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फ़ैक्ट चेक

क्या मुसलमानों ने मुंबई में हिंदुत्व संगठनों की रैली को बाधित किया? फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो पुराना है और मुंबई का नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के नेल्लोर का है.

By - Mohammad Salman | 2 Feb 2023 8:33 AM GMT

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो धार्मिक समूह हिंदू और मुस्लिम अपने धार्मिक नारे लगाते हुए दिखाई पड़ते हैं. वीडियो में दोनों समूहों के बीच टकराव जैसी स्थित नज़र आती है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में मुस्लिमों ने हिन्दुओं की रैली को बाधित करने का प्रयास किया. आगे कहा गया कि यदि प्रशासन मुस्तैद नहीं होता तो हिन्दू-मुस्लिम दंगा भड़क सकता था.

हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि वायरल हो रहा वीडियो मुंबई का नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के नेल्लोर का है और पुराना है.

29 जनवरी 2023 को सकल हिंदू समाज की छत्रछाया में हिन्दू संगठनों ने मुंबई में हिन्दू जनाक्रोश रैली का आयोजन किया था. इस रैली में ‘लव जिहाद’, ‘लैंड जिहाद’ और मुस्लिमों का आर्थिक बहिष्कार करने की मांग की गई थी. दादर के शिवाजी पार्क से शुरू हुई रैली परेल के कामगार मैदान में समाप्त हुई थी. इस रैली में बीजेपी और महाराष्ट्र सरकार में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के कई शीर्ष नेताओं ने भाग लिया था.

इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया, “#महाराष्ट्र में शांतिदूत ( #जिहादी ) हिंदुत्व की रैली में विघन डालने का प्रयास करने की कोशिश की। प्रशासन की मुस्तैदी से हिन्दू मुस्लिम दंगा होने से बच गया.”

ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य ट्वीट यहां देखें.

इसी वीडियो को बड़ी संख्या में फ़ेसबुक यूज़र्स मुंबई में हिन्दुओं की रैली में मुस्लिमों द्वारा टकराव उत्पन्न करने के दावे से शेयर कर रहे हैं.



पोस्ट यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां देखें.

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो के साथ किये गए दावे की सत्यता जांचने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली. इस दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें कहा गया हो कि मुसलमानों ने मुंबई में हिंदुत्व संगठनों की रैली को बाधित करने का प्रयास किया हो.

हिंदू जन आक्रोश मोर्चा की रैली में धर्मांतरण और कथित 'लव जिहाद' के ख़िलाफ़ कानून बनाने और अल्पसंख्यक समुदाय के स्वामित्व वाली दुकानों का बहिष्कार करने की मांग की गई थी.

हालांकि, इस रैली में मुसलमानों के ख़िलाफ़ उकसावे वाली बयानबाजी ज़रूर हुई थी.

इसके बाद, हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से वीडियो के मूल स्त्रोत को खोजने की कोशिश की तो ये हमें अप्रैल 2022 के कई ट्वीट और मीडिया रिपोर्ट्स में मिला.

26 अप्रैल 2022 को इंडिया टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गई एक वीडियो रिपोर्ट में वीडियो को देखा जा सकता है.

Full View

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में मद्रास बस स्टैंड के पास स्थित एक मस्जिद में मौजूद लोगों ने हनुमान शोभा यात्रा पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. आगे कहा गया है कि प्रशासन की मौजूदगी से अप्रिय घटना होने से बच गई.

आंध्र प्रदेश के कई बीजेपी नेताओं ने इस घटना के वीडियो को शेयर किया था. साथ ही दावा किया था मस्जिद के अंदर मौजूद लोगों ने हनुमान शोभा यात्रा पर ईंट-पत्थर और बियर की बोतलें फेंकी थी. बीजेपी नेताओं द्वारा शेयर किया गया वीडियो और वर्तमान में मुंबई से जोड़कर वायरल वीडियो के दृश्य एकदूसरे से मेल खाते हैं.

हालांकि, मस्जिद के अंदर से पत्थर और बोतलें फेंके जाने के दावे को नेल्लोर के पुलिस अधीक्षक सी विजयाव राव ने ख़ारिज कर दिया था, जिन्होंने द क्विंट को बताया था कि मार्च शांतिपूर्वक आयोजित किया गया था.



द क्विंट ने 27 अप्रैल, 2022 को राव के हवाले से लिखा, "एक बिंदु पर, उन्होंने एक मस्जिद को पार किया. जब यह मस्जिद में पहुंचा, तो डीजे को थोड़ा तेज कर दिया गया और बाइक के हॉर्न बजाए गए. ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाये गए. मस्जिद के अंदर के युवाओं ने भी 'अल्लाहु अकबर' कहा. इसके अलावा, कोई पत्थर या बोतलें नहीं फेंकी गईं और न ही कोई झड़प हुई. ऐसी कोई घटना नहीं हुई.

इस रिपोर्ट में उसी वायरल वीडियो के एक स्क्रीनशॉट को बतौर कवर इमेज इस्तेमाल किया गया है.

हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो असल में एक पुराना वीडियो है जो आंध्र प्रदेश के नेल्लोर की घटना दिखाता है. इसका मुंबई या अन्य किसी हालिया घटना से कोई संबंध नहीं है.

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