फैक्ट चेक

वारिस पठान और पुलिस की बहस के पुराने वीडियो को लॉकडाउन से जोड़कर झूठी ख़बर बनाई

बूम ने पाया कि वायरल क्लिप कई साल पुरानी है और कोविड-19 के कारण चल रहे लॉकडाउन से संबंधित नहीं है।

By - Anmol Alphonso | 30 April 2020 9:52 PM IST

वारिस पठान और पुलिस की बहस के पुराने वीडियो को लॉकडाउन से जोड़कर झूठी ख़बर बनाई

2016 में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता वारिस पठान ने मुंबई में एक मस्जिद में नमाज़ और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पुलिस अधिकारी के साथ बहस की थी। इसी वीडियो को झूठे दावें देकर देश में चल रहे लॉकडाउन के साथ जोड़ दिया है। दावें के अनुसार वारिस पठान ने पुलिसवाले को धमकी दी, और कहा कि मस्जिद को खुला रहने दें।

यह वीडियो कुछ 56 सेकंड लम्बा है और निम्न लिखें कैप्शन के साथ वायरल किया जा रहा है:

"वारिस पठान - हमारे पुलिसकर्मी के साथ शांतिपूर्ण वार्तालाप करते हुए। ... तालाबंदी के इनके अपने नियम जो वह शांति से हमारी पुलिस को समझा रहे है। संपूर्ण राष्ट्र लॉकडाउन को पालन कर रहा हैं। और उनके पास अलग ही विशेषाधिकार हैं। यदि यह लोग कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं तो क्या हमारे डॉक्टरों को इन लोगो का इलाज करना चाहिए?"

(Waris pathan - peaceful talks with our policeman.. His own rules for lockdown that he peacefully is explaining our police. The entire Nation follows lockdown while they have special privileges. If they get infected ,should our Doctors treat them?)

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हमने पाया कि इस वीडियो को हिंदी कैप्शन के साथ फेसबुक पर शेयर किया जा रहा है:

"मुंबई पुलिस को धमकी दी- मस्जिद जैसी चल रही है चलने दो, माइक की आवाज़ को कम मत करो, मस्जिद को वैसे ही चलने जैसे 60 साल से चल रही है। महाराष्ट्र की क्या हालत है।"

इसी वायरल क्लिप को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोक सभा मेंबर अर्जुन सिंह ने भी ट्विटर पर शेयर किया।



फैक्ट-चेक

वीडियो का स्क्रीनशॉट गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि यह वीडियो नवंबर 2016 का है।

14 नवंबर, 2016 को यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था। इस यूट्यूब वीडियो के विवरण में लिखा था कि यह घटना मस्जिद के लाउडस्पीकर पर हुई थी, जिसके कारण पुलिस और पठान के बीच विवाद हुआ। वारिस पठान उस समय MLA थे।

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2 मिनट 16 सेकंड लम्बे इस वीडियो के पहले 56 सेकंड काट कर शेयर किया जा रहा है।

पूरा वीडियो देखने के बाद पता चलता है की पठान दरअसल लोगो को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कह रहे थे और बोल रहे थे की पुलिस उन्हें परेशान करने नहीं आई हैं।

'मुंबई लाइव' वेबसाइट के अनुसार, जब पुलिस ने उसे मस्जिद में लाउडस्पीकर की मात्रा कम करने के लिए कहा था तो पठान की पुलिस के साथ बहस हो गई।

बूम ने पठान से बात की जिन्होंने कहा कि वीडियो पुराना है और मामला उस ही समय सुलझ गया था।

पठान ने कहा, "यह एक 5-6 साल पुराना वीडियो है, मुझे उस रात मस्जिद के लाउडस्पीकर के मुद्दे को हल करने के लिए बायकला में मेरे घटकों द्वारा बुलाया गया था। मैंने मामले के बीच में आकर पुलिस से बात की थी जिसके बाद मामला तुरंत हल हो गया था और पुलिस ने मुझे धन्यवाद भी किया।" 

इस वीडियो के वायरल होने के बाद वारिस पठान ने मुंबई पुलिस को ट्वीट किया। ट्वीट में पठान ने पुलिस से निवेदन किया है कि वे गलत दावे के साथ वायरल हुए इस वीडियो की जाँच और कार्यवाही करें।



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