वरिष्ठ एंकर, पत्रकार और इंडिया टीवी के प्रमुख रजत शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के जवाब में भारत की कार्रवाई के बारे में बता रहे हैं. यूजर्स इसे वास्तविक वीडियो मानते हुए शेयर कर रहे हैं.
बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो एआई जनरेटेड है. एआई डिटेक्टर हाइव मॉडरेशन और वॉइस क्लोनिंग वेबसाइट इलेवन लैब ने वीडियो के एआई से बने होने की संभावना 98 प्रतिशत तक व्यक्त की है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल ?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (आर्काइव लिंक) और एक्स (आर्काइव लिंक) पर यूजर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लिए क्या-क्या कार्य कर रहे हैं, यह प्रत्येक भारतीय नागरिक को जानना आवश्यक है. वह गम्भीरता से समझें कि हमारे देश में क्या घटित हो रहा है.
इस वायरल वीडियो में रजत शर्मा बता रहे हैं कि टैरिफ के जवाब में भारत ने अमेरिका को भेजे जाने वाली जेनरिक दवाओं की सप्लाई में पचास प्रतिशत की कटौती कर दी, जिसके चलते अमेरिका की जनता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है.
पड़ताल में क्या मिला:
बूम ने वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि यह एआई मैन्यूपुलेटेड है. बूम ने रिवर्स इमेज सर्च और संबंधित कीवर्ड से इस वीडियो की खोज की. लेकिन हमें कोई भी ऐसा वीडियो नहीं मिला, जिसमें रजत शर्मा इस तरह की बातें कह रहे हों.
हमें इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी रजत शर्मा का ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला. इससे हमें इस वीडियो के एआई से बने होने का संदेह हुआ, जिसकी पुष्टि के लिए हमने इसे अलग-अलग एआई टूल पर चेक किया.
इलेवन लैब के एआई वॉइस क्लोनिंग टूल के मुताबिक इस वीडियो की ऑडियो के एआई से बने होने की संभावना 98 प्रतिशत तक है.
एआई डिटेक्टर टूल हाइव मॉडरेशन ने भी इस वीडियो के विजुअल को 77 प्रतिशत तक जबकि ऑडियो को 99 प्रतिशत तक एआई जनरेटेड बताया है.
अधिक स्पष्टिकरण के लिए बूम ने रजत शर्मा से भी संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि यह वीडियो फेक है, वीडियो को सोशल मीडिया से हटवाने के लिए वह एक्शन भी ले रहे हैं.
वीडियो में किए गए दावे की पड़ताल
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 25% और फिर 50% तक टैरिफ लगाए हैं. वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने 12 अगस्त 2025 को लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि भारतीय दवा क्षेत्र को इस टैरिफ वृद्धि से बाहर रखा गया है.
इसके अलावा अमेरिका के टैरिफ के जवाब में भारत द्वारा जेनेरिक दवाओं की सप्लाई में 50% की कटौती करने के दावे वाली कोई भी आधिकारिक या विश्वसनीय रिपोर्ट मौजूद नहीं है और न ही अमेरिका में दवाओं की कमी के चलते जनता के सड़कों पर विरोध प्रदर्शन की कोई विश्वनीय खबर है.


