चेतावनी: वायरल वीडियो के दृश्य विचलित कर सकते हैं. इस रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न की घटना का जिक्र शामिल है.
उत्तर प्रदेश में दो महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न का पुराना और वीभत्स वीडियो पश्चिम बंगाल के दावे से एक बार फिर वायरल है.
बूम इस वीडियो का फैक्ट चेक 2020 और 2023 में भी कर चुका है. तब भी यह वीडियो पश्चिम बंगाल के दावे से ही वायरल था.
असल में यह घटना उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की है, जहां साल 2017 में टांडा थाना क्षेत्र में करीब 14 लोगों ने दो महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया था और इस घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल
लगभग एक मिनट लंबे इस वीभत्स वीडियो में कुछ पुरुषों को दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते और उन्हें अपशब्द कहते देखा जा सकता है, जबकि महिलाएं खुद को बचाने की कोशिश करती और रोती-बिलखती नजर आ रही हैं.
फेसबुक पर यूजर इस वीडियो को शेयर करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साध रहे हैं और लिख रहे हैं कि '...ये पश्चिम बंगाल है- जिहादी राह चलती हिंदू लड़की को उसकी मां के सामने ही छेड़ते हैं, उठा लेते हैं- क्यों... क्योंकि वहां हिंदू विरोधी और मुस्लिम परस्त सरकार है...' (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला
1. वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश का है
रिवर्स इमेज और संबंधित कीवर्ड सर्च की मदद से हमें साल 2017 की इस घटना की कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिनमें वायरल वीडियो के विजुअल मौजूद थे.
बीबीसी, एबीपी न्यूज और इंडिया टुडे की 28-29 मई 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक घटना उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित टांडा क्षेत्र के कुआखेड़ा गांव की है, जहां करीब 14 लोगों द्वारा दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का यह मामला सामने आया था. आरोपियों ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था.
2. साल 2017 में सामने आई थी यह घटना
एनडीटीवी की रिपोर्ट में रामपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा के हवाले से बताया गया कि वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया.
फर्स्ट पोस्ट की 29 मई की रिपोर्ट में बताया गया कि यह घटना 22 मई 2017 की है. इस मामले में वीडियो शूट करने वाले मुख्य आरोपी शाहनवाज के अलावा दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया था कि बाकी बचे आरोपियों की भी पहचान कर ली गई थी.
अमर उजाला और हिंदुस्तान की एक और दो जून 2017 की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस द्वारा इस मामले में उस समय तक कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था.


