सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि इंडिया गेट में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का नाम लिखा है. इस वायरल मैसेज के ज़रिये कहा जा रहा है कि स्वतंत्रता संग्राम में मुस्लिम शहीदों की संख्या सबके ज़्यादा थी. वायरल मैसेज में बक़ायदा शहीदों की संख्या भी बताई गई है. मैसेज के साथ कैप्शन है कि, 'इंडिया गेट पर 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखे हैं जिनमें 61395 मुसलमान हैं।'
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इस वायरल मैसेज को कई फ़ेसबुक पेज और ट्विटर अकाउंट्स के ज़रिये भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने इसे शेयर करते हुए कैप्शन दिया,'इंडिया गेट पर 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखे हैं जिनमें 61395 मुसलमान हैं।
ये मैसेज फ़ेसबुक पर खूब वायरल है इसे कई अकाउंट्स ने शेयर किया है.
ट्विटर पर भी ये मैसेज बिल्कुल इसी दावे के साथ वायरल है कि इंडिया गेट पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का नाम लिखा है.
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फ़ैक्ट चेक
वायरल मैसेज के साथ दो दावे किये जा रहा हैं,
- इंडिया गेट में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए 95300 लोगों के नाम लिखे हुए हैं
- सबसे ज़्यादा शहीदों की संख्या 61395 मुस्लिम लोगों की है
इन दो दावों की पड़ताल के लिये हमने सबसे पहले इंडिया गेट के इतिहास की खोजबीन शुरू की.
India Gate कब और क्यों बना?
मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक या India Gate के रूप में जाने जाने वाले इस स्मारक का निर्माण ब्रिटिश शासकों द्वारा उन 82,000 भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्धों में शहीद हुए थे.
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42 मीटर ऊँची इस इमारत का निर्माण बलुआ पत्थरों से किया गया है. इस भव्य स्मारक की आधारशिला सन् 1921 में ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई थी, जिसे ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियन्स द्वारा डिजाइन किया गया था. इन्होंने ही नई दिल्ली की कई औपनिवेशिक संरचनाओं को भी डिजाइन किया था। एक दशक बाद, यह स्मारक तत्कालीन वाइसराय, लॉर्ड इरविन द्वारा भारत को समर्पित किया गया था.
क्या इंडिया गेट में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का नाम लिखा है?
इंडिया गेट में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13300 भारतीय सैनिकों के नाम उत्कीर्ण हैं. यह ऐतिहासिक धरोहर इम्पीरियल वॉर ग्रेव कमीशन (IWGC) का भी एक भाग है जिसकी स्थापना प्रथम विश्व युद्ध में मारे गये सैनिको के लिये की गयी थी. कमीशन की website में सभी 13300 शहीद सैनिकों की जानकारी दी हुई है.
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इंडिया गेट के सबसे ऊपरी हिस्से में दो तारीख़ों का ज़िक्र है जो निम्न हैं
* MCMXIV- दाँई साइड रोमन में लिखी इस संख्या का मतलब 1914 है.
* MCMXIX- बाईं तरफ़ रोमन में लिखी इस संख्या का मतलब 1919 है.
ये वही साल हैं जिनमें प्रथम विश्व युद्ध लड़ा गया था. और इसके बाद ही सन 1931 में बने इंडिया गेट को प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों को समर्पित किया गया. इण्डिया गेट की दीवारों पर हज़ारों शहीद सैनिकों के नाम खुदे हैं और सबसे ऊपर अंग्रेजी में लिखा हैः
'To the dead of the Indian armies who fell honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afgan war'.
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इसका हिंदी अनुवाद है
'भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया फारस पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए और उनकी पवित्र स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज़ हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मृतक हुए.'
बूम पहले भी इस वायरल मैसेज का फ़ैक्ट चेक कर चुका है तब भी हमें इस कैप्शन के साथ कई वायरल मैसेज मिले थे.