HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

1992 दंगों के लिए माफी मांगने के दावे से उद्धव ठाकरे की फेक पेपर क्लिप वायरल

Maharashtra Election 2024: बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. शिवसेना और संबंधित आउटलेट 'राष्ट्रीय उजाला' ने अपने सोशल मीडिया पर इस खबर को फर्जी बताया है.

By - Jagriti Trisha | 22 Nov 2024 11:47 AM IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सोशल मीडिया पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे से संबंधित एक न्यूजपेपर क्लिप वायरल हो रही है. इस पेपर क्लिप में यह दावा किया गया कि उद्धव ठाकरे ने मुस्लिम समाज के नेताओं के साथ एक मीटिंग की और उनसे 1992 के दंगे में शामिल होने के लिए माफी मांगी.

बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. राष्ट्रीय उजाला नाम के इस आउटलेट ने संबंधित पेपर क्लिप को फेक बताया है.

वायरल न्यूजपेपर क्लिप में क्या है

वायरल पेपर क्लिप कथित तौर पर 'राष्ट्रीय उजाला' नाम के एक अखबार की है, जिसमें संवाददाता का नाम 'प्रणव डोगरा' बताया गया है. क्लिप के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम बोर्ड के नेताओं के साथ एक बैठक की. इस बैठक में सज्जाद नोमानी, मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, आसिफ सेख जैसे नेता शामिल थे.

इस दौरान उद्धव ठाकरे ने उन नेताओं के सामने माफी मांगते हुए कहा कि '1992 के दंगों में शामिल होना गलती थी'. इसके अलावा पेपर क्लिप में यह भी कहा गया कि मीटिंग में आदित्य ठाकरे और संजय राउत जैसे नेता भी मौजूद थे.

गौरतलब है कि साल 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों द्वारा बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था. इसके बाद देशव्यापी दंगे शुरू हो गए थे. मुंबई में इसका वीभत्स रूप देखने को मिला. दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 के बीच इस दंगे में करीब 900 लोग मारे गए. 

इस हिंदी पेपर क्लिप के अलावा सोशल मीडिया पर मराठी में एक अन्य पेपर क्लिप भी शेयर की जा रही है, जिसमें यही दावा किया गया है.

आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए बीते 20 नवंबर को मतदान हो चुका है, जिसकी मतगणना 23 नवंबर को होनी है.

एक्स पर मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश महामंत्री हितानंद शर्मा ने इस न्यूज क्लिप को पोस्ट करते हुए लिखा, 'क्या से क्या हो गए ..कल तक जो 1992 के दंगों से मुंबई को बचाने की जिम्मेदारी ले रहे थे. आज उद्धव ठाकरे मुस्लिम समाज से माफी मांगते हुए दिख रहे हैं.'

पोस्ट का आर्काइव लिंक.

एक्स पर रियलिटी शो बिग बॉस के पूर्व कंटेस्टेंट और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कमाल आर खान और एक दक्षिणपंथी यूजर ऋषि बागरी ने भी इस फर्जी क्लिप को शेयर करते हुए यही दावा किया.

बूम पहले भी ऋषि बागरी द्वारा शेयर किए गए कई गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक कर चुका है.


फैक्ट चेक: वायरल पेपर क्लिप फेक है 

हमने क्लिप में मेंशन मुस्लिम समाज के नेताओं और उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाकातों के बारे में सर्च किया लेकिन हमें कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो. इन नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस मुलाकात से संबंधित कोई जानकारी मौजूद नहीं थी.

हमने क्लिप में मेंशन अखबार 'राष्ट्रीय उजाला' के बारे में सर्च किया. हमें उसकी वेबसाइट पर उद्धव ठाकरे से जुड़ी ऐसी कोई खबर नहीं मिली. इस दौरान हमने पाया कि राष्ट्रीय उजाला ने अपनी वेबसाइट और फेसबुक पर इस पेपर क्लिप का खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया है.


राष्ट्रीय उजाला ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि उनका अखबार की क्लिप में मेंशन 'प्रणव डोगरा' नाम के किसी भी रिपोर्टर से कोई संबंध नहीं है.

इसके बाद हमने अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय उजाला से मेल के जरिए संपर्क किया. राष्ट्रीय उजाला के प्रकाशक ज्योति नारायण ने बूम को इस संदर्भ में स्पष्टिकरण देते हुए बताया, "सोशल मीडिया पर यह झूठी सामग्री गलत तरीके से राष्ट्रीय उजाला के हवाले से प्रसारित किया जा रहा है. राष्ट्रीय उजाला के प्रकाशक के तौर पर मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि हमारे प्रकाशन का इस मनगढ़ंत खबर से कोई संबंध नहीं है."

उन्होंने आगे यह भी बताया, "हम इस झूठे समाचार को बनाने या प्रसारित करने वाले लोगों और संस्थाओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं. इस तरह की कार्रवाई हमारे प्रकाशन की अखंडता, विश्वसनीयता और प्रामाणिकता पर सीधा हमला है."

बकौल ज्योति नारायण राष्ट्रीय उजाला नोएडा से प्रकाशित होने वाला हिंदी अखबार है.

इस दौरान हमें शिवसेना (यूबीटी) के सोशल मीडिया पर इस दावे से संबंधित एक पोस्ट मिला. इस पोस्ट में मराठी में यही दावा करने वाली एक अखबार की क्लिप का खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया गया था.



Tags:

Related Stories