HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
रोज़मर्रा

बजट 2023: आसान भाषा में जानिए वित्त मंत्री ने आपके लिए क्या-क्या घोषणाएं कीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में वेतनभोगियों के लिए इनकम टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाते हुए कई अन्य ऐलान किए, जिसे आप आसान भाषा में इस रिपोर्ट में पढ़ सकते हैं.

By -  Runjay Kumar |

1 Feb 2023 9:01 PM IST

बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार का आम बजट (Union Budget) पेश किया. इस दौरान उन्होंने वेतनभोगियों के लिए इनकम टैक्स (Income Tax) में छूट सहित कई बड़े ऐलान किए.

हालांकि बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने इसकी सात प्राथमिकताएं बताई, जिसे उन्होंने ‘सप्तर्षि’ कहा. इसमें समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र शामिल हैं.

वित्त मंत्री के बजट भाषण की बड़ी बातें....

टैक्स

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम में टैक्स रीबेट की सीमा में बढ़ोत्तरी की है. साथ ही उन्होंने पुरानी टैक्स व्यवस्था को डिफ़ॉल्ट से हटाने का ऐलान किया. अब नया टैक्स सिस्टम ही डिफ़ॉल्ट होगा.

नए टैक्स सिस्टम के तहत इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाई गई है. अब 7 लाख़ रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह सीमा सिर्फ़ 5 लाख़ तक की ही थी.

नए टैक्स सिस्टम में अब टैक्स स्लैब की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई है.

अब सर्वाधिक सरचार्ज की सीमा को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है. अब सर्वाधिक टैक्स 42.8 की बजाय 39 फ़ीसदी होगा.

गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर अवकाश नकदीकरण पर टैक्स छूट के लिए तीन लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है.

सिगरेट पर लगने वाले राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (NCCD) को 16 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है.

लैब ग्रोन डायमंड (LGDs) यानी प्रयोगशाला में तैयार किए जाने वाले हीरों के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले बीजों पर लगने वाले सीमा शुल्क (Customs Duty) को घटाया गया है.

राजकोषीय घाटा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा. अगले वित्तीय वर्ष के लिए यह लक्ष्य 6.4 प्रतिशत रखा गया है.

राज्यों को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.5 प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) की अनुमति होगी. इसका 0.5 प्रतिशत विद्युत् क्षेत्र में सुधार से जोड़ा जाएगा.

राज्यों को पचास वर्ष के लिए मिलने वाले ब्याज मुक्त लोन को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. राज्य इस लोन का उपयोग अपने अनुसार कर सकेंगे, लेकिन एक हिस्सा वास्तविक पूंजी व्यय को बढ़ाने की शर्त पर दिया जाएगा. इसमें कई परियोजनाओं को जोड़ा जा सकता है. जैसे:

. पुराने सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग,

. शहरी सुधार,

. शहरी स्थानीय निकायों में वित्तीय सुधार,

. पुलिस स्टेशनों या पुलिसकर्मियों के लिए आवास सुविधा,

. यूनिटी मॉल का निर्माण,

. बाल एवं किशोर पुस्तकालयों और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर,

. केंद्रीय स्कीमों के पूंजीगत व्यय में राज्य का हिस्सा

आधारभूत संरचना और निवेश

पूंजी निवेश 33 फ़ीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ किया गया है, यह जीडीपी का करीब 3.3 प्रतिशत है.

मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कुल पूंजी ख़र्च 13.7 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जो जीडीपी (GDP) का करीब 4.5 प्रतिशत है.

रेलवे (Railway) के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

हवाई कनेक्टिविटी में सुधार लाने के लिए पचास हवाईअड्डों, हेलीपोर्ट, जलीय हवाईअड्डों और उन्नत लैंडिंग भूमि को विकसित किया जाएगा.

स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल

नए 157 नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे.

2047 तक सिकल सेल एनीमिया का उन्मूलन करने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इसमें जनजातीय क्षेत्रों में जागरूकता सृजन, 0-40 वर्ष के आयु वर्ग के 7 करोड़ लोगों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग की जाएगी.

अनुसंधान एवं इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए चुनिंदा आईसीएमआर (ICMR) प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों को भी अनुसंधान के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी.

बच्चों और किशोरों के लिए अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें विभिन्न उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी. राज्यों को पंचायत तथा वार्ड स्तरों पर पुस्तकालय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

इसके अतिरिक्त पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए और महामारी के समय हुई इसकी क्षति को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, बाल पुस्तक न्यास तथा अन्य स्रोतों को पुस्तकालयों में क्षेत्रीय भाषाओं तथा अंग्रेजी में अलग अलग विषयों की पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

कृषि एवं सहकारिता

ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री - स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए कृषि वर्धक निधि स्थापित की जाएगी.

2,200 करोड़ की लागत से हाइ वैल्यू बागवानी फसलों के लिए रोग-मुक्त एवं गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.

इसके अलावा बजट में मिलेट (Millets) यानी मोटे अनाज को श्री अन्न की संज्ञा दी गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि भारत को 'श्री अन्न' के लिए वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान हैदराबाद को उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा.

6,000 करोड़ के निवेश से पीएम मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की जाएगी ताकि मछुआरे, मछली विक्रेता और इस व्यवसाय से जुड़े अन्य लोगों को सक्षम बनाया जा सके.

ग्रीन एनर्जी पर ज़ोर

वित्त मंत्री ने हरित हाइड्रोजन मिशन का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमने वर्ष 2030 तक 5 एमएमटी का वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य रखा है.

ऊर्जा परिवर्तन और नेट ज़ीरो (Net Zero) के उद्देश्यों की दिशा में 35000 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

अर्थव्यवस्था को टिकाऊ विकास की ओर ले जाने के लिए 4,000 एमडब्ल्यूएच की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को सहायता दी जाएगी.

“पृथ्वी माता” के पुनरुद्धार, इसके प्रति जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु" पीएम- प्रणाम कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इससे राज्यों को रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) स्कीम को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा. इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या क्लस्टर आधारित संयंत्र होंगे. इसकी कुल लागत ₹10,000 करोड़ होगी.

पर्यटन

चुनौती मोड के माध्यम से चुने जाने वाले कम से कम 50 पर्यटन स्थलों को घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक सम्पूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा. सभी पहलुओं को एक ऐप पर उपलब्ध करवाया जाएगा.

घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए 'देखो अपना देश' कार्यक्रम का उद्देश्य हासिल करने के लिए क्षेत्र विशिष्ट कौशलवर्द्धन और उद्यमिता विकास का समन्वयन स्थापित किया जाएगा. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत, सीमावर्ती गांवों में पर्यटन के बुनियादी ढांचों का विकास किया जाएगा और पर्यटन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.

वित्त

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSMEs) को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम की संशोधित योजना 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी. इसके लिए 9000 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया गया है. साथ ही इस स्कीम के तहत 2 लाख करोड़ के कर्ज भी दिए जाएंगे.

वित्तीय और सहायक सूचना की केन्द्रीय रिपोजिटरी के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री स्थापित की जाएगी.

जीआईएफटी (GIFT) आईएफएससी (IFSC) में व्यापार गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं. दोहरे विनियम से बचने के लिए एसईजेड अधिनियम के अंतर्गत आईएफएससीए को शक्तियां प्रदान की जाएंगी.

जीआईएफटी आईएफएससी में डाटा दूतावासों की स्थापना की जाएगी.

टेक्नोलॉजी

न्याय प्रणाली को रफ़्तार देने के लिए 7000 करोड़ की लागत से ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण की शुरुआत की जाएगी.

एमएसएमई, बड़े व्यवसायों और चेरीटेबल ट्रस्टों के लिए एक निकाय डिजीलॉकर स्थापित किया जाएगा.

5जी सेवाओं का प्रयोग करते हुए ऐप तैयार करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी.

प्रयोगशाला में बनने वाले हीरों में लगने वाले बीज और मशीनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक आईआईटी (IIT) को पांच वर्षों के लिए अनुसंधान और विकास अनुदान दिया जाएगा.

Tags:

Related Stories