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फैक्ट चेक

जी नहीं, वायरल तस्वीरें राम मंदिर के निर्माण की नहीं हैं

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है, तस्वीरें राम मंदिर निर्माण की नहीं बल्कि बनारस में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण की है।

By - Mohammad Salman | 1 Nov 2020 6:09 PM IST

सोशल मीडिया पर एक निर्माणाधीन भवन की तस्वीरों का सेट फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रही है। तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। फ़ेसबुक पर यूज़र्स अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बताते हुए बड़े पैमाने पर शेयर कर रहे हैं।

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है। तस्वीर में दिख रहा निर्माणाधीन भवन बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण स्थल है। हमने राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र से बात की, जिन्होंने बताया कि अभी सिर्फ़ राम मंदिर निर्माण के लिए नींव भरने का काम चल रहा है।

गौरतलब है कि बीते पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला राखी थी। मंदिर निर्माण की देखरेख के लिए राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का गठन किया गया है। 15 सदस्यों वाले इस ट्रस्ट का प्रमुख महंत नृत्यगोपाल दास को बनाया गया है।

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फ़ेसबुक पर तस्वीरों के सेट को शेयर करते हुए यूज़र ने लिखा, "मित्रों श्री #अयोध्या धाम में प्रभु #श्रीराम जी के मंदिर का निर्माण बडे जोरो से चल रहा है!! रघुनाथ जी की जय हो!! जय श्रीराम जी।"

Full View

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र ने उसी दावे के साथ तस्वीरें पोस्ट की, जिसे अब तक एक हज़ार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका हुआ है। 



पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

फ़ेसबुक पर वायरल तस्वीर के कैप्शन के साथ सर्च करने पर हमें बड़े पैमाने पर समान दावे करते हुए पोस्ट मिले।

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फ़ैक्ट चेक 

बूम ने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो इंडिया टीवी का एक लेख मिला, जिसमें वायरल तस्वीर को प्रकाशित किया गया था।

"पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट: बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कार्य जोरों पर" शीर्षक के साथ 27 अक्टूबर को प्रकाशित लेख में तस्वीर की क्रेडिट लाइन में 'इंडिया टीवी' लिखा पढ़ा जा सकता है। लेख में कहा गया कि बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कार्य ज़ोरों पर है।


लेख में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण की अन्य तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं, जो वायरल तस्वीर से मेल खाती हैं।


दैनिक जागरण की रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के रूप में प्रकाशित किया गया है।

बूम ने राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि "राम मंदिर निर्माण का काम तो चल रहा है लेकिन अभी बस निर्माण स्थल पर नींव खोदने का काम शुरू हुआ है।"

हमने पंजाब केसरी के स्थानीय संवाददाता अभिषेक सावंत से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि "राम मंदिर निर्माण स्थल पर सिर्फ़ ड्रिलिंग का काम चल रहा है जिसमें पिलर खड़े किये जाएंगे। ट्रस्ट और टाटा कंपनी के साथ अभी इसी बात की बैठक चल रही कि पिलर ऐसे मजबूती से डाले जाएं ताकि यह एक हज़ार साल तक खड़े रहें। मंदिर निर्माण में अभी समय लगेगा।"

वायरल तस्वीरों के बारे में पूछने पर उन्होंने साफ़ किया कि "निर्माण स्थल पर केवल प्रशासन और राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के सदस्यों के अलावा किसी को जाने की इजाज़त नहीं है। मीडिया को निर्माण से जुड़ी जानकारी प्रशासन की तरफ़ से मुहैया करायी जाती है। ऐसे में मीडिया के इतर जो भी तस्वीर या ख़बर आ रही है तो समझ लीजिये वह फ़ेक है।"

बूम ने इसके बाद टेम्पल ट्रस्ट का आधिकारिक ट्विटर हैंडल भी खंगाला पर वायरल हो रही तस्वीर नहीं मिली |

मंदिर निर्माण कार्य का उल्लेख करते हुए पत्थरों की शिफ़्टिंग होना बताया गया है पर अभी कोई इमारत नज़र नहीं आ रही है |

6 साल पुराना 3D एनीमेशन राम मंदिर के ब्लू प्रिंट के रूप में वायरल

राजीव गांधी की यह तस्वीर 1989 में अयोध्या में हुए भूमि पूजन की नहीं है

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