सोशल मीडिया पर ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर जिला कलेक्टर और एसपी समेत 19 अफसरों पर ऐक्शन का दावा करती एक न्यूज क्लिप वायरल है.
बूम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह 2017 की घटना है, जब मध्यप्रदेश के भिंड में विधानसभा के उपचुनावों के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई थी. जिसके बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला कलेक्टर और एसपी सहित 19 अफसरों को हटा दिया गया था.
गौरतलब है चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. देशभर में सात चरणों में चुनाव होने हैं. 19 अप्रैल से मतदान शुरू होना है, जिसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. चुनावों की घोषणा के बाद से ही इससे संबंधित तमाम तरह की भ्रामक और फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं.
चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर भी समय-समय पर खूब भ्रांतियां फैलती रहती हैं, खासकर विपक्ष अक्सर ईवीएम पर सवाल उठाता है. इसी क्रम में ईवीएम में गड़बड़ी की पुरानी घटना को वर्तमान का बताकर शेयर किया जा रहा है.
2 मिनट 20 सेकेंड का यह वायरल वीडियो असल में न्यूज चैनल एबीपी द्वारा की गई ईवीएम में गड़बड़ी की घटना की वीडियो रिपोर्टिंग है. वीडियो के शुरुआत में एक एंकर को बोलते सुना जा सकता है,'.. एसपी, कलेक्टर को हटा दिया गया है. चुनाव आयोग में आज कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने शिकायत की थी. इसके बाद भिंड के अफसरों पर गाज गिरी है. कुल 19 अधिकारियों को हटाया गया है. अटेर में विधानसभा चुनाव है और कल ईवीएम की चेकिंग की जा रही थी तब दो बार बटन दबाने पर बीजेपी की पर्ची निकलने का आरोप लगा है...' वीडियो में आगे एबीपी के एक संवाददाता घटना के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं.
इस घटना के वीडियो को यूजर्स हाल के दिनों में भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए शेयर कर रहे हैं. एक्स पर एक वेरिफाइड यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'ईवीएम में गड़बड़ियां है. आज अगर बैलेट पेपर पर चुनाव हो तो बीजेपी धाराशायी हो जाएगी.'
एक्स पर एक और यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, 'यह वीडियो हमारे @ECISVEEP को समर्पित है, जो यह कहते हैं कि ईवीएम पूरी तरह से सेफ है ??? इस तरह की कितनी खबरें चाहिए??? यह तो बहुत कम मशीन पकड़ी जाती है, लेकिन जो मशीन खेला कर के निकल जाती है उसका क्या करें??? बंद किया जाए ईवीएम से चुनाव करवाना, आप लोग बताएं??'
फैक्ट चेक
वायरल घटना की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो में बताई गई घटना को लेकर 'मध्यप्रदेश भिंड और ईवीएम' से जुड़े कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया. इसके जरिए हमें हाल की कोई मीडिया रिपोर्ट तो नहीं मिली, इसकी जगह हमें अप्रैल 2017 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स में बताया गया था कि ईवीएम में कथित गड़बड़ी के आरोप में चुनाव आयोग के निर्देश पर मध्यप्रदेश के भिंड जिले के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया था.
1 अप्रैल 2017 को आजतक की एक वीडियो रिपोर्ट में बताया गया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर भिंड के एसपी और कलेक्टर को ईवीएम में फर्जी वोटिंग के आरोप में हटा दिया गया. दरअसल मध्य प्रदेश के भिंड ज़िले में विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों का जायजा लेने मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह पहुंची थीं. उन्होंने वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल के लिए दो अलग-अलग बटन दबाए तो कमल के फूल की पर्ची निकली. इस गड़बड़ी के मामले में जिला मतदान अधिकारी को तलब करने के बाद आयोग ने जिले के एसपी और कलेक्टर को हटाने का निर्देश दिया.
2 अप्रैल 2017 को नवभारत टाइम्स और 3 अप्रैल 2017 को बीबीसी की रिपोर्ट में भी बताया गया था कि ये विवाद तब शुरू हुआ जब मध्यप्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह के भिंड दौरे पर गई थीं. सलीना सिंह ने जिन ईवीएम मशीनों की जांच कराई, उनमें कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी की ही पर्ची निकल रही थी, जिसके बाद इस गड़बड़ी के आरोप में उन्होंने भिंड जिले के कलेक्टर और एसपी को हटाने का निर्देश दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और बसपा समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम के इस्तेमाल पर सवाल उठाए थे और भाजपा सरकार पर निशाना साधा था.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट.
आगे हमने यूट्यूब पर संबंधित कीवर्ड्स के जरिए एबीपी के मूल वीडियो की तलाश की. हमें एबीपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 1 अप्रैल 2017 को अपलोड किया गया लगभग 10 मिनट का यह वीडियो मिला.
वीडियो रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है. इस रिपोर्ट में भी बताया गया था कि मध्यप्रदेश के भिंड-ईवीएम विवाद में एसपी और कलेक्टर को हटा दिया गया. आगे वीडियो में घटना को लेकर विस्तृत रिपोर्टिंग देखी जा सकती है. इस रिपोर्ट में विपक्षी नेताओं के बयान भी मौजूद है.
इससे स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का हालिया लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है. यह अप्रैल 2017 की मध्यप्रदेश की भिंड जिले की अटेर की घटना है, जहां ईवीएम मशीन के डेमो के दौरान किसी भी बटन को दबाने पर भारतीय जनता पार्टी का वीवीपैट पर्चा निकलने के बाद जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया था.