मेरठ में शिक्षिका के साथ छेड़खानी की घटना को दिया जा रहा फ़र्ज़ी सांप्रदायिक रंग
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा दावा फ़र्ज़ी है. सभी आरोपी और पीड़िता एक ही समुदाय से हैं.
मेरठ में एक शिक्षिका के साथ स्कूली छात्रों द्वारा अभ्रद्र व्यवहार करने और छेड़खानी किए जाने की घटना को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहे है कि "आरोपी छात्रों का संबंध हिंदू समुदाय से है, जिन्होंने स्कूल में शिक्षिका को छेड़ते हुए वीडियो बनाया".
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा दावा फ़र्ज़ी है. सभी आरोपी और पीड़िता एक ही समुदाय से हैं.
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वायरल हो रहा दावा एक ट्वीट के रीट्वीट वाले कैप्शन में मौजूद है. मूल ट्वीट में मेरठ के स्कूल में हुई इस घटना का छोटा वीडियो क्लिप मौजूद है. इस वीडियो क्लिप में कुछ युवक हिज़ाब पहन कर वहां से गुजर रही एक महिला पर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं. वीडियो में महिला की पहचान को गोपनीय रखने के लिए उनके चेहरे वाले हिस्से को ब्लर कर दिया गया है.
मूल रूप से यह ट्वीट टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक पत्रकार द्वारा किया गया है, जिसे कुछ ट्विटर यूज़र्स ने अपने अकाउंट से शेयर करते हुए वायरल दावे किए हैं. इन दावों को अंग्रेज़ी में लिखे कैप्शन के साथ साझा किया गया है. आप वायरल दावे वाले पोस्ट्स को नीचे देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले इससे जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट्स को खंगाला तो हमें कई हिंदी वेबसाइट पर मेरठ की इस घटना से संबंधित रिपोर्ट मिली.
दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह मामला मेरठ जिले के किठौर थानाक्षेत्र के इनायतपुर का है. जहां के राम मनोहर लोहिया स्मारक इंटर कॉलेज में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले तीन छात्र अपनी ही स्कूल की एक शिक्षिका को काफ़ी परेशान कर रहे थे. तीनों छात्र राह चलते शिक्षिका पर अश्लील टिप्पणियां और फब्तियां कसते थे. इतना ही नहीं जब शिक्षिका ने इन छात्रों को अपशब्द बोलने से रोका तो तीनों ने छेड़खानी करते हुए एक वीडियो बनाकर भी वायरल कर दिया.
शिक्षिका को जब वीडियो की जानकारी मिली तो वह शुक्रवार को किठौर थाने पहुंची और छात्रों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई. शिक्षिका ने तीन छात्रों और एक छात्र की बहन के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने की अपील की. शिक्षिका की शिकायत पर किठौर पुलिस ने आरोपी छात्रों पर IT एक्ट उल्लंघन और छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.
हमें अपनी जांच के दौरान एनडीटीवी पर 28 नवंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली. इस रिपोर्ट में छात्रों की उम्र करीब 16वर्ष बताई गई थी. साथ ही मेरठ पुलिस के एक ट्वीट के हवाले से यह भी कहा गया था कि सभी को हिरासत में लेकर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया है. चूंकि इस मामले के सभी आरोपी नाबालिग थे, इसलिए किसी भी न्यूज़ रिपोर्ट में आरोपियों के नाम का जिक्र नहीं किया गया था.
इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए किठौर की सीओ सुचिता सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि कोई भी आरोपी हिंदू नहीं है. सभी आरोपी और पीड़िता का संबंध मुस्लिम समुदाय से है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में आईपीसी की धारा 354 और 500 एवं आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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