रेल पटरी पर एलपीजी सिलेंडर फ़ेंके जाने का पुराना वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
काठगोदाम आरपीएफ़ थाने के अधिकारी ने बूम को बताया कि यह वीडियो पिछले साल जुलाई महीने का है और इस मामले में गंगाराम नाम के व्यक्ति के खिलाफ़ मामला दर्ज कर उसे जेल भी भेजा गया था.
सोशल मीडिया पर ट्रेन के नीचे फटा हुआ एलपीजी सिलेंडर मिलने का एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसे इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि “हल्द्वानी में एक मुस्लिम व्यक्ति ने पटरी पर गैस से भरा हुआ एक इंडेन सिलेंडर फैंक दिया”.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो 5 जुलाई 2022 का है. हल्द्वानी रेलवे पुलिस ने पटरी पर सिलेंडर फ़ेंकने के आरोप में गंगाराम नाम के व्यक्ति के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की थी.
वायरल वीडियो को ओडिशा के बालासोर में बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार को हुए भयंकर ट्रेन हादसे की पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है. बीते 2 जून को हुए इस हादसे में करीब 278 लोगों की मौत हो गई और हज़ारों लोग घायल हो गए.
दरअसल इस हादसे में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थी. सबसे पहले बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी को चेन्नई की तरफ़ जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर मारी. जिसकी वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए. इसी दौरान हावड़ा की तरफ़ जा रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से कोरोमंडल एक्सप्रेस के बेपटरी हुए डिब्बे टकरा गए.
वायरल वीडियो क़रीब 2 मिनट 11 सेकेंड का है. वीडियो में एक व्यक्ति को ट्रेन के नीचे से फटा हुआ सिलेंडर निकालते हुए देखा जा सकता है. हालांकि सिलेंडर निकाले जाने के बाद ट्रेन वहां से गुजर जाती है. अंत में एक दूसरे वीडियो को अलग से जोड़ा गया है, जिसमें एक महिला यह दावा करती है कि यह हल्द्वानी के आंवला फ़ाटक के पास की घटना है और यह वीडियो उसके परिचितों ने रिकॉर्ड करके भेजा है.
वीडियो को फ़ेसबुक पर एक ख़ास कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें वायरल दावा भी किया गया है. फ़ेसबुक पर वीडियो के साथ मौजूद कैप्शन में लिखा हुआ है, “हल्द्वानी में रेल के सामने जिहादी ने रेल पटरी पे फेंका इण्डेन गैस भरा सिलेंडर, बाबा केदारनाथ की कृपा से दुर्घटना नहीं हुई, रेल प्रशासन की रेल पटरियों के बगल में ये कहाँ के लोग बस गये, लाखों एकड़ रेल की जमीन कब्जाये हैं इन्हें रेल पटरी के पास से हटाया जाये व पेट्रोलिंग ब्यवस्था बढ़ाई जाये”.
वहीं ट्विटर पर भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो को शेयर किया गया है.
यह वीडियो हमें हमारे टिपलाइन नंबर 7700906588 पर भी प्राप्त हुई.
वायरल वीडियो से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान सबसे पहले वीडियो को शेयर करते हुए किए गए कुछ ट्वीट्स को खंगाला. तो हमें एक ट्वीट के रिप्लाई सेक्शन में रेलवे सुरक्षा बल(पूर्वोत्तर रेलवे) के द्वारा 5 जून 2023 को किया गया रिप्लाई मिला. रिप्लाई में उन्होंने इस वीडियो को पिछले साल के जुलाई महीने का बताया था. साथ ही यह भी बताया गया कि रेलवे सुरक्षा बल ने इस मामले में गंगाराम नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ़ रेल अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
रेलवे सुरक्षा बल(पूर्वोत्तर रेलवे) ने रिप्लाई में लिखा था, “वीडियो के सम्बन्ध में रेसुब चैकी हल्द्वानी के उनि0 के द्वारा बताया गया कि उक्त वीडियो दिनांक-05.07.22 (पुराना वीडियो है) जिसमें मुअसं-131/22 अंतर्गत धारा/174, 153 रेल अधिनियम सरकार बनाम गंगाराम के विरुद्ध मामला पंजीकृत किया जा चुका है”.
चूंकि आरपीएफ़ के इस रिप्लाई में घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी, इसलिए हमने काठगोदाम आरपीएफ़ थाने से संपर्क किया तो वहां के एक अधिकारी ने हमें इस पूरी घटना की जानकारी दी.
आरपीएफ़ अधिकारी ने बताया कि “यह वीडियो पिछले साल का है. दरअसल मूल रूप से यूपी के पीलभीत का रहने वाला एक शख्स जिसका नाम गंगाराम है, वह घटना वाले इलाके के पास में ही रहता था. 5 जुलाई 2022 को वह अपने घर में खाली पड़े गैस सिलिंडर को भरवाने के लिए जा रहा था. गैस सिलिंडर भरवाने वाली जगह जाने के लिए उसे रेलवे ट्रैक को पार करना था. लेकिन तभी एक ट्रेन उस ट्रैक पर आ गई और गंगाराम ख़ुद को बचाने के लिए सिलेंडर को ट्रैक पर ही फेंक पर भाग गया.
आगे उन्होंने बताया कि “चूंकि ट्रेन में मौजूद आरपीएफ़ एस्कॉर्ट ने उसे ऐसा करते हुए देख लिया था इसलिए जवानों ने ट्रेन रुकने के बाद उसे पकड़ लिया. इसके बाद उसके खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया. वह करीब तीन महीने जेल में भी रहा”. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि “हमने पीलभीत पुलिस से भी संपर्क कर उसका बैकग्राउंड खंगाला था तो हमें कोई भी संदिग्ध जानकारी नहीं मिली थी. इसके अलावा उन्होंने ट्रैक पर सिलिंडर फेंकने वाले व्यक्ति के मुस्लिम होने वाले दावे का भी खंडन किया और कहा कि “गंगाराम मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू है”.
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना : स्टेशन मास्टर का नाम 'शरीफ़ अहमद' नहीं, फ़र्ज़ी दावा वायरल