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फैक्ट चेक

जी नहीं, ये मुस्लिम युवक 'बर्तन चाट कर' कोरोना वायरस नहीं फ़ैला रहें हैं

बूम ने पाया की कुछ वर्ष पुराना ये वीडियो दरअसल बोहरा समुदाय के लोगो द्वारा अपनाया गया एक प्रतीकात्मक अभ्यास है जो अन्न के एक भी दाने को बर्बाद ना करने पर ज़ोर देता है | हाल फ़िलहाल में फ़ैले कोरोना वायरस से इसका कोई संबंद्ध नहीं है

By - Saket Tiwari |
Published -  1 April 2020 11:56 PM IST
  • जी नहीं, ये मुस्लिम युवक बर्तन चाट कर कोरोना वायरस नहीं फ़ैला रहें हैं

    सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो फिर से वायरल हो रहा | वायरल क्लिप में आप कुछ युवकों को जूठे बर्तनों के इर्द-गिर्द बैठे देख सकते हैं | वेशभूषा से ये युवक मुस्लिम समुदाय के लगते हैं | वीडियो में इन युवकों को जूठे बर्तनों को चाट कर साफ़ करते देखा जा सकता है | वीडियो के साथ एक मैसेज है जिसमे लिखा गया है 'निजामुद्दीन के मरकज में देखो क्या हो रहा है..शर्मनाक..कहीं ये साजिश तो नहीं |"

    बूम ने अपनी खोजबीन में इन दावों को फ़र्ज़ी पाया | हमने पाया की यह वीडियो पुराना है और बर्तनों को जूठा नहीं किया जा रहा, बल्क़ि धोने से पहले इस तरह साफ़ किया जा रहा है | यह बोहरा समुदाय के मुसलामानों द्वारा अपनाया गया एक प्रतीकात्मक अभ्यास है | वायरल क्लिप का हाल ही में हुए निज़ामुद्दीन मरकज़ से या फिर फ़िलहाल फ़ैल रहे कोरोना वायरस कोई सम्बन्धः नहीं है | यही वीडियो ऐसे कई फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है |

    यह भी पढ़ें: अज़रबैज़ान का वीडियो, स्पेन पुलिस द्वारा लॉकडाउन के फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल

    वीडियो अलग अलग दावों के साथ वायरल है | एक दावे में लिखा है: "निजामुद्दीन के मरकज में देखो क्या हो रहा है..शर्मनाक..कहीं ये साजिश तो नहीं"

    दूसरे दावे में कहा गया है "मस्जिदों में छुपे मुल्ला खाली बर्तनों को झूठा करते हुए ताकि ज्यादा से ज्यादा ये महामारी फ़ैल सके.......... ये मुल्ला पहले से ही KORONA ग्रसित है ये लोग जानते है और सरकार इन्हें पकड़ के इलाज करा रहे है, आखिर क्यों.........भारत में कोरोना फैल नहीं रहा है बल्कि फैलाए जा रहा हैं। देखें वीडियो में..." (Sic)

    पोस्ट नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें|


    ये वीडियो हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न हुए तब्लीग़ी जमात के मरकज़ के बाद दोबारा वायरल हुआ है |

    हाल ही में दुनिया भर से तब्लीग़ी जमात मरकज़ में शिरकत करने करीब 3,000 लोग दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन पहुंचे थे | इनमे से कई लोग कोरोना वायरस के लिए पॉज़िटिव टेस्ट हुए हैं | मार्च के शुरुवाती सप्ताह में हुए मरकज़ में भारत और दुनिया भर से काफ़ी संख्या में लोग आये थे | इनमे से कई लोग भारत में मार्च 24 से हुए लॉकडाउन के बाद से निज़ामुद्दीन एरिया में ही फ़ंसे रह गए हैं | कई रेस्ट्रिक्शन्स के बाद भी मरकज़ का आयोजन हुआ था और इसी वजह से अब आयोजनकर्ता सवालों के घेरे में हैं | इसके बारे में और अधिक जानकारी के लिए ये पढ़ें |


    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने इस वीडियो के कीफ्रेम्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया और वीमियो - एक वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट - पर हमें यही वीडियो मिला |

    वीडियो 2018 में अपलोड किया गया था |


    वीडियो के साथ एक कैप्शन भी है जिसमे इन युवकों को बोहरा समुदाय का बताया गया है | इसके बाद बूम ने मुंबई स्थित दाना समिति के एडमिन ज़ोहेर अली से संपर्क किया | उन्होंने हमें बताया कि वीडियो में दिख रहे लोगों को वो जानते हैं |

    "यह वीडियो एक डेमोंस्ट्रेशन था जो करीब 3 साल पहले मरोल, मुंबई में किया गया था ताकि लोगों को खाना बचाने के बारे में समझाया जा सके | इसका दिल्ली से कोई सम्बन्ध नहीं है, यह सारे दावे फ़र्ज़ी हैं," ज़ोहेर अली ने बूम को बताया|

    "यह दाउदी बोहरा समुदाय के लोगो का एक प्रतीकात्मक अभ्यास है | यह खाना खाने के बाद बर्तन धोने से पहले किया जाता है, न की खाना शुरू होने के पहले," उन्होंने आगे कहा | "इस तरह जो भी दावे हैं, फ़र्ज़ी हैं," उन्होंने हमें बताया |

    बूम ने दाना समिति के सोशल मीडिया हैंडल्स भी चेक किये जहाँ इस तरह के कई पोस्ट मिले जिसमें समूह खाना बर्बाद न करने के लिए जागरूकता फ़ैलाते नज़र आते हैं | कुछ पोस्ट्स नीचे देखें जा सकते हैं |

    View this post on Instagram

    A post shared by Dana Committee International (@dana_committee) on Jun 6, 2019 at 2:01am PDT


    View this post on Instagram

    A post shared by Dana Committee International (@dana_committee) on Oct 19, 2018 at 8:22am PDT

    बूम ने दैनिक भास्कर का एक लेख पाया जो इसी वीडियो पर था | यह लेख 3 अगस्त 2018 को प्रकाशित हुआ था जब यही वीडियो एक अलग दावे के साथ वायरल था |

    दैनिक भास्कर ने भोपाल में दाउदी बोहरा समाज के एक धर्मगुरु से बात की जिन्होंने अखबार को बताया, "बोहरा समाज में परंपरा है कि अन्न का एक भी दाना बर्बाद न हो, इसके लिए बोहरा समुदाय में दाना कमेटियां बनाई जा रही है, जिसके जरिए बच्चों को खाने की बर्बादी रोकनी की सीख दी जाती है, ये वीडियो भी ऐसी किसी कमेटी का है, जिसमें खाने के बाद बर्तनों को साफ किया जा रहा है।"

    पहले से वायरल है यह वीडियो

    ऐसे ही कई और वीडियोज़ कई तरह के दावों के साथ फ़ेसबुक और यूट्यूब पर वायरल है | 2018 से लेकर अब तक इसे कई यूट्यूब चैनल और फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल्स ने शेयर किया है | हालांकि इनमें से कई दावे फ़र्ज़ी हैं जिसका कोई प्रमाण नहीं है|

    नीचे ऐसे कुछ उदाहरण देखे जा सकते हैं |


    इन वीडियोज़ का नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण से कोई संबंद्ध नहीं है |

    Tags

    CoronavirusCOVID-19IndiaDawoodi BohraMuslimsFake NewsFact CheckNovel Coronavirus
    Read Full Article
    Claim :   वीडियो में दावा किया गया है कि मुसलमान युवक कोरोनावायरस फ़ैलाने के लिए खाना परोसने से पहले बर्तन जूठा कर रहे हैं|
    Claimed By :  Social media
    Fact Check :  False
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