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रोज़मर्रा

दिल्ली में मुस्लिम विरोधी नारे; पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ़ किया FIR दर्ज

बूम ने अगस्त 8 को दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन से जुड़े कुछ लोगों से बात की. पढ़िए हमारी रिपोर्ट.

By - Devesh Mishra | 9 Aug 2021 3:22 PM GMT

8 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर में Save India Foundation की तरफ़ से आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर मुस्लिमों को ख़िलाफ़ भड़काऊ नारेबाज़ी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस रैली में मुख्य वक्ता के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली BJP के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय शामिल थे. कहा जा रहा है इसमें देश के कई हिस्सों से लोग आये हुए थे.

दिल्ली पुलिस ने नारेबाज़ी का वीडियो सामने आने पर 'अज्ञात' व्यक्तियों के खिलाफ़ FIR दर्ज की है.  ज्ञात रहे कि अश्विनी उपाध्याय ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में भारतीय दंड संहिता के ख़िलाफ़ एक जनहित याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने मांग की है कि एक ज्यूडीशियल पैनल या एक्सपर्ट बॉडी बनाकर एक 'व्यापक' और 'कठोर' दंड संहिता बनाई जाये जो कि देश में समानता से क़ानून का शासन स्थापित करे.

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कब और कैसे आयोजित हुई रैली?

इस रैली का भी मक़सद था कि भारतीय दंड संहिता के लगभग 200 क़ानूनों को ख़त्म किया जाये क्योंकि वो सनातन संस्कृति के ख़िलाफ़ हैं. इनके अलावा पाँच मुख्य माँगे थीं- समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता, घुसपैठ नियंत्रण, जनसंख्या नियंत्रण, धर्मांतरण नियंत्रण. मंच पर मौजूद लोगों में से एक टेलीविज़न एक्टर गजेंद्र चौहान थे.

अश्विनी उपाध्याय सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रदेश प्रवक्ता भी रह चुके हैं. Save India Foundation नाम के एक ट्रस्ट के मार्गदर्शक की भूमिका में अश्विनी उपाध्याय ने लम्बे समय से 8 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर में इकठ्ठा होने की अपील कर रहे थे.

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उपाध्याय ने अपने Facebook page से इस पूरे कार्यक्रम का लाइव किया है जिसमें उनके अलावा हिंदू सवर्ण सेना,नमो सेना, सनातन धर्म सेना के अध्यक्ष और save India Foundation के संयोजक प्रीत सिंह मौजूद थे. वीडियो में काफ़ी भीड़ नज़र आ रही .

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इस कार्यक्रम के बाद ही सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई वीडियो वायरल होने लगे जिनमें भीड़ साम्प्रदायिक नारे लगाती दिख रही है. एक वीडियो में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ काफ़ी भड़काऊ नारे लगाये जा रहे हैं जिसमें एक शख़्स भगवा कपड़े पहने भीड़ को नारे लगवा रहा है. कहा जा रहा है कि ये नारेबाज़ी कार्यक्रम के ख़त्म होने के बाद हुई थी.

इसी कार्यक्रम को कवर करने आये National Dastak यूट्यूब चैनल के पत्रकार अनमोल प्रीतम के साथ भी अभद्रता का एक वीडियो सामने आया है. अनमोल ने बूम को बताया कि उनके साथ धक्कामुक्की की गई और ज़बरदस्ती 'जय श्री राम' के नारे लगवाने की कोशिश की गई. अनमोल प्रदर्शन में शामिल लोगों से सवाल जवाब कर रहे थे तभी भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर नारे लगाने का दबाव बनाने लगी.

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Anmol Pritam का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल 

बूम ने अनमोल से इस मामले को लेकर बात की. अनमोल ने बूम को बताया कि रैली से अश्विनी उपाध्याय के निकलने के कुछ देर बाद ही वो जंतर मंतर पर पहुँच चुके थे. उन्होंने बताया कि उनके कैमरामैन ने नारेबाज़ी का वीडियो बनाया था जिसे देखने के बाद उन्होंने फ़ैसला किया कि वो लोगों से इस बारे में बात करेंगे.

अनमोल ने बताया कि जब उन्होंने किसान आंदोलन,रोज़गार और प्राइवेटाइजेशन पर लोगों से सवाल करना शुरू किया तो लोगों ने उन्हें 'ज़िहादी' और देशद्रोही कहकर घेर लिया. इसके बाद उनसे अभद्रता की गई. अनमोल ने बताया कि अश्विनी उपाध्याय के जंतर मंतर से चले जाने के बाद भी काफ़ी देर तक वहाँ सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे और उन्हें कोई भी रोकने टोकने वाला नहीं था.

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Ashwini Upadhyay ने क्या कहा?

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तमाम लोग आरोपियों की गिरफ़्तारी की माँग करने लगे. कार्यक्रम के संयोजकों पर भी सवाल खड़े होने लगे.

अश्विनी उपाध्याय ने अपने आप को और save India Foundation को इस साम्प्रदायिक नारेबाज़ी से बिल्कुल अलग किया है. बूम को उपाध्याय ने बताया कि वो जिस कार्यक्रम में वक्ता के तौर पर शामिल हुए थे वो 12:30 बजे के क़रीब ख़त्म हो गया था जबकि नारेबाज़ी की घटना 4:30 बजे के क़रीब हुई है. उन्होंने कहा, "जब मेरा भाषण ख़त्म हुआ तो बारिश होने लगी और हम 12:30 बजे के क़रीब वहाँ से निकल गये."

उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत भी दी है जिसमें उन्होंने कहा है कि नारेबाज़ी करने वालों पर कार्रवाई हो.

बूम ने Save India Foundation के संस्थापक संयोजक प्रीत सिंह से भी बात की जो इस रैली के आयोजक थे. उन्होंने बूम को बताया कि ये रैली 10 बजे से लेकर लगभग 12 बजे के बीच थी, इसके बाद वो लोग पुलिस के कहने पर मंच छोड़कर अपने पोस्टर बैनर लेकर वहीं साइड हो गये थे. उन्होंने कहा कि नारे किसने लगाये ये देखना और उन्हें रोकना पुलिस का काम है. प्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें पुलिस ने कार्यक्रम आयोजित करने की उनकी परमिशन भी रद्द कर दी थी. लेकिन लोगों को बुला लिया गया था इसलिये कार्यक्रम रद्द नहीं किया. 

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Delhi police ने क्या कहा?

Indian express की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ वायरल वीडियो के आधार पर दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की है.

रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने कार्यक्रम की परमिशन नहीं दी थी. Express ने दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से लिखा कि 'पुलिस के मुताबिक़ उन्हें लगा कि कार्यक्रम में 50 के क़रीब लोग आयेंगे लेकिन अचानक से लोगों की भीड़ वहाँ इकठ्ठा हो गई. वे लोग पहले के शांतिपूर्ण तरीक़े से प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन अचानक ही वहाँ नारेबाज़ी शुरू हो गई.'

ANI के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने बताया है कि आयोजकों को यह कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी गई थी. हालांकि, घटना के अगले दिन सोमवार 9 अगस्त को कनॉट प्लेस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है.


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