फैक्ट चेक

हेमंत सोरेन के 'गैर आदिवासी वोटों की जरूरत नहीं' बयान वाली न्यूजपेपर कटिंग फेक है

झारखंड चुनाव: बूम ने पाया कि वायरल अखबार की कटिंग फेक है. यह 2019 चुनाव में भी वायरल हुई थी. तब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस पर शिकायत कराई थी.

By - Rohit Kumar | 22 Nov 2024 1:55 PM IST

Hemant Soren said he does not need non-tribals votes

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी एक फेक न्यूजपेपर क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें दावा है कि हेमंत सोरेन ने जुगसलाई विधानसभा के गदड़ा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें चुनाव में जीतने के लिए गैर आदिवासियों के वोटों की जरूरत नहीं है. 

बूम से बातचीत में झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रवक्ता ने वायरल न्यूजपेपर कटिंग के फेक होने की पुष्टि की. यह न्यूजपेपर कटिंग 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान भी वायरल थी. तब जेएमएम की ओर से इस पर शिकायत दर्ज कराई गई थी.

गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुए. अब 23 नवंबर 2024 को चुनाव के परिणाम आने हैं. इसी संदर्भ में यह क्लिप वायरल हो रही है. 

एक्स पर एक यूजर ने इस न्यूजपेपर क्लिप को शेयर करते हुए लिखा, ‘चुनाव जीतने के लिए मुझे गैर आदिवासियों की जरूरत नहीं-हेमंत सोरेन. हेमंत जानते हैं कि घुसपैठिये, बांग्लादेशी, रोहिंग्या का वोट पक्का है. इनके लिये हेमंत ने आदिवासियों की अस्मिता की भी परवाह नहीं की. परंतु आदिवासी अभी तक इस बात को समझ नहीं पाये हैं.’


(आर्काइव लिंक)

फैक्ट चेक

हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें चुनाव में जीतने के लिए गैर आदिवासियों के वोटों की जरूरत नहीं है. बूम ने पाया कि न्यूजपेपर क्लिप फेक है.

वायरल न्यूजपेपर क्लिप में कई गलतियां

बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल न्यूजपेपर कटिंग को ध्यान से पढ़ा जिसमें कई शाब्दिक गलतियां नजर आईं. पेपर कटिंग में दी गई खबर की हेडिंग है, ‘चुनाव जीतने कि लिए मुझे गैर आदिवासियों की जरूरत नहीं.’  जबकि यह 'चुनाव जीतने के लिए' होना चाहिए था. 

इसके साथ ही पेपर क्लिप में हेमंत सोरेन को सीएम न बताकर जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष बताया गया, जो जुगसलाई विधानसभा से अपने प्रत्याशी मंगल कालिंदी के लिए जनता से वोट की अपील करने गदड़ा पहुंचे थे. इसके अलावा पेपर क्लिप रघुवर दास को मुख्यमंत्री बताया गया था. इससे हमें कटिंग के झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान के होने का संदेह हुआ.

हमने इस वायरल क्लिप वाली खबर से संबंधित कीवर्ड्स से इसे गूगल पर सर्च किया. हमें दैनिक जागरण की 27 नवंबर 2019 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने गदड़ा कॉलेज मैदान में महागठबंधन के उम्मीदवार मंगल कालिंदी के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित किया. 

रिपोर्ट में लिखा गया, 'इस दौरान उन्होंने (हेमंत सोरेन) किसी का नाम लिए बिना कहा कि जो यहां पेट पालने के लिए आया था, वह आज मालिक बन बैठा है. मालिक बनने के बाद स्थानीय लोगों पर अत्याचार करना आरंभ कर दिया.' इसका जिक्र वायरल कटिंग में भी है. हालांकि गैर आदिवासी वोटों वाली बात का इसमें जिक्र नहीं था.



हेमंत सोरेन ने नहीं कही गैर आदिवासी वोटों की बात

हमें हेमंत सोरेन के फेसबुक पेज पर 26 नवंबर 2019 को इस सभा का लाइव रिकॉर्डेड वीडियो भी मिला. सोरेन की पोस्ट में लिखा गया, 'कोल्हान के जुगसलाई विधानसभा की जनता को मेरा शत-शत नमन. जुगसलाई की जनता से अपील है वोट देते समय 2200 करोड़ के कोनार नहर को चूहे से कुतरवाने वाले नेता से जरूर बचियेगा. इस बार जुगसलाई ने झामुमो से गठबंधन प्रत्याशी मंगल कालिंदी को आशीर्वाद देने का मन बना लिया है. '

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हमने पाया कि हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिसमें उन्होंने कहा हो कि चुनाव में जीतने के लिए उन्हें गैर आदिवासियों के वोटों की जरूरत नहीं है. 

जेएमएम ने की थी शिकायत

इसके साथ ही हमें हेमंत सोरेन के फेसबुक पेज पर 30 नवंबर 2019 की एक पोस्ट मिली, जिसमें लिखा गया, "आज सुबह से मेरे प्रति जनता में द्वेष भरने हेतु भाजपा और उसकी पिछलग्गू आजसू ने मेरे खिलाफ अभियान चलाया पर जनता ने उसे पूरी तरह नकार दिया. ओर आगे से ये ऐसा करने की हिमाकत ना करे इसके लिए इनपर ठोस करवाई होनी जरूरी है इसलिए झामुमो ने विभिन्न थानों में दोषियों के खिलाफ नामजद एफआईआर करवा प्रशासन एवं पुलिसकर्मी से इनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है."

इसी के साथ पोस्ट में जेएमएम की ओर से हेमंत सोरेन के पर फेक न्यूज फेक न्यूज फैलाने को लेकर शिकायत पत्र और कुछ फेसबुक पोस्ट के प्रिंटआउट शामिल थे. 

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झारखंड के पत्रकार ने न्यूजपेपर क्लिप को फेक बताया

बूम ने वायरल क्लिप को लेकर झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार सुरजीत सिंह से भी संपर्क किया. उन्होंने कहा, "यह न्यूजपेपर क्लिप पूरी तरह फेक है. इसे ध्यान से देखें तो इसमें पैराग्राफ के बीच गैप है जो अमूमन न्यूजपेपर के फॉर्मेट में नहीं होता. इसके अलावा हेमंत सोरेन ने कभी ऐसा कोई बयान पब्लिक में नहीं दिया है."

बूम ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडेय से भी संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया, "यह बिल्कुल फेक क्लिप है. यह सत्यता से कोसों दूर है. हेमंत जी ने ऐसा कोई वक्तव्य नहीं दिया था. इस पर तब शिकायत भी की गई थी." उन्होंने आगे कहा, "चुनाव के समय विभिन्न तरह के हथकंडे अपनाए गए खासकर आखिरी 4-5 दिनों में और यह सब बीजेपी आईटी सेल की ओर से किया गया."


(शेफाली श्रीवास्तव के अतिरिक्त इनपुट के साथ)

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