नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में लॉकलाउन 30 अप्रैल तक नहीं बढ़ाया
वायरल मैसेज फ़र्ज़ी है और बॉम्बे कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की ग़लत व्याख्या दी गई है।
बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने का दावा करने वाले मैसेज झूठे हैं। फ़र्ज़ी दावे को सच दिखाने के लिए वायरल मैसेज में टाइम्स ऑफ इंडिया और महाराष्ट्र टुडे से न्यूज़ लिंक जोड़े गए हैं जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 30 अप्रैल से पहले समाप्त होने वाले अंतरिम आदेशों की अवधि बढ़ाने के बारे में बताया गया है।
इस मैसेज को दो रिपोर्ट के हवाले के साथ फैलाया जा रहा है - अंग्रेजी में टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट और महाराष्ट्र टुडे द्वारा मराठी की एक रिपोर्ट। हालांकि, शामिल किए गए रिपोर्ट में महाराष्ट्र में मौजूदा लॉकडाउन का उल्लेख नहीं है, बल्कि इन रिपोर्ट में 30 अप्रैल से पहले ही समाप्त हो रहे अंतरिम आदेशों से संबंधित बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के बारे में बताया गया है।
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दोनों मैसेज बूम को अपनी हेल्पलाइन (7700906111) पर मिले हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया का हवाला देते हुए पहला मैसेज नीचे देखा जा सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लिंक यहां देखा जा सकता है।
महाराष्ट्र टुडे की रिपोर्ट शामिल करने वाला मैसेज नीचे देखा जा सकता है।
इस संबंध में महाराष्ट्र टुडे के कहानी हटा ली गई है। हालांकि, कहानी के कैश्ड वर्शन के अर्काइव तक यहां पहुंचा जा सकता है।
इस ख़बर को सच मानते हुए कई लोगों ने ट्वीटर के माध्यम से जानने की कोशिश कि क्या वाकई लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है।
@CMOMaharashtra Respected CM Thnx 4 ur prompt action in da state that my family and I are safe today from #CoronoVirus. I've heard that lockdown in #Maharashtra has been extended till 30th April. Please confirm.
— RAHUL ANANT (@rahant1981) March 28, 2020
फ़ैक्टचेक
बूम ने दोनों समाचारों को देखा और पाया कि उसमें कहीं भी महाराष्ट्र में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की बात नहीं कही गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि गुरुवार तक चलने वाले सभी अंतरिम आदेशों को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया जाएगा।
रिपोर्ट में आगे विध्वंस और संपत्तियों को बेदखल करने पर कोर्ट के आदेश के बारे में बताया गया है, और कहा गया है कि राज्य में किसी भी अदालत द्वारा पारित पूर्व विध्वंस या बेदखली और फैलाव के आदेश पर तब तक रोक रहेगी।
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जबकि महाराष्ट्र टुडे की कहानी को हटा लिया गया है, उन्होंने एक चेतावनी नोट डाला है जिसमें कहा गया है कि उनकी कहानी की ग़लत व्याख्या करते हुए कहा जा रहा है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है। इसमें कहा गया है कि, "तो जागरूक रहें और सामग्री को पढ़े बिना आगे न बढ़ाएं।" नोट नीचे देखा जा सकता है, और यहां पाया जा सकता है।
चल रहे लॉकडाउन के कारण 26 मार्च को एक आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने काम काज में पड़ रहे व्यवधान को माना। यह आदेश 30 अप्रैल से पहले समाप्त होने तक अंतरिम आदेशों का विस्तार करता है। डेमोलिशन, बेदखली और फैलाव के आदेश पर तब तक रोक लगाई गई है और सरकारों और नगरपालिका अधिकारियों को कार्रवाई की गति धीमी करने के लिए कहा गया है ताकि लोगों को अदालत में आने से रोका जा सके।
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आदेश में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि अदालत ने लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई है।आदेश यहां पढ़ा जा सकता है और लाइवलॉ द्वारा आदेश पर रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है।
बूम ने ऐसी कोई रिपोर्ट या आधिकारिक सूचना नहीं पायी जिसमें कहा गया हो कि लॉकडाउन 30 अप्रैल तक चलेगा।
महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने कोविड-19 के प्रसार का मुकाबला करने के लिए पहले ही 23 मार्च को राज्य भर में लॉकडाउन की घोषणा की थी जिसे 31 मार्च तक बढ़ाया जाना था। हालांकि, इस घोषणा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई जो 14 अप्रैल तक चलेगा।