सुप्रीम कोर्ट के ईवीएम पर बैन लगाने का झूठा दावा वायरल
सोशल मीडिया पर ईवीएम पर बैन लगाने का दावा वायरल है. हालांकि बूम ने पाया कि वीडियो में वकील इलेक्टोरल बॉन्ड पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी बात रख रहे हैं.
सोशल मीडिया पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कुछ लोगों का एक वीडियो काफी वायरल है. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम बैन करने का फैसला किया है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो वकील महमूद प्राचा की प्रेस कॉन्फ्रेंस का है. वह चुनावी बॉन्ड (इलेक्टोरल बॉन्ड) पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी राय रख रहे थे. वीडियो में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ईवीएम बैन करने जैसी कोई बात नहीं की है.
महमूद प्राचा पेशे से वकील हैं और संविधान बचाओ मिशन के संयोजक हैं. उनका यह संगठन ईवीएम को हटाने को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है.
गौरतलब है कि 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता पर अपना फैसला सुनाते हुए इस पर रोक लगा दी है. सर्वोच्च अदालत ने इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है.
वायरल वीडियो में महमूद प्राचा कहते हुए नजर आ रहे हैं, 'बीजेपी और आरएसएस ने इलेक्टोरल बॉन्ड का क्राइम किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अपराध करार किया है'.
इसके साथ ही वीडियो में दिए गए टेक्स्ट में लिखा है, ‘चुनाव आयोग को लगा तगड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला. ईवीएम बैन होगी, वकीलों की बड़ी जीत’. फेसबुक पर यह वीडियो इसी दावे से वायरल है.
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें.
फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा. वीडियो में 'Voice News Network' लिखा हुआ दिखाई दिया. इसी से हिंट लेकर सर्च करने पर हमें Voice News Network नाम के यूट्यूब चैनल पर 15 फरवरी 2024 को अपलोड किया गया वीडियो मिला.
इसमें वायरल वीडियो वाला हिस्सा भी है. वीडियो की शुरूआत में वकील महमूद प्राचा कह रहे हैं, 'गैर-संवैधानिक का मतलब क्या हुआ संविधान को तोड़कर, संविधान का उल्लंघन करके, गैर-संवैधानिक तरीके से. यह जो मनुवादी लोग हैं, आरएसएस और जो बीजेपी के लोग, इन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड का यह क्राइम किया था, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने क्राइम डिक्लेयर किया है, संविधान के विरोध में डिक्लेयर किया है, संविधान के उल्लंघन में डिक्लेयर किया है.'
हमने पूरे वीडियो को ध्यान से सुना. महमूद प्राचा इलेक्टोरल बॉन्ड पर फैसले को लेकर बोल रहे थे, केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे थे. वीडियो में महमूद प्राचा ने कहीं पर भी सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम को बैन कर दिया हो ऐसी कोई बात नहीं कही है. इसी वीडियो से शुरू के 40 सेकंड वाले हिस्से को काटकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है.
हमें इस चैनल पर ऐसे कई वीडियो मिले जिसमें ये सभी लोग ईवीएम के खिलाफ अपनी बात रखते दिखाई दे रहे हैं. अधिक सर्च करने पर ईवीएम हटाओ संयुक्त मोर्चा नाम की वेबसाइट मिली. इसके अनुसार भानु प्रताप सिंह (एडवोकेट, बार काउंसिल ऑफ इंडिया), राजेंद्र पाल गौतम (पूर्व मंत्री, दिल्ली) समेत कई प्रमुख लोग इस संगठन के सदस्य हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो सुप्रीम कोर्ट की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड पर दिए गए फैसले से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऐडवोकेट महमूद प्राचा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.