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फैक्ट चेक

नहीं, जनसैलाब दिखाती यह तस्वीर योगी आदित्यनाथ की रैली की नहीं है

बूम ने पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है, तस्वीर 2014 में पीएम मोदी की कोलकाता रैली की है।

By - Anmol Alphonso | 23 Oct 2020 11:15 AM GMT

सार्वजनिक रैली में लोगों की भारी भीड़ को दिखाने वाली एक तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है। तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिहार की चुनावी रैली से है।

तस्वीर 20 अक्टूबर, 2020 को बिहार के कैमूर जिले में संपन्न हुई योगी आदित्यनाथ की पहली रैली के बाद यह तस्वीर शेयर की जा रही है।

चाबुक से मार खाते व्यक्ति की तस्वीर भगत सिंह बताकर वायरल

तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि "योगी आदित्यनाथ को सुनने के लिए बिहार की एक रैली में उमड़ा जनसैलाब..जयश्रीराम के नारों से गूंजा मैदान"


पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

फ़ेसबुक पर वायरल 

फेसबुक पर उसी कैप्शन के साथ सर्च करने पर, हमने पाया कि फोटो को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।


क्या शराब की बोतलों से भरे ये पैकेट बिहार चुनाव में वोटरों के लिए है? 

फ़ैक्ट चेक 

हमने पाया कि वायरल तस्वीर फ़रवरी 2014 की है। 5 फ़रवरी 2014 को कोलकता में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली के दौरान यह तस्वीर ली गई थी।

बूम बांग्ला पहले इस तस्वीर को ख़ारिज कर चूका है | तब यह 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले वायरल हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि यह पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी की हालिया रैली से है।

तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करने पर हमें देश गुजरात नामक वेबसाइट के एक लेख में यही तस्वीर मिली। लेख में कहा गया कि यह 5 फ़रवरी 2014 को कोलकाता में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से है।


बूम ने पहले भी बिहार चुनाव से जुड़ी फ़र्ज़ी तस्वीरों के साथ दावों को ख़ारिज कर चुका है।

नीतीश कुमार के काफ़िले पर पथराव का ये वीडियो कब का है?


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