हरियाणा में कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी के चेहरे पर स्याही लगाते हुए लगभग चार साल पुराना एक वीडियो सोशल मीडिया पर फ़िर से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो को कृषि सुधार बिल के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
वीडियो क्लिप में भारतीय जनता पार्टी के नेता को पीले रंग की पगड़ी पहने देखा जा सकता है। कुछ लोग उनके करीब आते हैं और उनके चेहरे पर स्याही फेंकने लगते हैं। हमलावरों ने सैनी के साथ तस्वीर लेने के बहाने हमला किया था.
वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने पीली पगड़ी पहने नेता की पहचान कुरुक्षेत्र से भाजपा के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी के रूप में की है जबकि एक अन्य यूज़र ने पोस्ट में दावा किया है कि वह भाजपा नेता सत्यम सिंह है।
कृषि सुधार विधेयकों पर चर्चा क्यों हो रही है?
ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि "हरियाणा के जाटों ने बीजेपी सांसद सैनी का मुंह काला करके जूते मारे और ये न्यूज़ किसी चैनल पर नही दिखाई गई ...ये है असली आलू से सोना"
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें। वायरल पोस्ट यहां और यहां देखें
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
इस बीच एक यूज़र ने फ़ेसबुक पर वीडियो को सीधे कृषि सुधार बिल के ख़िलाफ़ किसानों के प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया। यूज़र ने पोस्ट में दावा किया कि पीली पगड़ी वाला व्यक्ति भाजपा नेता सत्यम सिंह है। वीडियो शेयर करते हुए यूज़र ने लिखा कि "हरियाणा किसान बिल के रुझान आने लगे..पहला भूमि सूजन भाजपा नेता सत्यम सिंह का जोरदार स्वागत किसानों द्वारा.."
नहीं, कृषि बिल्स पारित होते ही अडानी का यह साइलो नहीं बनाया गया है
फ़ैक्ट चेक
बूम ने रिवर्स इमेज सर्च किया और सैनी, स्याही और हरियाणा जैसे कीवर्ड से गूगल सर्च किया तो हमें 16 अक्तूबर 2016 की कुछ वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं।
पंजाब केसरी ने अक्तूबर 2016 में एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें कुरुक्षेत्र के तत्कालीन बीजेपी सांसद सैनी के आसपास पांच लोगों से घिरा देखा जा सकता है।
बूम को इस घटना से जुड़े कई समाचार लेख मिले। उनके अनुसार स्याही लगाने वाले 5 हमलवारों पर धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसका हरियाणा की कई खाप पंचायतों ने विरोध किया था। सैनी ने कथित तौर पर आरोप लगाया गया कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गयी।
ट्रिब्यून में छपे एक लेख के मुताबिक़ हमलावरों ने सैनी पर हरियाणा में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था जिसे सैनी ने ख़ारिज कर दिया।
घटना के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत दे दी गई। जांच में स्याही में कोई भी जानलेवा केमिकल नहीं पाए जाने के कारण हत्या के आरोपों को रद्द कर दिया था।
देशभर में कृषि सुधार बिल के ख़िलाफ़ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन की फ़र्जी ख़बरें फ़ैलाई जा रही हैं। कई पुरानी तस्वीरों और वीडियो को भ्रामक भ्रामक दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
कृषि बिल्स 2020: पुराने प्रदर्शनों की तस्वीरें फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल