राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले व्यक्ति का एक पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल हुआ है । वीडियो को एक कैप्शन के साथ साझा किया जा रहा है, “ #नोटाविरों तौफा कबूल हो!! लो सुन लो #RssBANकी मांग कर रहे #तथाकथितSANTIDOOTमुसलमान जोधपुर में!!”
वायरल पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है कि वीडियो जोधपुर, राजस्थान का है, जहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में है । हालांकि, वीडियो जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का है और इसे 9 सितंबर, 2018 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था ।
यहां वीडियो देखें और इसके अर्काइव्ड वर्शन तक यहां और यहां पहुंचें ।
वीडियो में आदमी को निम्नलिखित कहते हुए सुना जा सकता है |
"अगर सरकार ने समय दिया, तो यह अच्छा है या फिर हम फील्ड पर आएंगे और उधमपुर, दादरी, हरियाणा और दिल्ली तक मार्च करेंगे और अपने दम पर 'काफ़िरों' को सज़ा देंगे। आरएसएस को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना चाहिए । पुलिस विभाग, ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारी यहां मौजूद हैं, जो हम कह रहे हैं उसे अपने अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड करलें । यहां अभी, डोडा जिले के साथ, आरएसएस शाखा का आयोजन किया जा रहा है, जहां वे यहां से हमारे हिन्दू भाइयों को सांप्रदायिक और कट्टरपंथी बना रहे हैं । उन्हें हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है । आरएसएस के इन शाखाओं को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। आरएसएस का एक संगठन डोडा के जोधपुर से संचालित होता है । यदि पुलिस और प्रशासन इन आरएसएस शाखाओं को बंद नहीं करते हैं, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम इसे बंद कर दें चाहे वे दुर्गानगर का हो या जोधपुर या अन्य स्थानों पर चलाए जा रहे हों ।”
वीडियो को इसी तरह के दावों के साथ फ़ेसबुक पर कई राइट-विंग पेजों से शेयर किया गया है।
फ़ैक्ट चेक
यह स्पष्ट है कि यहां उल्लेख किया गया जोधपुर जम्मू-कश्मीर के डोडा का एक गांव है न कि राजस्थान का जोधपुर शहर है ।
बूम ने तब वीडियो की तलाश की और पाया कि यही क्लिप 9 सितंबर, 2018 को यूट्यूब चैनल वॉइस ऑफ कश्मीर पर अपलोड की गई थी, जिसका शीर्षक दिया गया था: ‘फ्री बाबर उल इस्लाम डोडा जेएंडके।’ इस वीडियो में बैकग्राउंड भाषण को म्यूट कर दिया गया है और एक ट्रैक चलाया गया है ।
हमने तब बाबर उल इस्लाम की तलाश की और उस पर कई समाचार रिपोर्ट पाए।
बाबर उल इस्लाम कौन है?
बाबर उल इस्लाम नेहरू या हसन बाबर एक वकील और जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले के एक कार्यकर्ता हैं । आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की अपनी मांग में बाबर काफ़ी मुखर थे । भाषण, वीडियो, जो अब एक भ्रामक दावे के साथ वायरल है, यह भी उनके द्वारा आयोजित एक समान विरोध रैली थी ।
वकील को पुलिस द्वारा कथित रूप से 'सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के माध्यम से आईएसआई एजेंटों और अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ सेना की स्थापना से संबंधित महत्वपूर्ण सुरक्षा और सूचनाओं को शेयर करने' के आरोप में एक से अधिक बार गिरफ़्तार किया गया था और पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत भी बुक किया गया है।