बूम ने 2022 में सोशल मीडिया पर फ़ैली कई घटनाओं का फैक्ट चेक किया, जिसे 'लव जिहाद' और सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया गया. हमारी जांच में इन घटनाओं को लेकर किए जा रहे दावे पूरी तरह से फ़र्ज़ी साबित हुए. हमने अपने इस ख़ास अंक में वैसे ही 10 फ़ैक्ट चेक को शामिल किया है.
हमने नीचे लिखित घटनाओं से जुड़े वायरल दावों की पड़ताल के दौरान कई समाचार रिपोर्ट खंगाले और साथ ही रिवर्स इमेज सर्च जैसी तकनीक का भी सहारा लिया. हमने जांच को पुख्ता बनाने के लिए कई मामलों में उक्त घटना की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी या संबंधित पुलिस अधिकारी से संपर्क किया.
'लव जिहाद' शब्द पिछले काफ़ी सालों से सुर्ख़ियों में रहा है. 'लव जिहाद' कथित तौर पर मुस्लिम पुरुषों द्वारा किया जाने वाला एक साजिश है, जिसमें वे प्रेम या विवाह के बहाने दूसरे धर्म की महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने का लालच देते हैं. दक्षिणपंथी संगठन काफ़ी समय से इस शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन न्यायालय में यह शब्द पहली बार 2009 में इस्तेमाल में किया गया था, जब केरल उच्च न्यायालय के जस्टिस के टी शंकरन दो मुस्लिम पुरुषों द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. इन दोनों मुस्लिम पुरुषों पर अपनी हिंदू एवं ईसाई पत्नी पर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का आरोप था.
गुजरात में लड़की की हत्या का वीडियो 'लव जिहाद' के फ़र्ज़ी दावे से वायरल
फ़रवरी महीने में एक लड़का द्वारा एक लड़की की गला रेत कर हत्या किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर इन दावों के साथ साझा किया गया कि हत्या करने वाला मुस्लिम था और वह लड़की के ऊपर इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दवाब दे रहा था.
बूम ने जब इस घटना की पड़ताल की तो हमें ऐसी कई न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें यह बताया गया कि गुजरात के सूरत में फेनिल गोयानी नाम के लड़के ने प्रेम-प्रस्ताव ठुकराने की वजह से ग्रिश्मा वेकारिया नाम की एक लड़की की हत्या कर दी थी. जांच के दौरान हमने स्थानीय पुलिस अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने भी वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा, "लड़की और लड़का दोनों एक ही समुदाय के थे".
उत्तराखंड में सूटकेस में मिली महिला की लाश का वीडियो सांप्रदायिक दावे संग हुआ वायरल
मार्च महीने में एक युवक को सूटकेस में एक युवती की लाश के साथ पकड़े जाने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो को सोशल मीडिया यूज़र्स ने शेयर करते हुए यह दावा किया था कि अपनी हिंदू प्रेमिका की हत्या कर लाश को सूटकेस में डाल कर ठिकाने लगाने की योजना बनाते एक मुस्लिम युवक को लोगों ने पकड़ लिया.
जब, बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के दौरान रुड़की पुलिस से संपर्क किया तो उन्होंने इस घटना में सांप्रदायिक दृष्टिकोण होने से साफ़ इनकार कर दिया. पुलिस ने बताया कि हरिद्वार के ज्वालापुर का रहने वाला गुलजेब ने प्रेमिका रमशा पर शादी का दवाब बनाया था, लेकिन रमशा ने इससे इनकार कर दिया. जिसके बाद गुलजेब ने रमशा की हत्या कर दी थी.
महिला के साथ छेड़खानी का नाटकीय वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल
सोशल मीडिया पर असल घटना ही नहीं बल्कि नाटकीय या स्क्रिप्टेड वीडियो को भी कई यूज़र्स ने सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया. ऐसा ही एक वीडियो जिसमें एक दर्जी को माप लेने के बहाने कपड़ा सिलवाने आई एक महिला के साथ छेड़खानी करते हुए देखा गया. वीडियो को इन दावों से शेयर किया गया कि वीडियो में दिख रहा दर्ज़ी मुस्लिम है.
हालांकि, बूम ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो हमें यह वीडियो स्क्रिप्टेड या नाटकीय वीडियो बनाने वाले यूट्यूब पेज पर मिला. जांच में हमने उक्त यूट्यूब पेज से जुड़े एक शख्स से भी संपर्क किया तो उसने साफ़ कहा कि यह वीडियो जागरूकता फ़ैलाने के मकसद से तैयार किया गया है.
युवक द्वारा चाक़ू दिखा युवती को धमकाने का वीडियो सांप्रदायिक दावे से हुआ वायरल
जुलाई महीने में एक युवक द्वारा दो युवतियों को चाक़ू दिखा कर डराने और उनपर वार करने की कोशिश करने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो को सोशल मीडिया ऐसे कैप्शन के साथ शेयर किया गया, जिसमें लिखा हुआ था "देखो लव जिहादी हिंदू बच्चियों को कैसे डरा धमका कर अपने जाल में फंसाते में हैं".
लेकिन बूम ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले पीयूष रावत ने अपनी एक परिचित युवती और उसकी सहेली को चाक़ू की मदद से धमकाने का प्रयास किया था. इंदौर पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद सार्वजनिक स्थान पर छुरा लहराने के आरोप में आरोपी को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था.
गुरुग्राम में सूटकेस में मिली लाश का वीडियो सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल
देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिस द्वारा एक लावारिस सूटकेस में मौजूद एक नग्न महिला की लाश को बरामद करने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक एंगल के साथ जमकर शेयर किया गया. वीडियो को शेयर करते हुए पीड़िता को हिंदू तो आरोपी को मुस्लिम बताया गया.
हालांकि, बूम ने जब इस मामले की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर कुलदीप से संपर्क किया तो उन्होंने पीड़िता का नाम प्रियंका यादव निवासी सुल्तानपुर, उत्तरप्रदेश और आरोपी का नाम राहुल कुशवाहा बताया जो उत्तरप्रदेश के ही बांदा जिले का रहने वाला था. जांच के दौरान मिले न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार आरोपी और पीड़िता पति-पत्नी थे.
कोलंबिया का वीडियो मध्य प्रदेश में 'लव जिहाद' के फ़र्ज़ी दावे से हुआ वायरल
बहुचर्चित श्रद्धा वॉकर हत्याकांड के सामने आने के बाद दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया के एक वीडियो को 'लव जिहाद' के फ़र्ज़ी दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. वायरल वीडियो के साथ दावा किया गया कि मध्य प्रदेश में मुस्लिम युवक ने अपनी प्रेमिका का रेप करके उसकी हत्या कर दी.
जांच के दौरान रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली थी, जिसक अनुसार कोलंबिया में एक युवक ने हाउस ऑफ़ जस्टिस के अंदर अपनी पुरानी पार्टनर पर उस समय हमला कर दिया जब दोनों वहां सुलह की सुनवाई के लिए आये थे. न्यूज़ रिपोर्ट में आरोपी का नाम जीसस सल्वाडोर तोवर गार्सिया और उसकी पूर्व पार्टनर का नाम मिलेना पेट्रीसिया अल्टामार ओजेदा बताया गया था.
मथुरा सूटकेस मर्डर मामले से जोड़कर वायरल हुआ सांप्रदायिक दावा निकला फ़र्ज़ी
जब, बूम ने इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि पीड़िता का नाम आयुषी था. आयुषी की हत्या उसके पिता नितेश यादव ने की थी. हत्या की वजह आयुषी द्वारा प्रेम विवाह किया जाना और उसकी वजह से हो रहा घरेलू क्लेश था. मथुरा के सिटी एसपी ने भी वायरल दावे का खंडन किया था.
जबलपुर के रिसॉर्ट में युवती की हत्या मामले में नहीं था मुस्लिम कनेक्शन
बूम ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत पाया. स्थानीय पुलिस ने बूम को बताया कि जबलपुर के मेखला रिसॉर्ट में युवती की हत्या का आरोपी अभिजित पाटीदार हिंदू समुदाय से है ना कि मुस्लिम समुदाय से है.
मेरठ में शिक्षिका के साथ छेड़खानी की घटना को दिया गया फ़र्ज़ी सांप्रदायिक रंग
मेरठ की इस घटना में कुछ स्कूली छात्रों द्वारा एक शिक्षिका के साथ अभद्र व्यवहार करने और छेड़खानी किए जाने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया गया कि आरोपी छात्र हिंदू समुदाय से हैं, जिन्होंने मुस्लिम महिला शिक्षिका के साथ छेड़खानी की.
हमने इन दावों की पड़ताल की तो पाया कि यह घटना मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र के राम मनोहर लोहिया स्मारक इंटर कॉलेज में हुई थी. जहां 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने शिक्षिका के साथ छेड़खानी करने का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था. किठौर पुलिस ने बूम को बताया था कि "सभी आरोपी और पीड़िता का संबंध मुस्लिम समुदाय से है".
मध्यप्रदेश की युवती के साथ बर्बरता किए जाने का वीडियो सांप्रदायिक दावों से वायरल
साल ख़त्म होते होते भी एक युवती के साथ बर्बरता किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया यूज़र्स ने सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया. क्रूरतापूर्वक मारपीट किए जाने वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया गया कि युवती को पीटने वाल युवक मुस्लिम है.
हालांकि, बूम ने जब इस वीडियो की जांच की तो पाया कि मध्यप्रदेश के रीवा के मऊगंज में पंकज त्रिपाठी नाम के युवक ने एक विवाद में एक युवती को बुरे तरीके से पीट दिया था. रीवा एसडीओपी ने वायरल दावे का खंडन करते हुए आरोपी और पीड़िता दोनों का संबंध एक ही समुदाय से बताया था.