उत्तर प्रदेश के मेरठ में “लव जिहाद” के दावे के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हिन्दू लड़की को मुस्लिम लड़के के साथ उसके कमरे में पकड़ा गया. वायरल दावे में यह भी कहा गया है कि लड़की के पिता ने पुलिस को बताया कि मुस्लिम लड़का उनकी बेटी को तस्वीर वायरल करने की धमकी देता था.
हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि वायरल दावे में कोई सच्चाई नहीं है. नौचंदी थाना इंचार्ज ने बूम से बात करते हुए इस मामले में किसी तरह के हिन्दू-मुस्लिम व “लव जिहाद” के दावे को ख़ारिज कर दिया.
वेरीफाईड ट्विटर हैंडल संजू तिवारी ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, “दुनिया भर में #लव_जिहाद के केस रोज हो रहे हैं पर लड़कियां समझने को तैयार नहीं है। मेरठ का मामला है ये हिंदू लड़की को एक मुस्लिम लड़के के साथ उसके कमरे में पकड़ा गया. हिंदू संगठन इसे लव जिहाद कह रहे हैं। लड़की के परिवार ने पुलिस को बताया कि मुस्लिम लड़का बार-बार उनकी बेटी को फोटो वायरल करने की धमकी देता था.”
ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य ट्वीट यहां देखें.
इसी दावे के साथ वीडियो को फ़ेसबुक पर भी शेयर किया जा रहा है. इसी घटना के कई ने वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित किये जा रहे हैं.
पोस्ट यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की सच्चाई जानने के लिए खोजबीन शुरू की तो एक वायरल ट्वीट के नीचे मेरठ पुलिस का ट्वीट मिला. ‘हम लोग We The People’ नाम के दक्षिणपंथी ट्विटर हैंडल के ट्वीट का रिप्लाई करते हुए पुलिस ने कहा, “दोनों लोग नाबालिग है. मेडिकल परीक्षा की तयारी करते हैं और दोनों एक ही जगह से हैं और एक दुसरे को जानते हैं. घरवालों द्वारा इस बात की पुष्टि लिखित में को गई है. प्रकरण में कोई अपराधिक बात नही आई है.”
इसके बाद, बूम ने संबंधित कीवर्ड के साथ मीडिया रिपोर्ट्स को खोजा तो वायरल वीडियो से जुड़ी इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक़, मेरठ पुलिस ने उन दो ट्विटर हैंडल के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया जिन्होंने दो नाबालिग बच्चों का वीडियो कथित लव जिहाद से जोड़कर शेयर किया था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो वायरल होने के बाद नौचंदी पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की तो सामने आया कि दोनों स्टूडेंट्स नाबालिग हैं. लड़की के पिता ने पुलिस को लिखित में कहा कि दोनों पढ़ाई कर रहे थे और दोनों एक ही जगह के हैं.
इस मामले पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए बूम ने मेरठ के नौचंदी थाना के एसएचओ एसके सक्सेना से संपर्क किया.
एसके सक्सेना ने पूरे मामले पर प्रकाश डालते हुए बताया, “घटना 4 जून की है. दोनों लड़की और लड़का नाबालिग हैं जिनकी उम्र क़रीब 16 साल है. उस दिन रविवार था तो लड़के के चाचा के घर पर दोनों पढ़ाई कर रहे थे. दोनों यहां मेरठ में अलग-अलग कोचिंग में NEET की तैयारी करते हैं और गढ़ के रहने वाले हैं. दोनों एकदूसरे को पहले से ही जानते हैं.
एसएचओ एसके सक्सेना ने बूम को पुष्टि की कि इस मामले में हिन्दू-मुस्लिम व “लव जिहाद” जैसा कोई मामला नहीं है. उन्होंने लड़के द्वारा लड़की की फ़ोटो वायरल करने के बारे में पुलिस को दिए गए पिता के बयान को भी फ़र्ज़ी बताया, जैसा कि वायरल दावे में कहा गया है.
उन्होंने आगे बताया कि लड़की के पिता ने पुलिस को लिखित में स्पष्ट किया कि दोनों एकसाथ पढ़ाई कर रहे थे. दोनों गढ़ के रहने वाले हैं और NEET की तैयारी करने के लिए मेरठ आ गए थे. वो लड़के के परिवार को भी जानते हैं. दोनों केवल पढ़ाई के लिए गए वहां गए थे. लोगों ने इन्हें ग़लत समझ कर पकड़ लिया था.
एसएचओ ने बताया कि कुछ लोगों ने ज़बरदस्ती का प्रोपगंडा फ़ैलाने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया. पुलिस ने उन हैंडल्स के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
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