यूपी के चंदौली में 300 से अधिक ईवीएम पकड़े जाने का गलत दावा वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल चंदौली में एक दुकान पर 300 ईवीएम पकड़े जाने का दावा बूम की जांच में गलत पाया गया है.
सोशल मीडिया पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) का एक वीडियो काफी वायरल है. वीडियो में कुछ लोग एक कमरे से कई ईवीएम बॉक्स को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. कुछ लोग वीडियो बनाते भी दिखाई दे रहे हैं.
यूजर्स वीडियो शेयर करके हुए दावा कर रहे हैं कि चंदौली के स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखीं लगभग 300 से अधिक ईवीएम मशीन पकड़ी हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा गलत है. वायरल वीडियो 2019 में, चंदौली के मंडी में ईवीएम को रखने के लिए बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम का है. तब वायरल वीडियो के संबंध में चुनाव आयोग ने अपना स्पष्टीकरण भी दिया था.
गौरतलब है देश में लोकसभा चुनाव इस साल अप्रैल और मई तक होने की उम्मीद है. वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होने वाला है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'चंदौली के स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखे लगभग 300 से अधिक ईवीएम मशीन पकड़े. चुनाव ख़त्म होने के बाद ईवीएम यहाँ कैसे आये?'
फेसबुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'चंदौली, उत्तर प्रदेश, लोकतंत्र से खिलवाड़, स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखे 300 से अधिक ईवीएम मशीन पकड़े.'
फैक्ट चेक
एक अन्य वीडियो के रिप्लाई में भी चंदौली डीएम के एक्स अकाउंट से बताया गया कि यह वीडियो राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में VVPAT को शिफ्ट करने का है. इसमें किसी भी प्रकार से कोई अनियमित कार्य नहीं हुआ था.
हमें 2019 की बीबीसी एक की न्यूज रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया कि सोशल मीडिया पर बिहार और उत्तर प्रदेश के झांसी, चंदौली, गाजीपुर और डुमरियागंज जैसी कुछ जगहों पर ईवीएम को बदलने की कुछ शिकायतें मिली थीं और संबंधित वीडियो वायरल हुए थे. रिपोर्ट में चुनाव आयोग के हवाले से बताया गया कि चंदौली में ईवीएम प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की मई 2019 खबर के मुताबिक भी, देश के कुछ हिस्सों में ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों को चुनाव आयोग ने निराधार बताया था.
तब 2019 में भी यह वीडियो इस दावे से वायरल हुआ था कि उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक बीजेपी नेता की दुकान से 300 ईवीएम जब्त की गईं. बूम ने इसका फैक्ट चेक किया था.
अपनी रिपोर्ट में बूम ने चंदौली के जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल से संपर्क किया था. उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया था कि यह वीडियो चंदौली के नवीन मंडी स्थल का है. वीडियो में कुछ अप्रयुक्त(रिजर्व) ईवीएम को सकलडीहा निर्वाचन क्षेत्र से चंदौली ले जाया जा रहा था.
दरअसल उस समय सकलडीहा निर्वाचन क्षेत्र से रिजर्व ईवीएम को नवीन मंडी के स्ट्रॉन्ग रूम में रखे जाने पर कुछ राजनैतिक पार्टी ने शिकायत की थी. इस कारण से इन रिजर्व ईवीएम को बाद में कलेक्ट्रेट में रखा गया.
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने ईवीएम को लेकर शिकायत की थी. चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी. अधिकारियों ने जांच कर बताया कि पहले ईवीएम को स्ट्रांग रूम पर रखा गया था. बाद में कुछ प्रत्याशी प्रतिनिधियों की शिकायत पर ईवीएम को कलेक्ट्रेट में रखा गया.
अधिकारियों द्वारा उठाए गए इस कदम से अपनी सतुंष्टि जाहिर करते हुए सत्यनारायण राजभर ने एक पत्र भी लिखा था. जिला निर्वाचन अधिकारी को संबोधित इस पत्र को भी पोस्ट में शेयर किया गया है.
चंदौली पुलिस ने जनवरी 2023 में झूठे दावे के साथ यह वीडियो शेयर करने पर एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है.
बूम ने अपनी पड़ताल में पाया कि चंदौली में 300 से अधिक ईवीएम पकड़े जाने का दावा गलत है. वायरल वीडियो 2019 में चंदौली के मंडी में ईवीएम को रखने के लिए बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम का है. वायरल वीडियो के संबंध में चुनाव आयोग ने अपना स्पष्टीकरण भी दिया था.