जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष आइशी घोष की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर झूठे दावों के साथ शेयर की जा रही है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि 5 जनवरी, 2020 जेएनयू कैंपस हिंसा के दौरान घोष ने सिर में चोट नहीं लगी थी, जैसा कि फ़ोटो में कोई निशान दिखाई नहीं दे रहा है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस के भीतर सशस्त्र भीड़ ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। इस हिंसा में आइशी घोष घायल हो गयीं थीं। घोष के सिर से बहते हुए खून की तस्वीर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और संभावित राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के ख़िलाफ विरोध प्रदर्शन को और मजबूत किया था।
व्यंग्य ट्विटर हैंडल, लाइम्स ऑफ इंडिया ने घोष की दो तस्वीरों का एक सेट शेयर किया है। तस्वीरों के साथ एक मैसेज दिया गया है, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है, 'वास्तविक जीवन उत्परिवर्ती: आइश घोष से मिलिए, वह महिला जो किसी भी सामान्य इंसान की तुलना में जल्दी ठीक हो जाती है।'
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ट्वीट में एक तस्वीर घायल घोष की है और दूसरी तस्वीर में वह न्यूज़ एजेंसी एएनआई के एक रिपोर्टर से बात करती हुई नज़र आ रहीं हैं। दूसरी तस्वीर में घोष के माथे पर चोट का कोई निशान नहीं दिख रहा है।
Real life mutant: Meet Aishe Ghosh, the woman who recovers faster than any normal human being. pic.twitter.com/d7km1ivnP8
— Limes Of India (@LimesOfIndia) February 19, 2020
लाइम्स ऑफ इंडिया का अर्काइव ट्वीट यहां देखा जा सकता है।
पोस्ट कार्ड न्यूज़ के सह-संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े ने इसी तरह की तस्वीरों का सेट ट्वीट किया जिसमें एक तस्वीर में आइशी घोष के माथे से बहता खून दिखाई दे रहा था जबकि दूसरी तस्वीर में वह रिपोर्टर के साथ बात कर रही थी। इन तस्वीरों के साथ एक टेक्स्ट दिया गया था, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह से है 'ये जेएनयू की आइशी घोष हैं ... तस्वीर 1: सप्ताह पहले उसने कहा कि उसे 16 टांके लगाने पड़े ... तस्वीर 2: अब एक भी स्किच दिखाई नहीं दे रही है ... मुझे लगता है कि उसका डॉक्टर भगवान है'।
She's JNU's Aishe Ghosh
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) February 19, 2020
Pic 1: Weeks ago she said she had to put 16 stitches
Pic 2: Now not even a single stitch is visible
I think her doctor is God pic.twitter.com/MHLXPxFbuh
हेगड़े के ट्वीट का अर्काइव यहां देखा जा सकता है।
इसी तरह के तस्वीरों का सेट फेसबुक पर भी ऐसे ही दावों के साथ वायरल है।
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द स्किन डॉक्टर नाम के अकाउंट ने फेसबुक पर इसी तरह के दावे के साथ घोष की तस्वीरों का एक सेट शेयर किया है।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने आइशी घोष से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर हाल में ही ली गयी थी। उन्होंने हमें यह भी बताया कि उनके माथे पर ज्यादा रोशनी पड़ने के कारण चोट का निशान नहीं दिखाई दे रहा है।
आइशी ने उनकी एक और तस्वीर भेजी जिसमें उनके माथ पर टांके का निशान साफ़ दिखाई दे रहा है।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष द्वारा भेजी गई एक और तस्वीर में, धूप के कारण टांके मुश्किल से दिखाई दे रहे हैं। चूंकि यह एक मोबाइल फोन के फ्रंट कैमरे से ली गई एक सेल्फी है, इसलिए तस्वीर फ़्लिप हो गई है और स्टिच का निशान मूल तस्वीर के मिरर इमेज के रूप में दिखाई देता है।
हालांकि हम दूसरी तस्वीर, जिसमें घोष को चोट के निशान के बिना दिखाया गया है, उसका पता नहीं लगा पाए| लेकिन बूम उन तस्वीरों को खोजने में कामयाब रहा जिनमें घोष को सामान कपड़ो में देखा जा सकता है । सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए घोष 13 फरवरी, 2020 से कोलकाता में हैं। इस बारे में और यहां पढ़ें।
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JNU students union president Aishe Ghosh and Presidency University students union president Mimosa Ghorai ✊ pic.twitter.com/b0L62rrg9D
— Amartya Das (@Amartya_13) February 16, 2020