राजीव गांधी की यह तस्वीर 1989 में अयोध्या में हुए भूमि पूजन की नहीं है
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर राजीव गांधी की रूसी हरे कृष्णा भक्तों से दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान ली गयी थी
कृष्ण भक्तों से घिरे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हो रही है कि वह 1989 में अयोध्या में हुए राम मंदिर के भूमि पूजन में मौजूद थे । हालांकि तस्वीर 1989 की ही है पर अयोध्या नहीं बल्कि दिल्ली में ली गयी थी ।
बूम ने पाया की तस्वीर वर्ष 1989 में तब ली गयी थी जब राजीव गांधी दिल्ली में रशिया के हरे कृष्ण भक्तों से मिले थे |
क्या राम मंदिर भूमि पूजन के पहले अयोध्या को भगवा रंग से रंग दिया गया है?
5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन होने जा रहा है और यह तस्वीर उसी दौरान वायरल हो रही है । न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे और कोरोना महामारी के चलते वहाँ पर आने वालों की संख्या 200 तक सीमित रखी गयी है ।
वायरल तस्वीर में राजीव गांधी एक समूह से घिरे नज़र आते हैं और उनके हाथ में कुछ किताब जैसा दिख रहा है ।
पोस्ट के साथ हिंदी में कैप्शन है 'ये तस्वीरें हैं उस भूमिपूजन की जो 9 नवम्बर 1989 को हो चुका है। याने कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को, जिसे हम देवउठनी एकादशी कहते हैं। कोंग्रेस की सरकार ने भी उस समय तिथि का खयाल रखा था। तब के पण्डे आज की तरह ढोंगी नहीं थे। उन्हें सब बातों का खयाल था। माफ कीजिये सरकार, आप सिर्फ हिन्दुत्व का ढोंग करते हैं, सनातन वैदिक धर्म व उसकी परम्परा का चुटकी भर ज्ञान नहीं आपको' |
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क्या राम मंदिर भूमि पूजन के पहले अयोध्या को भगवा रंग से रंग दिया गया है?
फ़ैक्ट चेक
बूम ने रिवर्स इमेज सर्च किया और कई न्यूज़ रिपोर्ट्स और विकिमीडिया पेज पर यही तस्वीर पाई ।
विकिमीडिया पेज पर तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है: "रूसी हरे कृष्णा भक्तों से राजीव गांधी दिल्ली में मिल रहे हैं ।"
इस्कॉन रूस इस तस्वीर के कॉपी राइट अधिकार रखता है ।
बूम ने पाया कि इसी कैप्शन के साथ फ़ैक्टएंडडिटेल.कॉम ने भी तस्वीर प्रकाशित की है । इसके अलावा कांग्रेस ने भी 9 मार्च, 2017 को यही तस्वीर ट्वीट की थी। ट्वीट में लिखा था, "रूसी हरे कृष्णा भक्तों से राजीव गांधी 1989 में मिलते हुए ।"
Rajiv Gandhi meeting Russian Hare Krishna devotees, 1989 pic.twitter.com/AlYtYONfu3
— Congress (@INCIndia) March 9, 2017
यही दावा पहले इंडिया टुडे ने ख़ारिज किया है ।
बूम ने कई ऐसी न्यूज़ रिपोर्ट्स भी देखी जिसमें 1989 में हुए भूमि पूजन के बारे में बताया गया है ।
1989 में तब सत्ता में रहे राजीव गांधी सरकार ने 9 नवंबर को अयोध्या में शिलान्यास की अनुमति दी थी । इसी दिन 30 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अपना मंदिर निर्माण को लेकर अपना अंतिम फ़ैसला सुनाया । अब राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है । इसका भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को होगा ।
आपको बता दें की 9 नवंबर 1989 के बृहस्पतिवार को राजीव गांधी अयोध्या में मौजूद नहीं थे ।