रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और फाउंडर नीता अंबानी (Nita Ambani) के ट्विटर अकाउंट से किया गया एक ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. वायरल ट्वीट में फ़र्ज़ी दावा किया गया है कि रिलायंस फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए एक पूर्ण सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Power Plant) दान किया है.
बूम ने पाया कि नीता अंबानी का यह आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है. हमने राम मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य से भी संपर्क किया, जिसने पुष्टि की कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. रिलायंस के एक सूत्र ने भी पुष्टि की कि दावा सही नहीं है.
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वायरल ट्वीट को ट्विटर हैंडल @NitaAmabani से शेयर किया गया है जिसमें नीता अंबानी की तस्वीरें डिस्प्ले और बैनर तस्वीर के रूप में हैं. इस ट्विटर अकाउंट में 17,000 से ज़्यादा फॉलोवर्स है और अधिकतर ट्वीट्स सांप्रदायिक हैं. प्रोफ़ाइल के बायो सेक्शन में रिलायंस समूह का उल्लेख है.
वायरल ट्वीट में कहा गया है कि "रिलांयस ने राम मंदिर को कम्प्लीट "सौर ऊर्जा" प्लांट भेंट किया इसलिए चुभता है हमारा अम्बानी परिवार इन मुगलो की औलादो को.."
वायरल ट्वीट का स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर बड़ी संख्या में शेयर किया गया है. आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
एक अन्य फ़ेसबुक पेज पर भी ऐसा ही दावा किया गया है. मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा कि "मित्रों अंबानी परिवार ने अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम जी के मंदिर की बिजली आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा का प्लांट लगाने की बात कही है अब 24 घण्टे सातों दिन मन्दिर में रोशनी की व्यवस्था निशुल्क रहेगी."
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहाँ देखें
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए एक कीवर्ड के साथ खोज की, लेकिन वायरल दावे की पुष्टि करने वाली कोई विश्वसनीय समाचार रिपोर्ट नहीं मिली. हालांकि, हमें हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए दान अभियान 15 जनवरी, 2021 से शुरू होगा.
फिर हमने श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के एक सदस्य बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्रा से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है.
बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्रा ने बूम को बताया, "मंदिर के लिए दान अभियान मकर संक्रांति के एक दिन बाद यानी 15 जनवरी से शुरू होगा."
हमने रिलायंस के एक स्रोत से भी संपर्क किया, जिसमें उन्होंने वायरल पोस्ट को फ़र्ज़ी बताया.
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बूम पहले भी अंबानी परिवार के सदस्यों के फ़र्ज़ी ट्विटर अकाउंट के दावों को ख़ारिज कर चुका है. रिपोर्ट यहां, यहां और यहां देखें.
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