के एक सदस्य ने लाश पर बैठे उस बच्चे को अपनी गोद में उठाया और एनकाउंटर साइट से दूर ले गया.
हमें इस खबर से संबंधित 2 जुलाई 2020 की प्रकाशित अल जजीरा की न्यूज रिपोर्ट भी मिली जिसमें वायरल वीडियो वाली तस्वीर देखी जा सकती है.
इसमें बताया गया कि बच्चे की पहचान तीन वर्षीय अयाद खान के रूप में हुई, जो कश्मीर के सोपोर में भारतीय सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में मारे गए अपने 65 वर्षीय दादा बशीर अहमद खान के शव पर बैठा था. मृतक बशीर अहमद खान उस वक्त एक निर्माण स्थल का निरीक्षण करने जा रहे थे, तभी हमले में उनकी मौत हो गई.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के एक जवान के साथ अहमद खान की मौत हुई. हालांकि पीड़ित के परिवार ने इसका खंडन किया था. उन्होंने भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों के साथ गोलीबारी के दौरान बशीर अहमद खान को मारने का आरोप लगाया.
वीडियो का दूसरा हिस्सा बच्चे को रेस्क्यू किए जाने के बाद का है. पुलिस वैन में बच्चे को सांत्वना देते हुए इस वीडियो को समाचार एजेंसी ANI ने 1 जुलाई 2020 को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था.
इसके इंग्लिश कैप्शन में बताया गया, 'जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोपोर में आतंकवादी हमले के दौरान एक तीन वर्षीय बच्चे को बचाया और उसे उसकी मां के पास ले गई. हमले के दौरान बच्चा अपने मृत रिश्तेदार के पास बैठा था.'