फैक्ट चेक

हैदराबाद: कांचा गचीबोवली जंगल कटाई की AI जनरेटेड तस्वीर वायरल

बूम ने जंगल उखाड़ते बुलडोजरों के बीच जान बचाकर भागते जानवरों की तस्वीर की जांच करने पर पाया कि यह प्रतीकात्मक तस्वीर है. इसे AI की मदद से बनाया गया है.

By -  Jagriti Trisha |

4 April 2025 3:39 PM IST

Fact Check on AI generated image viral protest against deforestation

हैदराबाद स्थित कांचा गचीबोवली के जंगलों की कटाई को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं. यूजर इन तस्वीरों के माध्यम से आंदोलन का समर्थन और कटाई के विरूद्ध अपना प्रतिरोध दर्ज करा रहे हैं.

ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब छाई है, जिसमें बुलडोजर से जंगल कटाई के बीच मोर और हिरण जान बचाकर भगाते नजर आ रहे हैं.

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि जंगलों की कटाई की वजह से दौड़ते-भागते जानवरों की यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है.

गौरतलब है कि 400 एकड़ जमीन में फैला यह कांचा गचीबोवली जंगल तेलंगाना स्थित हैदराबाद विश्विद्यालय परिसर से सटा है. तेलंगाना सरकार द्वारा इसकी कटाई शुरू करने के बाद वहां के छात्र-छात्राओं ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाते हुए हिरासत में लिया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया. 

इस मामले में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है. राज्य सरकार ने इस जमीन को तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन को आवंटित किया है. सरकार इस जमीन का इस्तेमाल आईटी पार्क बनाने में करना चाहती है. 

इसी कड़ी में हैदराबाद विश्विद्यालय के छात्रों के समर्थन में और पेड़ों की इस कटाई के खिलाफ वाराणसी समेत देश के कई जगहों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. 

तेलंगाना सरकार के इस कदम के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस की काफी आलोचना हो रही है. तेलंगाना हाईकोर्ट ने बुधवार को इस मामले में राज्य सरकार को अगले आदेश तक पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पेड़ों की कटाई पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश पारित किया.

फेसबुक पर एक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'यह AI से बनाई हुई तस्वीर नहीं है. यह सरकार द्वारा प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने की जीती जागती तस्वीर है.'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

इसके अलावा मराठी जी न्यूज समेत कुछ न्यूज आउटलेट ने भी तस्वीर को वास्तविक मानकर अपनी स्टोरी में इसका इस्तेमाल किया है.


जी न्यूज मराठी की रिपोर्ट का ट्रांसलेटेड वर्जन


फैक्ट चेक: तस्वीर वास्तविक नहीं है

वायरल तस्वीर को गौर से देखने पर हमने पाया कि इसमें कुछ विसंगियां नजर आ रही हैं.

उदाहरण के लिए जानवरों की परछाई पर गौर करें तो पाएंगे कि तस्वीर में कुछ जानवरों की परछाई दिख रही है तो कुछ की नहीं दिख रही. इसके अलावा हवा में उड़ते दिख रहे एक पक्षी की बनावट भी विचित्र है. इन संकेतों में हमें अंदेशा हुआ कि यह तस्वीर वास्तविक नहीं है.


 

तस्वीर एआई जनरेटेड है

आगे हमने इसे Hive Moderation नाम के एक एआई डिटेक्टर टूल पर चेक किया. इस टूल ने तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99.4 प्रतिशत जताई



पुष्टि के लिए हमने इसे एक अन्य एआई डिटेक्टर टूल Wasitai पर भी चेक किया. इसने भी तस्वीर को AI जनित करार दिया.


  


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