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क्या नेब्युलाइज़र, ऑक्सीजन सिलिंडर का विकल्प हो सकता है?

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में यही दावा किया जा रहा है. जानिए इसके पीछे की सच्चाई इस रिपोर्ट में...

By - Dilip Unnikrishnan | 25 April 2021 7:18 PM IST

क्या नेब्युलाइज़र, ऑक्सीजन सिलिंडर का विकल्प हो सकता है?

फ़रीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल (Sarvodaya Hospital) ने एक वीडियो से फ़ासला बना लिया है जिसमें उन्हीं के डॉक्टरों में से एक ने कोविड-19 मरीज़ों (COVID-19 patients) के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर (Oxygen cylinder) की जगह नेब्युलाइज़र (Nebuliser) का उपयोग करने की सलाह दी है.

वायरल वीडियो में एक व्यक्ति जो खुद की पहचान डॉ आलोक (Dr Alok) बताता है स्क्रब्स (scrubs) में है जिसपर सर्वोदय अस्पताल का लोगो लगा हुआ है. वह कोविड-19 मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन टैंक के विकल्प के रूप में नेब्युलाइज़र का उपयोग करने की सलाह दे रहा है.

वह नेब्युलाइज़र में मेडिसिन रेसप्टेकल में बिना दवाई डाले उसे 'ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ने की ट्रिक' की तरह इस्तेमाल करने को कहता है.

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डॉ अलोक कहते हैं, "मरीज़ एक बार मास्क पेहेन लेगा तो नेब्युलाइज़र ऑन किया जा सकता है. वह हवा से ऑक्सीजन मरीज़ को पहुंचाएगा और मरीज़ और उसके परिवाजनों को ऑक्सीजन सिलिंडर्स और कॉन्सेंट्रेटर्स के लिए जद्दोजहद नहीं करना पड़ेगा."

बूम ने एक पल्मोनोलॉजिस्ट से संपर्क किया जिन्होंने दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस दावे का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. COVID-19 महामारी की दूसरी लहर ने भारत के हेल्थकेयर सिस्टम पर कहर बरपाया है. इससे मरीज़ आईसीयू बेड के लिए और अस्पतालों ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मरीजों के परिजन अपने प्रियजनों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर पाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं. सोशल मीडिया भी ऑक्सीजन आपूर्ति के अनुरोधों से भरा हुआ है.

इसी पृष्ठभूमि में वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल है.

कुछ पोस्ट नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां, यहां और यहां देखें.

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सर्वोदय हैल्थकेयर (Sarvodaya Healthcare) ने एक ट्वीट करते हुए ख़ुद को वीडियो से दूर कर लिया है. एक स्टेटमेंट में हॉस्पिटल ने कहा कि डॉ अलोक द्वारा किए गए दावों का समर्थन हॉस्पिटल नहीं करता है और ना ही यह दावे किसी वैज्ञानिक अध्ययन या साक्ष्य पर आधारित हैं.

हॉस्पिटल ने आगे कहा, "किसी भी अधिकृत स्रोत के बिना किसी भी जानकारी का शिकार न हों."

बूम ने मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल (Wockhardt hospital) के एक पल्मोनोलॉजिस्ट (Pulmonologist) डॉ जीनम शाह (Jeenam Shah) से बात की, जिन्होंने दावों को निराधार और किसी भी वैज्ञानिक सबूत से रहित बताया.

"यह बिल्कुल बकवास है. नेब्युलाइज़र का उपयोग अस्थमा के रोगियों और जिन्हें साँस लेने में कठिनाई होती है, उनके द्वारा किया जाता है. नेबुलाइज़र मशीन में एक मास्क होता है जिसमें एक होल्डिंग चैंबर होता है जहाँ आप दवा डालते हैं. मशीन तरल को छोटे कणों में तोड़ देती है जो तब ब्रोन्कोडायलेशन (bronchodilation) के लिए आपके फेफड़े तक जा कर Windpipe [श्वांसनली] को खोलता है," डॉ शाह ने कहा.

"जब हम नेब्युलाइज़र को बिना दवाई के इस्तेमाल करते हैं तो वह सामान्य हवा में साँस लेने जैसा ही है जिसमें ऑक्सीजन का लेवल 21% होता है. कोई भी ऐसा रास्ता नहीं है जिससे नेब्युलाइज़र मशीन हमारे वातावरण से ज़्यादा ऑक्सीजन उत्पादित करे," डॉ शाह ने आगे बताया.

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