सोशल मीडिया पर एक ग्राफिक वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि राहुल गांधी ने कहा है कि बिहार में 7-8 साल के बच्चों ने उन्हें बताया कि 'SIR' यानी वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. राहुल गांधी की दो अलग-अलग टिप्पणियों को मिलाकर एक फर्जी और मनगढ़ंत बयान क्रिएट किया गया है.
राहुल गांधी इन दिनों बिहार में 'वोट चोरी' के मुद्दे को लेकर 'वोटर अधिकार यात्रा' पर निकले हैं. यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई है और 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी. 16 दिनों में यह यात्रा लगभग 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 23 जिलों तथा 50 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल
एक्स (आर्काइव लिंक) और फेसबुक (आर्काइव लिंक) जैसे माध्यमों पर वायरल हो रहे इस ग्राफिक में राहुल गांधी की एक तस्वीर के साथ उनको कोट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, "6-7 साल के लड़के मेरे पास आते हैं और मेरे कान में फुसफुसाते हैं, 'वोट चोर-गद्दी छोड़,' क्योंकि उनके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं."
बूम इससे पहले भी फर्जी ग्राफिक शेयर करने वाले @BefittingFacts नाम के इस एक्स हैंडल द्वारा फैलाई गई गलत जानकारियों का फैक्ट चेक कर चुका है.
पड़ताल में क्या मिला
1. प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया राहुल गांधी का मूल बयान
हमने बिहार के अररिया में राहुल गांधी द्वारा 24 अगस्त को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस की जांच की. इसके 17 मिनट 33 सेकंड पर राहुल गांधी चुनाव आयोग के इस दावे से संबंधित कि केवल मृत या प्रवासी मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं, "इनको (चुनाव आयोग) बिहार में थोड़ा घूमना चाहिए. हर रोज हमें ऐसे लोग मिल रहे हैं जो जिंदा हैं लेकिन उन्हें (SIR में) मार दिया गया है. जिन्होंने पहले 5-6 बार वोट किया है लेकिन अब उनका वोट काट दिया गया है. पता नहीं चुनाव आयोग किस बारे में बात कर रहा है. बिहार में थोड़ा भी जाइए..यहां अभी सड़क के बाहर मुझे किसी ने बोला कि मेरा वोट काट दिया है.."
2. बच्चों पर की थी अलग टिप्पणी
कॉन्फ्रेंस के 18 मिनट 25 सेकंड पर राहुल गांधी आगे कहते हैं, "यह तीसरी यात्रा है- वोटर अधिकार यात्रा. इसमें बहुत ही इंट्रेस्टिंग बात निकल रही है, जो मेरी पिछली दो यात्राओं में नहीं थी. छोटे-छोटे बच्चे आ रहे हैं और... मेरे कान में कह रहे हैं 'वोट चोर, गद्दी छोड़'. ये एडल्ट नहीं हैं, छोटे-छोटे से हैं. अब छह साल के छोटे से बच्चे को पता लग गया है और वो भी एक नहीं, हजारों... चुनाव आयोग जाकर इन बच्चों से बात कर ले उन्हें पता लग जाएगा... बिहार के बच्चे-बच्चे अब राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए हैं."
कॉन्फ्रेंस के इस वीडियो को देखने पर हमने पाया कि ये दो अलग-अलग बयान थे. गांधी ने वयस्कों के संदर्भ में कहा था कि लोग उन्हें बता रहे हैं कि SIR के दौरान उनके नाम हटा दिए गए. इसके अलावा वह दूसरी टिप्पणी में कहते हैं कि बच्चे अब राजनीतिक रूप से जागरूक हो गए हैं. वह कान में आकर कहते हैं 'वोटो चोर-गद्दी छोड़'. वायरल ग्राफिक में इन्हीं दोनों बातों को गलत तरीके से मिलाकर एक मनगढ़ंत बयान तैयार किया गया है.


