फ़ेक न्यूज़ एक फैलने वाली बीमारी की तरह है और जब ये फैलती है तो कई लोग इसके ज़द में आते हैं | बूम के इस सेगमेंट में हम आपको जानकारी देते हैं वायरल हुए उन पाँच फ़ेक पोस्ट्स की जिन्हे आपने लगभग सच ही मान लिया था | तो आइये देखते हैं क्या है गए हफ्ते की पाँच बड़ी फ़ेक न्यूज़ |
- सरदार पटेल के स्टेचु का कद, और उससे जुड़ी ख़बरें
अक्टूबर 31 - पटेल जयंती - के दिन सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊँची स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का अनावरण किया | और इसी के साथ गर्म होने लग गया फ़ेक न्यूज़ का बाज़ार | एक तस्वीर जो काफी वायरल हुई,और जिसकी पोल बूम ने भी खोली, वो थी स्टेचू ऑफ़ यूनिटी की एक गरीब परिवार के पृष्ठभूमि में खींची गयी तस्वीर | तस्वीर में एक गरीब औरत को फुटपाथ पर बैठे अपने दो बच्चों को खाना खिलाते देखा जा सकता है | इस परिवार के पृष्टभूमि में खड़ी है पटेल की भव्य स्टेचू ऑफ़ यूनिटी | पोस्ट के साथ सन्देश कुछ यूँ है: "ये तस्वीर अवाक् कर देती है …|" अवाक् हम भी थे ये देख कर की कितनी सरलता से दो अलग-अलग तस्वीरों को फोटोशॉप के सहारे एक ही फ्रेम में डाल कर जनता को फ़ेक न्यूज़ बेचा जा रहा है | पूरी रिपोर्ट
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- इस फ़ेक ट्वीट से बचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है
वर्ष 2014 के आम चुनावों के पहले शाहरुख़ खान के नाम से एक ट्वीट वायरल हुआ: "यदि मोदी प्रधानमंत्री बने तो मैं ट्विटर ही नहीं बल्कि देश छोड़ दूंगा" | हालाँकि उस वक्त वायरल हो चुके इस ट्वीट पर शाहरुख़ ने ट्वीटर पर अपनी सफाई दी थी और ये भी साफ़ हो गया था की ट्वीट उनके ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल @iamsrk से नहीं बल्कि @jamsrk से वायरल किया गया था, इन सबके बावजूद इसी ट्वीट को एक बार फ़िर वायरल किया गया और सोशल मीडिया यूज़र्स फ़िर एक बार इसके झांसे में आ गए | बूम की पूरी रिपोर्ट
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- राहुल, शशि और विवादस्पद बयानों की बाढ़
ये सवाल शायद इतिहास के पन्नों में दर्ज़ किया जाएगा: "किसने कहा था कि "नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए शिवलिंग को चप्पल मारनी पड़े तो मारूंगा?" | जवाब किसी को नहीं पता | हाँ अगर फ़ेक न्यूज़ और सोशल मीडिया पर वायरल होते पोस्ट्स कि माने तो बिलकुल यही बात राहुल गाँधी और शशि थरूर ने कही थी | कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में दिए गए एक बयान को गलत ढंग से प्रस्तुत कर के बनाया गया यह फ़ेक पोस्ट गए सप्ताह काफी चर्चा में रहा | हालाँकि यह बयान राष्ट्र स्वयंसेवक संघ के एक अज्ञात सूत्र ने द कैरावन के पत्रकार विनोद जोस को वर्ष 2012 में दिया था | बूम कि पूरी रिपोर्ट
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- तस्वीरें, और उनसे जुड़ी फ़ेक न्यूज़
बड़ा आसान होता है किसी तस्वीर के साथ चंद पंक्तिया जोड़ कर उसे एक अलग प्रारूप देना | और अगर इसे फ़ेक न्यूज़ के साथ जोड़ा जाए तो उसे आसानी से वास्तविकता दी जा सकती है | इस पोस्ट में भी कुछ ऐसा ही हुआ है | एक तस्वीर ली गई है कश्मीर में हुए पुलिस-आतंकी मुठभेड़ से और दूसरी तस्वीर है बांग्लादेश में पकडे गए बलात्कार के आरोपी एक मदरसे के टीचर की | और इन दोनों तस्वीरों को ऊपर-निचे रखकर कैप्शन दिया गया "
असम के कांग्रेस नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियां के साथ मस्जिद से हिरासत में। हिंदुओं को मारने का कर रहा था प्लान। पुलिस ने दबोचा",और कर दिया गया वायरल | इस फ़ेक पोस्ट पर बूम की पूरी रिपोर्ट
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- वीडियो में जिसे कश्मीरी आतंकी बताया वो निकला बिहार का युवा
कश्मीरी आतंकी बता कर वायरल किया गए इस वीडियो के साथ यह संदेश था: "
सावधान—सावधान—सतर्क – अपने घर की और पड़ोस की औरतों को मना करें कि किसी भी कश्मीरी से कम्बल और कपड़े आदि सामान न खरीदे| देखिये कपडा बेचने वाले के वेश मे उग्रवादी घूम रहे है शक होने पर पंजाब मे पकडा गया आतंकी साथ मे पिस्टल और लोडेड मैगजीन |" हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो पता लगा दरअसल ये बिहार का एक युवक था जो अपने पूर्व-प्रेमिका के पति की ह्त्या करने के मकसद से पंजाब आया था | हमारी पूरी रिपोर्ट
यहां पढ़े | तो ये थी बीते सप्ताह की टॉप पाँच फ़ेक न्यूज़ | फ़िर मिलेंगे अगले सप्ताह |