दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को एक बच्चे के चेहरे पर मास्क (Mask) लगाते हुए दिखाने वाली एक पुरानी तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रही है. दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री दूसरों को कोरोना महामारी के समय मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं, जबकि उन्होंने खुद मास्क नहीं पहना है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और तस्वीर में दिख रहे एक अन्य व्यक्ति ने भी मास्क नहीं पहना है.
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर नवंबर 2019 की है कोरोना महामारी से संबंधित नहीं है.
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वायरल तस्वीर में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और एक अन्य व्यक्ति को एक बच्चे के साथ मंच पर देखा जा सकता है. केजरीवाल बच्चे के चेहरे पर मास्क ठीक कर रहे हैं, जबकि अन्य लोग उसे देख रहे हैं. तस्वीर में बच्चे के अलावा किसी ने भी मास्क नहीं लगाया हुआ है.
भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली यूनिट के प्रवक्ता वीरेंद्र बब्बर ने अपने फ़ेसबुक पेज पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "बच्चे को तो मास्क पहना रहे हो लेकिन ख़ुद का और अपने Manish Sisodia जी का मास्क कहा है। फ़ोटो शूट के लिए क्या क्या करते हो Arvind Kejriwal जी। तभी तो हम कहते है विज्ञापन वाला"
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
बीजेपी के ही दिल्ली यूनिट के प्रवक्ता हरीश ख़ुराना ने भी इसी कैप्शन के साथ ट्विटर पर तस्वीर शेयर की.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ बड़ी तादाद में तस्वीर शेयर की गई है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो यह तस्वीर 1 नवंबर, 2019 को प्रकाशित इंडिया टुडे के एक लेख में मिली.
लेख में इस तस्वीर का श्रेय न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिया गया है, जबकि कैप्शन में लिखा है, 'अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली के एक स्कूल में स्कूली छात्रों के बीच प्रदूषण मास्क वितरित किये.'
1 नवंबर, 2019 को द प्रिंट में प्रकाशित एक अन्य लेख में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. लेख में कहा गया है कि दिल्ली के सीएम ने प्रदूषण से बचाने के लिए राज्य सरकार की पहल के तहत स्कूली छात्रों के बीच मास्क वितरित किए. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 'दिल्ली सरकार ने निजी और सरकारी स्कूलों में बच्चों के बीच वितरण के लिए 50 लाख N95 मास्क खरीदे हैं.'
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के बीच विपक्षी दलों की आलोचना की थी. मुख्यमंत्री ने गंभीर वायु प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, पंजाब और हरियाणा में स्टबल बर्निंग को जिम्मेदार ठहराया था जिसने दिल्ली को तब अपनी चपेट में ले लिया था.
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ज्ञात हो कि दिल्ली की हवा बेहद ख़राब हो गई थी और राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक नवंबर 2019 के आसपास 'गंभीर प्लस' श्रेणी में प्रवेश कर गया था. भारत में 30 जनवरी, 2020 को पहला कोरोना वायरस केस सामने आया था.
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