एक वायरल मैसेज, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका (यूएस) और यूनाइटेड किंगडम (यूके) सहित 18 देश चाहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए एक टास्क फोर्स का नेतृत्व करें, ग़लत है। वायरल मैसेज में विऑन न्यूज़ द्वारा की गई रिपोर्टिंग की ग़लत व्याख्या की गई है, जो भारत सरकार द्वारा विश्व नेताओं के साथ महामारी पर किए गए कार्यों को उजागर करती है।
यह मैसेज बूम के व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन (7700906111) पर आया। जिसमे लिखा हैं:
"यूएसए और यूके सहित 18 राष्ट्र नरेंदर मोदी को कोरोनोवायरस महामारी से निपटने के टास्क फोर्स के नेता के रूप में चाहते हैं।।भारत के लिए एक गर्व का क्षण है। हमे मोदी पर विश्वास है और भारत ये लड़ाई ज़रूर जीतेगा।"
इसके साथ एक वीडियो है जिसमें भारतीय समाचार एजेंसी विऑन की एक रिपोर्ट है।
मैसेज का स्क्रीनशॉट और वीडियो नीचे है।
बूम ने इसे ट्विटर पर भी इस मैसेज को तोड़ मोड़ वायरल हुआ पाया।
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18 nations including USA and UK wants NARENDER MODI as leader for TASK FORCE for CORONA..what a proud moment for INDIA..believe in him and INDIA will win 🙏 #IndiaFightCorona #modihaitomumkinhai pic.twitter.com/y1BNgwJqty
— rAaAhUl (@NaMo4Bharath) April 1, 2020
यह मैसेज और क्लिप फेसबुक पर भी वायरल है।
फ़ैक्टचेक
भारत दुनिया में कहीं भी कोरोनावायरस टास्क फोर्स का नेतृत्व नहीं कर रहा है। यह मैसेज, ज़ी मीडिया लिमिटेड से जुड़े एक भारतीय समाचार संगठन विऑन द्वारा रिपोर्ट की गई घटना का ग़लत वर्णन है। हालांकि विऑन केवल सरकार और पीएम मोदी ने कोविड-19 पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए सभी इंटरैक्शन पर रिपोर्ट करता है, इनमें से किसी भी देश ने भारतीय नेतृत्व वाली अंतर्राष्ट्रीय टास्क फोर्स की मांग नहीं की है, न ही यु.एस और यु.के ने।
वीडियो में, विऑन ने भारत की अन्य देशों से साथ हालिया भागीदारी की रिपोर्ट की। 15 मार्च को, भारत ने कोविड-19 पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के नेताओं के साथ बातचीत की, और सार्क कोविड-19 फण्ड की स्थापना की, जहाँ भारत ने $10 मिलियन का योगदान दिया। बैठक की शुरुआत 13 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट के माध्यम से की। हालांकि, सार्क श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, बंगलादेश और पाकिस्तान का एक क्षेत्रीय निकाय है, और इसमें अमेरिका और ब्रिटेन शामिल नहीं हैं।
I would like to propose that the leadership of SAARC nations chalk out a strong strategy to fight Coronavirus.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2020
We could discuss, via video conferencing, ways to keep our citizens healthy.
Together, we can set an example to the world, and contribute to a healthier planet.
दूसरा, विऑन ने बताया कि प्रधान मंत्री मोदी ने यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के साथ टेलीफोन पर कई मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें कोविड-19 पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग शामिल है, जिसे ब्रिटिश पक्ष द्वारा और भारतीय पक्ष द्वारा दस्तावेज़ी तौर पर रखा गया है। इस बातचीत में कहीं पर भी वैश्विक टास्क फोर्स का उल्लेख नहीं किया गया है| इसमें जलवायु परिवर्तन, और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की गई थी।
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विऑन ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन द्वारा की गई एक टिप्पणी जो कोविड-19 पर G20 (20 के समूह) सहयोग के बारे में थी, पर रिपोर्ट प्रकाशित की| स्कॉट ने कहा कि इसे सऊदी अरब से गुजरना होगा, जिसके पास इस वर्ष के लिए G20 राष्ट्रपति पद है। उन्होंने यह भी कहा कि जी 20 नेता जी 20 केंद्रीय बैंकरों और वित्त मंत्रियों की योजनाबद्ध बैठक कर रहे थे। विऑन की रिपोर्टिंग से रिपोर्ट मिलती है कि G7 राष्ट्र समान सहयोग की योजना बना रहे थे।
जी 20 वित्त मंत्रियों की बैठक पहली बार 23 मार्च को सऊदी राष्ट्रपति पद के तहत हुई थी। बैठक में जी 20 की प्रेस विज्ञप्ति यहां देखी जा सकती है। 31 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की दूसरी बैठक में फिर से सऊदी अरब की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसे यहाँ पढ़ा जा सकता है। इनमें से कोई भी किसी भी तरह की भारतीय नेतृत्व वाली टास्क फोर्स को जारी नहीं करता है|
26 मार्च को, G20 के नेताओं ने टेलीकाफ़रेंस के माध्यम से सऊदी अरब के राजा की अध्यक्षता में एक बैठक में कोरोनावायरस महामारी पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री ने भाग लिया। जी 20 देशों ने विश्व अर्थव्यवस्था को स्थाई बनाए रखने के लिए $ 5 ट्रिलियन का वचन दिया ताकि कोविड-19 के कारण होने वाले सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को कम किया जाए।
At #G20VirtualSummit PM @narendramodi emphasized the need to put human beings at the center of our vision of global prosperity & cooperation while calling on #G20 to come out with a concrete action plan to fight #COVID19 global pandemic
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) March 26, 2020
Full Press Release🔗https://t.co/E2TMr8x7N4 pic.twitter.com/RFbQgD8sqL
इस बैठक पर सरकार द्वारा आधिकारिक प्रेस सूचना ब्यूरो की विज्ञप्ति के अनुसार, "G 20 के इस असाधारण सत्र को आयोजित करने के लिए पीएम ने सऊदी अरब के राजा को धन्यवाद दिया।" इस रिलीज में कहीं भी भारत के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का जिक्र नहीं था। इसे यहां पढ़ा जा सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब बूम ने व्हाट्सएप्प पर फ़र्ज़ी ख़बरों को ख़ारिज किया है| नीचे पढ़ें हमारी रिपोर्ट्स|
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