भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (India flag) का अनादर करने वाले समूहों की तीन पुरानी तस्वीरें, मौजूदा किसान प्रदर्शन (farmers protest) से जोड़कर वायरल हैं | इनके साथ दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी किसान तिरंगा (tricolour) जला रहे हैं।
इन पोस्ट्स में कहा जा रहा है कि प्रदर्शन भारत विरोधी है |
पंजाब और हरियाणा के किसानों ने हाल ही में पारित तीन कृषि कानूनों (farm laws) के विरुद्ध दिल्ली चलो मार्च (Delhi Chalo march) निकाला है और पिछले कई दिनों से हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के दिल्ली से लगे बॉर्डर पर डटें हुए हैं | किसानों ने इस सिलसिले में दिसंबर 8 को भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वाहन किया था | प्रदर्शन जारी है |
वायरल पोस्ट में प्रदर्शनकारियों की तीन तस्वीरों के एक कोलाज को दिखाया गया है, जिस पर वे क्रमशः भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हुए, उसे जूते की माला पहनाते और जलाते हुए दीखते हैं |
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बंगला में पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, '' किसान आंदोलन में भारत का झंडा जलाया गया। अब सोचिए कि आंदोलन में कौन शामिल रहा है। ''
पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां उपलब्ध हैं |
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने इन तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च कर पाया कि यह पुरानी हैं |
पहली तस्वीर
रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमने अगस्त 2014 से इसी फ़ोटो वाले फ़ेसबुक पोस्ट मिले। इस तरह की एक पोस्ट का कैप्शन था, "इस तस्वीर को हर जगह साझा करें कि यह भारत सरकार तक पहुँच जाए और दिखाएं कि वे भारत का अपमान कैसे करते हैं|''
सर्च के दौरान हमें हेट इंडिया एन्ड इंडिया शीर्षक का एक ब्लॉग मिला जिसमें यही तस्वीर 13 दिसंबर 2013 में पोस्ट की गयी थी | इसकी हैडिंग थी: खालिस्तान युथ | बूम इस तस्वीर की वास्तविकता स्वतंत्र रूप से नहीं खोज पाया परन्तु तस्वीर 2013 से इंटरनेट पर मौजूद है और वर्तमान के आंदोलन से सम्बंधित नहीं है |
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दूसरी तस्वीर
इस तस्वीर की खोज में हमें हरपीत ढिल्लों नाम का एक फ्लिकर अकाउंट मिला | ढिल्लों ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में हुए इस प्रदर्शन की कई तस्वीरें पोस्ट की थी | यह तस्वीर 16 अगस्त 2009 को "फ्रेमोंट, सी.ए, में 15 अगस्त को भारतीय स्वतंत्रता परेड के विरोध में हुई प्रोटेस्ट," शीर्षक वाले एल्बम में पोस्ट किया गया था |
तीसरी तस्वीर
यह तस्वीर हमें पाकिस्तानी वेबसाइट सियासत पर मिली जिसनें यही तस्वीर 12 जुलाई 2015 में प्रकाशित की थी | सियासत का यह लेख ट्विटर पर वायरल हुए खालिस्तान लिबरेशन के बारे में था |
यही ट्रेंड हमें #LiberateKhalistan के साथ ट्विटर पर भी देखने को मिला | इसमें कुछ ट्वीट्स थे जो वर्तमान में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे थे |
हालांकि हम प्रत्येक फ़ोटो के समय और स्थान का स्वतंत्र रूप से सत्यापन नहीं कर सके, लेकिन यह स्पष्ट है कि किसानों के आंदोलन से पहले से तीनों इंटरनेट पर मौजूद हैं।
बूम द्वारा किसान आंदोलन के इर्द-गिर्द फ़ैल रही फ़र्ज़ी अफ़वाहों और सूचनाओं को ख़ारिज़ किया है |