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रोज़मर्रा

REET में नक़ल के लिए इस्तेमाल किया गया ये तरीका आपको हैरान कर देगा

REET की परीक्षा में राजस्थान पुलिस ने कई ऐसे परीक्षार्थियों को रंगे हाथ पकड़ा है जो ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से नक़ल की तैयारी में लगे थे.

By - Devesh Mishra | 27 Sep 2021 2:50 PM GMT

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) में नक़ल करने का एक अजीबोग़रीब मामला सामने आया हैं. राज्य सरकार का इस परीक्षा को लेकर पहले ही अत्यंत सख़्त निर्देश था कि किसी भी तरह का पेपर लीक और नक़ल नहीं होनी चाहिये. लेकिन नक़ल गिरोह के हौसले इतने बुलंद हैं कि पुलिस के अधिकारी भी इस कारनामे को देखकर दाँतों तले उँगली दबा रहे हैं.

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दरअसल अजमेर के किशनगढ़ में एक परीक्षार्थी bluetooth डिवाइस को अपनी चप्पल में छिपाकर परीक्षा केंद्र तक ले गया. हैरानी की बात ये है कि इतनी सुरक्षा के बाद भी परीक्षार्थी इस तरह की सामग्री को परीक्षा हॉल तक ले जाने में कामयाब हो रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ परीक्षार्थियों ने इन bluetooth फिटेड चप्पलों के लिए क़रीब 6 लाख रुपये तक खर्च किए हैं.

हालांकि, इससे पहले कि वह डिवाइस लेकर परीक्षा में बैठ पाता, पुलिस ने उसे पकड़ लिया. इस तरह की घटनाओं के सामने आने के बाद अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक ने सभी आवेदकों को परीक्षा केंद्रों से 200 मीटर दूर चप्पल उतारने के आदेश जारी किए थे. रविवार को पूरे राजस्थान से ऐसी कई घटनाओं की सूचना मिलने के बाद, धोखाधड़ी को रोकने के लिए अधिकांश जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने सहित कड़े सुरक्षा उपाय किए गए थे.

पूरे दिन राजस्थान में इंटरनेट सेवा बाधित रही जिससे आम जन जीवन में भी लोगों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित, परीक्षा 33 जिलों में स्थापित 3,993 केंद्रों पर दो पालियों में आयोजित की गई थी. इसके लिए 16.51 लाख उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कराया था.

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बूम ने बीकानेर की एसपी Preeti Chandra से बात की तो उन्होंने बताया कि नक़ल रोकने के लिये राज्य पुलिस पूरी तरह से प्रतिबद्ध थी. उन्होंने कहा कि ब्लूटूथ से नक़ल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हो चुका है और मुख्य आरोपी तुलसाराम(30) को गिरफ़्तार कर उससे गहन पूछताछ की जा रही है. एसपी ने कहा कि इस पूरे गिरोह में अब तक लगभग 40 लोगों को अलग अलग ज़िलों में पकड़ा जा चुका है. इन लोगों के पास से पुलिस ने ब्लूटूथ डिवाइस, चप्पलें, सिमकार्ड, ख़ाली चेक आदि काफ़ी मात्रा में बरामद किया. Chandra ने कहा कि पूछताछ के दौरान एक परीक्षार्थी ने ही कहा था कि एक जोड़ी ब्लूटूथ चप्पल की क़ीमत उसे 6 लाख रुपये पड़ी थी.

Bluetooth slippers से नक़ल कराने का शातिर तरीक़ा

पुलिस ने बताया कि तुलसाराम और उसकी गैंग के लोग बहुत शातिर तरीक़े से नक़ल करवाते थे. जब पुलिस ने परीक्षा के दौरान राज्य भर में इंटरनेट बंद करने का एलान कर दिया तो नक़ल गिरोह ने ब्लूटूथ का सहारा लिया. इसके लिए नकल गैंग ने बाजार से ऐसी चप्पल खरीदीं, जिन्हें बीच में से काटकर आसानी से वापस जोड़ा जा सके.

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स्पंज वाली इन चप्पलों को काटकर उसका सोल (तला) अलग किया गया. तले में चाकू से कटिंग की गई. मोबाइल की बैटरी, मदर बोर्ड और अन्य मशीनरी के साथ सिम के लिए जगह बनाई गई. मोबाइल की सारी मशीनरी अलग अलग करके उसमें फिट कर दी गई. इसके बाद चप्पल के ऊपरी हिस्से को वापस जोड़ दिया गया. चप्पल की चारों तरफ इस तरह सफाई की गई कि किसी को शक न हो.

परीक्षार्थी के कान में एक छोटा का ईयरफ़ोन लगा होता था जिसकी मदद से नक़ल गिरोह उसे बाहर से हर प्रश्न का उत्तर बताते जाते थे.

सिरोही और सवाई माधोपुर में पुलिसकर्मी भी निलंबित

सवाई माधोपुर में दो पुलिस कांस्टेबलों को उनकी अभ्यर्ती पत्नियों के लिए धोखाधड़ी की सुविधा के लिए कथित संलिप्तता के लिए निलंबित किया गया है. फ़िलहाल दोनों से पूछताछ चल रही है. खबर के मुताबिक़ दोनों ही कांस्टेबलों ने अपनी पत्नियों के लिये पेपर लीक करवाया था. बाद में जब नक़ल गिरोह के लोग पकड़े गये तो उनके मोबाइल फ़ोन से इन दोनों का भंडाफोड़ हुआ.

एसपी Preeti Chandra ने कहा कि दोनों कांस्टेबल को फ़िलहाल निलंबित कर दिया गया है. हमने उनकी पत्नियों को भी हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. नक़ल गिरोह के ख़िलाफ़ हमारा ऑपरेशन चल रहा है सिरोही में एक और कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है.

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